अवकाश एवं अवकाश के सामान्य नियम
किसी भी कर्मचारी को उसके सामाजिक, घरेलु, व्यक्तिगत अथवा आकस्मिक कारण से
उचित आज्ञा द्वारा अलग रहने के लिए जो अवधि होती है, उसे छुट्टी माना गया है। प्रशासनिक सुविधा के अनुसार कर्मचारी को छुट्टी की
स्वीकृति अथवा अस्वीकृति की जा सकती है।
1949 से छुट्टी के उदार नियम लागू किए
गए हैं। इससे पहले कम्पनी के छुट्टी नियम (फंडामेंटल नियम) / स्टेट रेलवे छुट्टी नियम लागू
होते थे।
अवकाश के सामान्य नियम
- छुट्टी के मूल नियम के अनुसार, छुट्टियाँ कर्मचारी का अधिकार
नहीं है। कर्मचारी द्वारा मांगी गई छुट्टी स्वीकृत, अस्वीकृत या रद्द भी की जा
सकती है किन्तु कर्मचारी द्वारा मांगी गई छुट्टी का प्रकार सक्षम अधिकारी
द्वारा नहीं बदला जा सकता है।
- किन्तु
वर्तमान में इस नियम की सकारात्मक व्याख्या करते हुए रेलवे बोर्ड ने यह
स्पष्ट किया है कि प्रथम द्रष्टया किसी कर्मचारी को छुट्टी से इन्कार नहीं
किया जाए क्योंकि छुट्टी पर जाना न केवल रेलवे हित में है वरन् कर्मचारी के
लिए भी प्रोत्साहन का काम करता है।
- कर्मचारी द्वारा छुट्टी पर जाने से वह
मानसिक रूप से संतुष्ट रहते हुए ताजगी पूर्वक काम पर लौटता है जिससे रेलवे का
कार्य सुचारू रूप से दक्षतपूर्वक चलता है। अतः सक्षम अधिकारी को अपने अधिनस्थ
कर्मचारियों को छुट्टी लेने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए।
- इसके लिए एक छुट्टी का प्रोग्राम इस तरह
तैयार करना चाहिए कि बारी बारी से सभी कर्मचारी छुट्टी का उपभोग कर सकें और
प्रशासन का कार्य भी सुचारू रूप से चलता रहे।
- जब तक
विशेष परिस्थितियां नहीं हों तब तक छुट्टी के लिए इन्कार नहीं किया जाना
चाहिए और छुट्टी न देने के स्थिति में छुट्टी नहीं देने के कारणों को लिखित में अंकित भी
किया जाना चाहिए।
- सक्षम
अधिकारी द्वारा जमा छुट्टी के आवेदन का स्वरूप नहीं बदल सकता है।
- साधारणतया
छुट्टी उस दिन से प्रारम्भ होती है जिस दिन कार्यभार सौंप दिया जाता है और उस
दिन से पहले वाले दिन समाप्त होती है जब कार्यभार ग्रहण करना हो।
- छुट्टी
समाप्ति से पहले कर्मचारी बिना मंजूरी लिए काम पर नहीं लौट सकते, लेकिन यदि प्रशासन द्वारा
काम पर बुलाया जाता है तो उसे ड्यूटी माना जाएगा और नियमानुसार पास/यात्रा
भत्ता इत्यादि प्रदान किया जाएगा।
- सभी
तरह की छुट्टियां मिलाकर 5 वर्ष की लगातार अवधि से अधिक समय के लिए
स्वीकृति नहीं की जा सकती है। अपवाद स्वरूप असाधारण मामलों में राष्ट्रपति की
स्वीकृति ली जा सकती है।
- एक
प्रकार की छुट्टी से दूसरे प्रकार की छुट्टी में परिवर्तन छुट्टी के उपभोग
करने के
30 दिन के भीतर ही करने की अनुमति है। अर्थात सेवा
निवृति के समय कर्मचारी द्वारा छुट्टी का नकदीकरण करने के उद्देश्य से पूर्व में
प्रचलित छुट्टियों के
पिछले 10 वर्ष के उपभोग का परिवर्त न
वर्तमान में अर्जित अवकाश में करने की अनुमति नहीं है।
- एक प्रकार की छुट्टी का दूसरे प्रकार की छुट्टी से जोड़ने के सम्बन्ध में नियम है कि विशेष बीमारी अवकाश / हास्पीटल छुट्टी /अध्ययन छुट्टी इत्यादि को अन्य छुट्टी के साथ जोड़ा जा सकता है लेकिन आकस्मिक अवकाश के साथ नहीं।
- किसी भी छुट्टी में परिवर्तन छुट्टी के उपयोग करने के 30 दिन के भीतर ही करने की अनुमति है।
- आकस्मिक
अवकाश को विशेष आकस्मिक अवकाश के साथ तथा प्रतिपूरक अवकाश (सी.आर.) के साथ ही
जोड़ने
की
अनुमति होती है।
- केवल आकस्मिक छुट्टी को छोड़कर विषेष बीमारी अवकाश /अस्पताली/ अध्ययन आदि छुट्टियों को अन्य छुट्टियों के साथ जोड़कर लिया जा सकता है।
- कार्यालय
में कलैण्डर वर्ष में 17 छुट्टियों से अधिक नहीं मनाई जाएगी। इनमें 14 अनिवार्य तथा 3 राष्ट्रीय अवकाश होते हैं।
छुट्टी के प्रकार
छुट्टियाँ निम्न प्रकार की होती हैं -
औसत वेतन छुट्टी /अर्जित अवकाश (LAP) - प्रतिवर्ष 1 जनवरी एवं 1 जुलाई को कर्मचारी के छुट्टी खाते में 15-15 दिन क्रेडिट प्रदान किया जाता है। इस प्रकार पूरे वर्ष में 30 दिन, जिसे वर्ष के अन्त में बकाया होने पर अगले वर्ष के प्रारम्भ में मय क्रेडिट के जोड़ दिया जाता है।
औसत वेतन छुट्टी /अर्जित अवकाश (LAP) - प्रतिवर्ष 1 जनवरी एवं 1 जुलाई को कर्मचारी के छुट्टी खाते में 15-15 दिन क्रेडिट प्रदान किया जाता है। इस प्रकार पूरे वर्ष में 30 दिन, जिसे वर्ष के अन्त में बकाया होने पर अगले वर्ष के प्रारम्भ में मय क्रेडिट के जोड़ दिया जाता है।
- औसत वेतन छुट्टी पूरे सेवाकाल के दौरान कुल 300 +15 दिन की अवधि तक इसे एकत्रित किया जा सकता है, सेवा निवृति के समय 300 दिनों छुट्टी का नगदीकरण कर, इसका भुगतान सेवा निवृति लाभों के साथ ( मासिक वेतन में मँहगाई भत्ता मिलाकर) प्रदान किया जाता है।
- इस छुट्टी की स्वीकृति भारत वर्ष में 120 दिन की अवधि तक एवं विदेश में उपयोग करने हेतु 180 दिन की अवधि तक प्रदान की जा सकती है।
- इस छुट्टी को आकस्मिक अथवा अन्य किसी छुट्टी के साथ जोड़कर नहीं दिया जा सकता। लेकिन अवकाश (विश्राम) के साथ जोड़कर दिया जा सकता है।
- इस छुट्टी को आकस्मिक अवकाश के साथ जोड़कर नहीं दिया जा सकता लेकिन सिक लीव अथवा साप्ताहिक विश्राम के साथ जोड़कर दिया जा सकत है।
अर्द्ध औसत वेतन छुट्टी (HLAP) : नियम पैरा 526 आई.आर.ई.सी.-।
- ये छुट्टी प्रत्येक क ैलेण्डर वर्ष में 1 जनवरी एवं 1 जुलाई को 10-10 दिन कर्मचारी के छुट्टी खाते में अग्रिम क्रेडिट के रूप में प्रदान की जाती है। इस प्रकार पूरे वर्ष में 20 दिन के अर्द्ध वेतन के बराबर, जिसे बढाकर अगले वर्ष के प्रारम्भ में नए क्रेडिट के साथ जोड़ दिया जाता है।
- एक बार में इसकी स्वीकृति 24 महीने के अर्द्ध वेतन के बराबर की जाती है।
- इस छुट्टी का नगदीकरण सेवा निवृति के समय नहीं किया जा सकता है। जबकि छठे वेतन आयोग के अनुसार सेवा निवृति पर अर्जित अवकाष 300 दिन का नहीं होने पर अर्द्ध वेतन औसत अवकाष का लाभ दिया गया है।
- इस छुट्टी का उपयोग अधिकतम बीमारी के कारणों से की जाने वाली छुट्टी के लिए किया जाता है।
- कर्मचारी यदि चाहे तो अर्जि त छुट्टी के बकाया होने पर भी अर्द्ध वेतन छुट्टी, यदि उसके खाते में हो तो इसकी स्वीकृति हेतु आकस्मिक कारणों से प्रार्थना कर सकता है। ऐसे मामलो में कर्मचारी को अर्द्ध वेतन उस अवधि मे दिया जा सकता है एवं बाकी अर्द्ध दिवस उसकी छुट्टी खाते में समायोजित करने का प्रावधान है।
समपरिवर्तित छुट्टी (Commuted Leave) : नियम पैरा 527 आई.आर.ई.सी.-।
चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर ली गई छुट्टी को कर्मचारी ड्यूटी पर आने के पश्चात 1 महीने की अवधि के भीतर लिखित रूप में फिट सर्टिफिकेट के साथ अपना विकल्प प्रस्तुत कर देगा। इस प्रकार इस अवधि को अर्द्ध वेतन छुट्टी में बदलवा सकेगा, इस तरह से बदली हुई अवस्था को सम-परिवर्ति त छुट्टी माना गया है।
इसमें 1 दिन की अवधि को 2 अर्द्ध वेतन में बदल दिया जाता है। यह छुट्टी अर्द्ध वेतन छुट्टी के बकाया होने पर समायोजित कर दी जाती है।
अनार्जित छुट्टी (LND) : नियम पैरा 528 आई.आर.ई.सी.-।
जब कर्मचारी के छुट्टी खाते में किसी भी प्रकार की छुट्टी बाकी न हो एवं वह गम्भीर बीमारी के कारण लम्बी अवधि में चिकित्सा प्राप्त कर रहा हो एवं उसे इस कारण वेतन नहीं मिल पा रहा हो, तो छुट्टी स्वीकृत करने वाले अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित कर लिए जाने के पश्चात कि कर्मचारी वास्तव में गम्भीर बीमारी से पीड़ित है एवं चिकित्सक की राय में वह ड्यूटी पर आने में अयोग्य है, लेकिन निकट भविष्य में वह स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करके ड्यूटी पर लौटकर आ सकेगा एवं शेष सेवा अवधि में अग्रिम रूप से दी जाने वाली अर्द्ध वेतन छुट्टी को अर्जित कर सकेगा, यह मानकर वह उसे अग्रिम अर्द्ध वेतन छुट्टी की स्वीकृति प्रदान कर सकेगा, जिसे भविष्य में ड्यूटी पर लौट आने को पश्चात प्रतिवर्ष अर्जित की जाने वाली अर्द्ध वेतन छुट्टी में से कम कर दिया जाएगा।
यह अवकाश एक बार में चिकित्सा प्रमाण पत्र के बिना अधिकतम 90 दिन चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर 180 दिन एवं पूरे सेवाकाल के दौरान अधिकतम 360 दिन तक के अर्द्ध वेतन के बराबर इस छुट्टी की स्वीकृति प्रदान की जा सकती है।
असाधारण छुट्टी (Extra Ordinary Leave) : नियम पैरा 530 आई.आर.ई.सी.-।
किसी भी कर्मचारी के खाते में किसी भी प्रकार की छुट्टी बकाया हो अथवा न हो, अनधिकृत रूप से अनुपस्थिति के कारण स्थाई कर्मचारियों के मामले में 5 वर्ष की अवधि तक असाधारण छुट्टी की स्वीकृति बिना वेतन के चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अथवा बिना चिकित्सा प्रमाण के आधार पर स्वीकृत की जा सकती है।
चिकित्सा के कारणों को उचित चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर सक्षम अधिकारी यदि उचित समझे तो इस अवधि को अहर्क (क्वालिफाइंग) सेवा में जोड़ा जा सकता है अथवा नहीं।
अस्थायी कर्मचारियों के मामले में प्रथम 3 महीने की अवधि तक बिना चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर, 3 महीने की अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात 6 महीने की अवधि तक उचित चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर एवं गम्भीर बीमारियों के मामले में अधिकतम 18 महीने की अवधि तक असाधारण छुट्टी की स्वीकृति बिना वेतन के की जा सकती है।
अध्ययन छुट्टी (Study Leave) : नियम पैरा 556 आई.आर.ई.सी.-।
यह अवकाश उस रेल कर्मचारी को देय है जिसने 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो अथवा अध्ययन अवकाष से लौटने के पश्चात तीन वर्ष की सेवा शेष रही हो। यह उस पाठ्ययक्रम के लिए मिलती है जो उसके कार्य क्षेत्र से सम्बन्धित हो और सरकार के लिये लाभप्रद हो। यह एक बार में 12 माह तथा पूरे सेवा काल में 28 महिने तथा पी॰एच॰डी॰ अध्ययन के लिये 36 महिने तक देय है।
प्रसूति छुटटी (Maternity Leave ) : नियम पैरा 551 आई.आर.ई.सी.-।
यह उन महिला र ेल कर्मचारी को प्रदान की जाती है जिसके प्रसूति के समय दो से अधिक जीवित बच्चे मौजूद नहीं हो । इसके तहत 180 दिन अवकाश प्रदान किया जाता है। गर्भपात की अवस्था में यह 6 सप्ताह से अधिक नहीं होगी। यह डाॅक्टरी प्रमाणपत्र के आधार पर ही देय है। अविवाहित महिला कर्मचारी को भी यह सुविधा देय है तथा महिला कर्मचारी को बच्चा गोद लेने पर भी यह छुट्टी दिया जाता है।
पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) : नियम पैरा 551/1 आई.आर.ई.सी.-।
यह अवकाष दो जीवित बच्चों तक के लिए पुरूष रेल कर्मचारियों को देय है। यह अवकाष कर्मचारी को पत्नि की प्रसूति की सम्भावित तारीख से 15 दिन पहले अथवा प्रसूति के 6 माह के अन्दर लिया जा सकता है, जो कि एक मुश्त रूप में स्वीकृत किया जाता है। प्रसूति के 6 माह पश्चात यह अवकाश देय नही होगा।
अस्पताली छुट्टी (Hospital Leave) : नियम पैरा 554 आई.आर.ई.सी.-।
यह अराजपत्रित ग्रुप ‘सी’ एवं ‘डी’ के कर्मचारियो को ड्यूटी पर कार्य करते हुये होने वाली क्षति के लिए प्रदान की जाती है। यह अवकाष 24 माह से अधिक अनुमेय नहीं होता है। इसके दौरान पहले 120 दिन तक पूरा वेतन व शेष के लिए आधा वेतन प्रदान किया जाता है। विषेष परिस्थितियों में यह छुट्टी और अधिक दिन के लिए (120 से अधिक) पूरे वेतन पर स्वीकृत की जा सकती है।
विषेष निःषक्तता छुट्टी (Special Disability Leave) : नियम पैरा-552 आई.आर.ई.सी -।
यह अवकाष सभी श्रेणी के रेल कर्मचारियों को जिनको ड्यूटी करते हुये या उसके परिणाम स्वरूप या अपनी पदीय स्थिति के कारण शारीरिक क्षति पहुंची हो और वह निःषक्त हो गये हो। यह छुट्टी डाक्टरी प्रमाणपत्र के आधार पर उसकी आवष्यकतानुसार देय है। परन्तु यह 24 माह से ज्यादा नहीं हो। पहले 120 दिन औसत वेतन के बराबर और शेष अवधि के लिए आधे वेतन पर अनुमेय होती है।
आकस्मिक छुट्टी
रेल कर्मचारियों को एक केलेण्डर वर्ष में 8, 10 एवं 13 क्रमशः पात्रता के अनुसार आकस्मिक छुट्टी प्रदान की जाती है। इस छुट्टी पर छुट्टी के सामान्य नियम लागू नहीं होते अतः तकनीकी रूप से आकस्मिक छुट्टी लेने पर कर्मचारी को अनाधिकृत गैर हाजिर नहीं माना जा सकता, न ही इस आधार पर उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही की जा सकती है।
ऐसे कर्मचारी जिन्हें राजपत्रित अवकाश का लाभ मिलता है उन्हें केलेण्डर वर्ष में 8 दिन की तथा ऐसे कर्मचारी जिन्हें इसका लाभ नहीं मिलता है उन्हें 10 दिन की एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारियों को 13 दिन की आकस्मिक छुट्टी अनुमेय होती है।
ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति वर्ष के अन्त में हुई हो अथवा जिनकी सेवा निवृति वर्ष के प्रारम्भ के महिने में हो उन्हें भी पात्रता अनुसार पूरा आकस्मिक अवकाश अनुमेय होता है। इसके दौरान पड़ने वाले राजपत्रित/सार्वजनिक अवकाशों को नहीं गिना जाता है।
कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों को अथवा दो पारियों मे काम करने वाले कर्मचारियों को आधे दिन का आकस्मिक अवकाश भी अनुमेय होता है। इसे एक साथ अधिकतम सीमा तक भी स्वीकृत किया जा सकता है।
विशेष आकस्मिक छुट्टी
निम्नलिखित मामलों मे विशेष आकस्मिक छुट्टी सक्षम अधिकारी द्वारा मंजूर की जा सकती है, जिसकी अवधि उद्देश्य अनुसार एक दिन से 90 दिन तक हो सकती है।
- रेलकर्मी सहकारी समितियों के प्रशासन से सम्बंधित कार्यो को देखने के लिये
- पुरूष नसबन्दी आपरेशन
- पत्नी का टयूवेक्टोमी, लेप्रोस्कोपिक आपरेशन
- महिला कर्मचारी को बंध्याकरण
- आई.यू.सी.डी. लगवाने पर
- पति का नसबन्दी आपरेशन
- राष्ट्रीय चैम्पीयनशीप
- राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय खेल
- राज्य की टीम
- साधारण खेल
- पर्वतारोहण अभियान
- ट्रेकिंग अभियान
- ब्रिज टूर्नामेन्ट
- राष्ट्रीय शारीरिक क्षमता अभियान
- स्काउंटिग डयूटी
- गणतंत्र/स्वतंत्रा दिवस परेड़, स्वैच्छिक रक्तदान, रेलवे सुरक्षा दल की वार्षिक बैठक इत्यादि में भी देय है
प्रतिपूरक छुट्टी (सी.आर./सी.सी.एल.)
यह छुट्टी साप्ताहिक विश्राम के दिन ड्यूटी करने के एवज में प्रदान की जात है। इसे एक माह के भीतर उपभोग करना होता है। अधिकतम एक बार में 3 सीआर/सी.सी.एल. स्वीकृत किए जा सकते हैं। यह छुट्टी कार्यालय कर्मचारी में ग्रुप ‘सी’ एवं ‘डी’ को रविवार या अन्य छुट्टियों के दिन काम करने के एवज में प्रदान की जाती है।
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