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अनुशासनिक कार्यवाही एवं दंड संबंधी महत्वपूर्ण आदेश



1. निलंबित कर्मचारी को निलंबन के दौरान पदोन्नत नही किया जा सकता, भले ही वह चयनित सूची / पैनल पर हो (RBE 13 /93)

2.अनुशासनिक कार्यवाही के दौरान, निचले वेतनमान, श्रेणी, पद पर पदोन्नति की जा सकती है जो अधिकतम भर्ती ग्रेड तक होगी (RBE 68 / 89)

3. बड़ी शास्ति का मामला विचाराधीन होने पर पदोन्नति नही हो सकती लेकिन सिर्फ छोटी शास्ति संबंधी मामला विचाराधीन हो तो पदोन्नति हेतु विचार किया जा सकता है।(RBE 13/93) 4. ऐसा कर्मचारी जो निलंबित है या जिसके विरुध्द बड़ी या छोटी शास्ति का मामला विचाराधीन या लम्बित है तो उसे चयन में बुलाया जायेगा लेकिन योग्य पाये जाने पर उसी कर्मचारी को पैनल पर रखा जायेगा जिसके विरुध्द सिर्फ छोटी शास्ति का मामला लम्बित है, निलंबित या बड़ी शास्ति विचाराधीन कर्मचारी का नाम पैनल पर लेने / न लेने के संबंध में निर्णय निलम्बन / बड़ी शास्ति संबंधी मामले के अंतिम होने पश्चात होगा।(RBE 13/93)

5. निलंबित या ऐसा कर्मचारी जिसके खिलाफ आपराधिक मामला लम्बित हो, बड़ी शास्ति के अंतर्गत निम्न वेतनमान में पदावनत कर्मचारी को छोडकर, शास्तिधीन कर्मचारी का स्थायीकरण किया जा सकता है।

Rly.Bd's Letter No.831E/25/iv(EIV) dt 15.03.74 (NR PS 6099A) & RBE 13/93)

6. भविष्य की किसी तारिख से प्रभावी होने वाली वार्षिक वेतन वृध्दि रोकने की शास्ति से पूर्व कर्मचारी की पदोन्नति हो सकती है। लेकिन दण्ड पदोन्नति वाले पद पर उतनी अवधि के लिए ही लागू रहेगा जितना की निचले वेतनमान में दिया गया था।

7. किसी न्यायिक निर्णय के विरुद मात्र अपील दायर करने या न्यायालय व्दारा दी गई सजा पर उच्च न्यायालय व्दारा दिये स्थगत (Stay) मात्र से सजा का प्रभाव कम नही होता जब तक कि अपील स्वीकार करते हुए दिये दण्ड को अपीलीय न्यायालय व्दारा निरस्त (Set-aside) नही कर दिया जाता।

इसलिए सक्षम अनुशासनिक प्राधिकारी, फौजदारी न्यायालय (Criminal Court) व्दारा दी गई सजा (conviction) के आधार पर संबंधित कर्मचारी के विरुध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर सकता है या जारी रख सकता है। तथा इस तथ्य का, कि रेल कर्मचारी व्दारा दायर अपील पर उच्च न्यायलय ने निम्न न्यायालय (Trial Court) व्दारा दी गई सजा (Sentence) को, केस के अंतिम निर्णय होने तक स्थगित कर दी है, का कोई प्रभाव नही पड़ेगा । (RBE 65/13)

8. सातवे केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशो को स्वीकार किए जाने के बाद संशोधित वेतन नियमो के अंतर्गत सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 01 जुलाई और 1 जनवरी को वेतन वृध्दि की तारीख के रूप में निर्धारित करना केवल वार्षिक वृध्दि के लिए सबंधित है, यह प्रावधान, उन मामलों में जहाँ शास्ति के रूप में वेतन वृध्दि पर रोक लगाई जाती है पर लागू नही होता है।

 

ऐसे मामलो में जहाँ एक निश्चित समय के लिए वेतन वृध्दि को शास्ति के तौर पर रोका जाता है, ऐसी रोकी गई वेतन वृध्दि को शास्ति का समय समाप्त होने के तत्काल पश्चात बहाल कर दिया जायेगा और इसे अगली 01 जुलाई या 1 जनवरी तक स्थगित नही किया जायेगा यदि शास्ति की अवधि समाप्त होने के बाद आगे आने वाली 01 जुलाई या 1 जनवरी तक संबंधित रेल सेवक ने छ: माह की निर्धारित अर्हक सेवा अर्जित कर ली है.तो वह शास्ति की अवधि समाप्त होने के बाद आने वाली इस 01 जुलाई या 1 जनवरी को अगली वेतन वृध्दि पाने का हकदार भी होगा (इस तथ्य के बावजूद भी कि उस पर लगाई गई शास्ति का उसकी भावी वेतन वृध्दियां पर स्थगनात्मक प्रभाव था )

 

इसी तरह से, जहाँ निचले स्तर पर अवनति की शास्ति लगाई गई हो वहाँ शास्ति की अवधि के समाप्त होने पर तत्काल वेतन को बहाल किया जायेगा जहाँ तक अगली वेतनवृध्दि जारी करने का संबंध है, वह शास्ति की अवधि की समाप्ति के शीघ्र पश्चात प्रदान कर दी जायेगी यदि संबंधित व्यक्ति ने शास्ति की समाप्त होने की तारीख से पूर्व 01 जुलाई या 1 जनवरी को छ: माह की निर्धारित अर्हक सेवा पूरी कर ली है। (RBE 09 /14)

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