ड्यूटी पास, ड्यूटी पर यात्रा करने के लिए दिये जाते है. ये धातु पास, कार्ड पास और चेक पास के रूप में होते है।
1. धातु पास – राजपत्रित अधिकारियों को स्थायी तौर पर दिये जाते है. अधिकारी, उसका परिवार और एक परिचर (दूसरे दर्जे में) यात्रा कर सकते है अधिक – से – अधिक 4 बर्थ या चेयर आरक्षित हो सकती है।
धातु पास चार प्रकार के है :प्लेटिनम, स्वर्ण , रजत और कांस्य
(1) प्लेटिनम पास :बोर्ड सदस्यों को सेवा अवधि में और रिटायर्ड होने पर मिलने वाली सुविधाये अन्य अधिकारियों से भिन्न होती है. उनके लिए बोर्ड ने प्लेटिनम पास जारी करने का निर्णय किया. 30.4.97 को बोर्ड के सभी वर्तमान सदस्य जिसमें अध्यक्ष और वित्त आयुक्त शामिल होंगे, इस पास पर वह ड्यूटी पर और सुविधा खाते पर यात्रा कर सकेगे, रिटायर्ड होने पर कार्ड पास पर नियमानुसार पास सुविधा मिलेगी। पहले रिटायर्ड होने पर भी प्लेटिनम पास देने की व्यवस्था थी जिसे वापिस ले लिया गया।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (डब्ल्यू) 97 पी.एस. 5 – 1/23 , दिनांक 30.4.97, 9.5.97 , 3.6.97 और 22.12.97
नोट - दिल्ली हाईकोर्ट के जनहित याचिका सं. 2202/97 पर निर्णय के आधार पर रेल मंत्रालय ने प्लेटिनम पास के बदले में कार्ड पास की योजना समाप्त कर दी है। इसलिए इस बारे में जारी पिछले आदेश रद्द कर दिये गये है। अब सेवारत / रिटायर्ड बोर्ड सदस्य फिर उन्हींसुविधाओं के हकदार रहेंगे जो पहले उन्हें मिलती थी। 1998 के वर्ष में प्लेटिनम पास /कार्ड पास जो सुविधाये वे ले चुके थे उनके बावजूद उन्हें वर्ष में मिलने वाली पूरी सुविधा / मानार्थ पास मिलेंगे।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (डब्ल्यू) 97 पी. एस. 5-1/23, दिनांक 8.6.98. आर.बी.ई. 124/98.)
रेल मंत्री, रेल राज्य मंत्री, उपमंत्री को स्वर्ण पास–उनके पद पर रहने के दौरान सरकारी ड्यूटी पर यात्रा के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा यात्राओं के लिए उन्हें छ: सेट प्रथम श्रेणी / वातानुकूलित श्रेणी के मानार्थ चेक पास स्वयं और परिवार के पात्र सदस्यों के लिए मिलेंगे। यात्रा की अन्य शर्त वही होगी जो बोर्ड के सदस्यों के लिए होती है।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (डब्ल्यू.) 97 पी. एस. 5-7/7, दिनांक 4.5.99, आर, बी. ई. – 93/ 99.)
स्वर्ण पास –बोर्ड के अध्यक्ष, वित्त आयुक्त और सभी सदस्यों को मिलेगा साथ ही उन अधिकारियों को जो ग्रेड और स्तर में बराबर हो, मुख्य प्रबंधक को स्वर्ण पास मिलेगा,मुख्य आयुक्त रेल सुरक्षा तथा रेलों के उत्पादन इकाइयों औरअन्य संस्थानों के महा प्रबन्धक को भी स्वर्ण पास मिलेगा। इनके अलावा यह उन सभी अधिकारियों को मिलेगा जो 24,050 – 26,000 रु. और अधिक के वेतनमान में हो और सीधे बोर्ड को रिपोर्ट करते हो। जो 22,400 – 24,500 रु. के बोर्ड के अधिकारी या बोर्ड को रिपोर्ट करने वाले अधिकारी अभी स्वर्ण पास पाते है, उन्हें यह उनके वर्तमान पद पर बने रहने तक व्यक्तिगत आधार पर मिलता रहेगा।
(आर.बी.ई. 286/99, दिनांक 8.11.99)
रजत पास – वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड अधिकारियों और सभी विभागाध्यक्षों को मिलते है। वे स्वयं वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में यात्रा करने के लिए एक बर्थ पाते है, परिवार के सदस्य अन्य श्रेणियों में तीन बर्थ और पा सकते है।
कांस्य पास – शेष राजपत्रित अधिकारियों को मिलते है।
• केवल प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारी सभी भारतीय सरकारी रेलों पर यात्रा करने के लिए कांस्य पास पाते है। बाकीअधिकारियों को अपनी क्षेत्रीय रेल पर यात्रा के लिए कांस्य पास दिये जाते है।
• स्वर्ण, रजत और सभी रेलों पर मानी कांस्य पास रेलवे बोर्ड जारी करता है।
• कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारी जो 45000 रु. वेतन पाते है वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में ड्यूटी पर एक बर्थ ले सकते है। इसके लिए उन्हें एक अधिकारी पत्र दिया जाता है।
• यदि धातु पास न हो तो बदले में कार्ड पास दिया जाता है और उसमें लिख दिया जाता है कि धारक को धातु पास की सुविधाये मिलेगी।
2. कार्ड पास – ड्यूटी पर यात्रा को, एक निश्चित अवधि के लिए, किसी भी ग्रुप के कर्मचारी को दिया जा सकता है। सामान्य तौर पर यात्राओं के लिए चेक पास दिये जाते है। कार्ड पास तभी दिये जाते है जब कर्मचारी को बार – बार यात्रा करनी पड़ती हो। इसे उस इलाके तक सीमित किया जा सकता है जिसमें यात्रा करनी हो। कार्ड पास में फोटो भी लगाया जाता है।
नोट :-अवर सहायक ग्रेड (JAG) से निम्नतर पदाधिकारियों को अखिल भारतीय वैधता वाले कार्ड पास निर्गत करना –
सामान्यतः यह पास JAG या ऊपर वाले अधिकारियों को निर्गत किये जाते है किन्तु महाप्रबंधक की निजी सम्मति से, वस्तु स्थिति का मूल्यांकन करके, न्यायोचित ढंग से अवर सहायक ग्रेड से छोटे अधिकारियों/ कर्मचारियों को निर्गत किया जाएगा।
(बोर्ड का पत्र संख्या ई. (डब्ल्यू) 2000 पी. एस. 5 – 1/21, दिनांक 26.9.2002, आर,बी.ई. 175/2002.)
ड्यूटी पास के बारे में कुछ सामान्य नियम
(1) यदि किसी ग्रुप ‘ए’ या ‘बी’ अधिकारी को अपनी यात्रा बीच में रोकनी पड़े या अपने परिवार को छोडकर हवाईजहाज या किसी अन्य साधन से यात्रा करनी पड़े तो उसके परिवार वालो को लौटने के लिए उसी क्लास का पास दिया जाएगा, जो सुविधा खाते में मिलता।
(2) ग्रुप ‘ए’ प्रोबेशन का परिवार, ड्यूटी पास में शामिल हो सकता है, जब वह विभिन्न प्रशिक्षण स्थानों पर यात्रा करे।
(3) यदि पास जारी करने वाला अधिकारी संतुष्ट हो कि कार्य दृष्टि से यह उचित है तो ड्यूटी चेक / कार्ड धातु पास पर साइकिल या मोटर साइकिल को शामिल करने की अनुमति दी जा सकती है।
(4) कार्ड पास ‘एक क्लर्क’ एक इंस्पेक्टर’ के लिए जारी नही किये जायेंगे। जब ड्यूटी कार्ड पास जारी करना आवश्यक हो तो संबंध कर्मचारी के नाम से पास बनाकर उसका पासपोर्ट साइज का फोटो चिपकाना होगा। प्रत्येक रिजर्वेशन पर यात्रा के विवरण पास पर लिखे जायेंगे और नियंत्रण अधिकारी यात्रा भत्ता पास करते समय ये विवरण देखेगा। टिकट की जाँच करने वाले कर्मचारियों की भी ड्यूटी होगी कि वे कार्ड पास पर यात्रा के विवरण देखे।
(5) रेल कर्मचारी धातु, प्रथम श्रेणी ‘ए’ और प्रथम श्रेणी ड्यूटी पास पर अपने साथ दूसरी श्रेणी में अपना परिचर ले जा सकता है।
(6) छुट्टी पर (आकस्मिक छुट्टी छोडकर) या ट्रांसफर पर जाते समय अपना कार्ड /धातु पास जमा कर देना चाहिए।
(7) रिटायर्ड होने पर मेटल या ड्यूटी कार्ड पास जमा करके पास अनुभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लेना चाहिए। इन्हें जमा न करने पर भी सेवोत्तर मानार्थ पास मिल सकेगा,परंतु मेटल पास का तिगुना मूल्य वसूल किया जाएगा।
(आर. बी.ई. – 104/2000, दिनांक 31.5.2000.)
(8) ड्यूटी कार्ड पास धारी कर्मचारी को ड्यूटी कार्ड पास की परिशिष्ट में प्रत्येक यात्रा का विवरण भरना होगा। 30.6.2002 के बाद अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी कार्ड पास में यात्रा का विवरण भरे बिना यात्रा करता हुआ पाया गया तो उसे बिना टिकट यात्री माना जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (डब्ल्यू) 2002 पी.एस. 5 – 1/10 , दिनांक 21.5.2002)
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