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रेल सेवक कार्य के घंटे एवं विश्राम अवधि के नियम HOER EMPLOYMENT & REGULATION

रेल सेवक कार्य के घंटे  एवं  विश्राम अवधि के नियम के उद्देश्य

  • कर्मचारियों के प्रतिदिन के कार्य के घंटों का निर्धारण करना।
  • कर्मचारियों के प्रति सप्ताह एवं प्रतिदिन के विश्राम के घंटों का निर्धारण करना।
  • कर्मचारियों को अधिक करवाए गए कार्य के लिए ओवरटाइम राशि का भुगतान करना।
वर्गीकरण

इन नियमों के तहत कर्मचारियों को निम्नलिखित चार कोटियां में वर्गीकृत किया गया है -

गहन (इन्टन्सिव)

  • जिन कर्मचारियों को उनके 6 घंटे की शिफ्ट ड्यूटी में एक घंटे से भी कम निष्क्रियता अवधि होती है, बाकी समय वह शारीरिक एवं मानसिक तौर पर व्यस्त रहते हैं। ऐसे कर्मचारियों को गहन वर्गीकरण में सम्मिलित किया गया है।
  • इन कर्मचारियों को प्रतिदिन औसत 6 घंटे, प्रति सप्ताह औसत 42/45 कार्य घंटे एवं प्रति सप्ताह में दिए जाने वाले विश्राम की अवधि लगातार 30 घंटे की होगी।
  • इस वर्ग में गाड़ी नियंत्रक, टलीफोन आॅपरेटर, मोटरमेन, पेनल एवं आरआर.आई. पर कार्यरत स्टेशन मास्टर इत्यादि को शामिल किया गया है।

निरन्तर (कन्टीनअस)

  • जिन कर्मचारियों को उनके 8 घंटे की शिफ्ट ड्यूटी में 2 घंटे से कम निष्क्रियता अवधि होती है एवं बाकि समय वह शारीरिक एवं मानसिक तौर पर व्यस्त रहते हैं। ऐसे कर्मचारियों को निरन्तर वर्गीकरण में सम्मिलित किया गया है।
  • इन कर्मचारियों को प्रतिदिन औसत 8 घंटे, प्रति सप्ताह औसत 48/54 घंटे कार्य सीमा एवं एक विश्राम लगातार 30 घंटे का देने का प्रावधान है।
  • इस वर्गीकरण में मुख्य रेल मार्गो  पर जहाँ गाड़ियों का परिचालन कार्य अधिक हो वहाँ के गाड़ी संचालन के कार्य से जुड़े हुए कर्मचारियों - स्टेशन मास्टर, केबिनमेन,  बुकिग क्लर्क, रनिंग कर्मचारियों को शामिल किया गया है।

आवश्यक रूप से विरामी (एशेन्सियल इन्टरमिटेन्ट)

  • जिन कर्मचारियों को उनकी 12 घंटे की शिफ्ट ड्यूटी में लगातार शारीरिक एवं मानसिक एकाग्रता बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती एवं 12 घंटे की शिफ्ट ड्यटी में 6 घंटे से अधिक की निष्क्रियता अवधि होती है, ऐसे कर्मचारियों को आवश्यक रूप से विरामी वर्गीकरण में सम्मिलित किया गया है।
  • इन कर्मचारियों को प्रतिदिन 10/12 घंटे, औसत साप्ताहिक ड्यटी 60/72 एवं 75 कार्य घंटे एवं एक साप्ताहिक विश्राम लगातार 24 घंटे का होगा जिसमें एक रात्रि का शामिल होना अनिवार्य माना गया है।
  • इस वर्ग में ब्रान्च लाइन पर कार्य करने वाले गाड़ियों  के परिचालन से सम्बन्धित सभी विभागीय कर्मचारी जैसे - स्टेशन मास्टर,  केबिनमेन, , बुकिग क्लर्क ,  केयर टेकर, फाटकवाला आदि को शामिल किया गयाहै।

अप वर्जित (एक्सक्लूडेड)

  • जिन कर्मचारियों का दायित्व कार्य के प्रति 24 घंटे लगातार होता है, लेकिन शारीरिक एवं मानसिक तौर पर 6 घंटे से  अधिक व्यस्त नहीं रहते, ऐसे कर्मचारियों को अप वर्जित वर्गीकरण में शामिल किया गया है।
  • इन कर्मचारियों के प्रतिदिन कार्य के घंटों, प्रति सप्ताह के कार्य के घंटे एवं विश्राम की सीमा के घंटे एवं ओवरटाइम प्रदान करने का प्रावधान नहीं होता। इन कर्मचारियों को दो सप्ताह में एक बार लम्बा विश्राम सक्षम अधिकारी द्वारा देने का प्रावधान है।
  • इस वर्ग में पर्यवेक्षक, अनुदेशक निरीक्षक एवं स्टेशन प्रबन्धक आदि को शामिल किया गया है।

इन नियमो  के तहत उपरोक्तानुसार वर्गीकृत किए गए विभिन्न कर्मचारियों के कार्य घंटा  को चार्ट द्वारा दर्शाया गया है –


परिभाषाएं

विश्राम भंग (शाॅर्ट आफ)

इस विनिमय घंटे अन्तर्गत अलग-अलग वर्गीकरण के अनुसार प्रतिदिन दो शिफ्ट के बीच विश्राम दिया जाता है, उसकी निश्चित सीमा निर्धारित की गई है, यदि इस अवधि से पूर्व कर्मचारी को ड्यूटी पर बुला लिया जाता है तो उसे विश्राम भंग माना जाएगा, जिसकी सीमा निम्न प्रकार से है-
  • गहन (इन्टेन्सिव) - 12 घंटे से पूर्व बुलाने पर
  • निरन्तर (कन्टीनुअस) - 10 घंटे से पूर्व बुलाने पर
  • आवश्यक रूप से विरामी - 08 घंटे से पूर्व बुलाने पर

लाँग आन
इस विनिमय के अन्तर्गत कार्य करने वाले कर्मचारियों को शिफ्ट ड्यटी के अतिरिक्त अधिकतम घंटों तक कार्य करने की निश्चित सीमा निर्धारित की गई है, यदि इससे अधिक कार्य किया जाएगा तो उसे लाँग आन माना जाएगा, जो कि निम्न प्रकार से है -
  • गहन (इन्टेन्सिव) - 06 घंटे से अधिक ड्यूटी कराने पर
  • निरन्तर (कन्टीनुअस) - 10 घंटे से अधिक ड्यूटी कराने पर
  • आवश्यक रूप से विरामी - 12 घंटे से अधिक ड्यूटी कराने पर
खंडित पारी (स्प्लिट शिफ्ट)
    जिन कर्मचारियों की शिफ्ट ड्यटी में आधे घंटे से अधिक अथवा 1 घंटे से अधिक अवधि के अनतराल होते हैं तो इन कर्मचारियों को उनकी शिफ्ट ड्यूटी में अधिक से अधिक दो अनतराल आधे घंटे से अधिक लेकिन एक घंटे से कम अवधि के लिए एवं एक अन्तराल एक घंटे से अधिक अवधि का उसकी रोस्टर ड्यूटी में दिया जाएगा। इस प्रकार किसी भी शिफ्ट ड्यूटी में तीन से अधिक अन्तराल नहीं होने चाहिए। इस प्रकार से विभाजित की गई शिफ्ट ड्यूटी को खंडित पारी माना गया है जो कि अधिकतम आवश्यक रूप से विरामी रोस्टर में प्रदान की जाती है एवं कभी कभी निरन्तर रोस्टर में भी प्रदान की जाती है। स्प्लिट ड्यूटी के कर्मचारियों को रेलवे आवास कार्य स्थल पर ही उपलब्ध करानके नियम हैं।

    रात्रि ड्यूटी (नाइट ड्यूटी) 

    काल नियोजन विनिमय के प्रावधानों के अन्तर्गत रात्रि के 10 बजे से सवेरे के 6 बजे केमध्य की गई ड्यूटी को रात्रि पारी माना जाता है जिसके लिएरात्रि भत्ता नियमानुसार दिया जाता है।

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