रेल कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएं
रेल प्रशासन द्वारा रेल कर्मचारियों को इन्डोर एवं आउटडोर चिकित्सा सुविधाएं रेलों पर स्थित 124 अस्पताल, 657 स्वास्थ्य यूनिट एवं 5 अति विशेषज्ञ सुविधाओं वाले अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराई गई है जिसमें लगभग 2550 कुशल डाॅक्टरों की देखरेख में इलाज एवं परिचर्या की सुविधाएं प्रदान कराई जाती है।
चिकित्सा सुविधा के लिए पात्रता
रेलवे कर्मचारी स्वयं, उसके परिवार के सदस्य एवं आश्रित रिश्तेदार (पास नियमों के अनुसार) चाहे वे किसी भी समूह के हों, चिकित्सा सुविधा पाने के हकदार हैं। जहाँ पर पति पत्नी दोनों ही रेल कर्मचारी हों, वे अपने पद के अनुसार जो भी अनुकूल हो, चिकित्सा परिचर्या व सुविधाओं का उपभोग कर सकते हैं तथा उनके बच्चों को माता पिता में से किसी भी एक की हैसियत से चिकित्सा सुविधा तथा होने वाले व्यय के प्रतिपूर्ति का दावा करने की अनुमति दी जा सकती है।
अन्य वर्ग जो नियम व शर्तों के अनुसार चिकित्सा सुविधा पाने के हकदार हो सकते है -
- सेवा निवृत रेल कर्मचारी (विकल्प देने पर)
- पुर्न नियुक्त रेल कर्मचारी
- रेलवे संरक्षा आयोग के कर्मचारी और अधिकारी
- लेखा परीक्षा विभाग के कर्मचारी जो रेलवे से सम्बन्धित हों
- रेल कर्मचारी जो सार्वजनिक उपक्रम - राइट्स, इरकाॅन, काॅनकोर, केआर.सी., रेट , आर.वी.एन.एल. इत्यादि में प्रतिनियुक्ति पर हों
- रेल कर्मचारी जो ट्रेड यूनियन में प्रतिनियुक्ति पर हो
- अर्द्ध रेलवे संगठन जैसे - उपभोक्ता सलाहकार समिति, रेलवे कर्मचारी हित निधि समिति, रेलवे इंस्टीट्यूट, आॅफीसर क्लब व अन्य समितियां
- अप्रेंटिस
- प्रादेशिक सेना में भर्ती/कमीशन प्राप्त रेल कर्मचारी
- सरकारी रेलवे पुलिस के कर्मचारी
- रेल कर्मचारियों के निजी सेवक
- आकस्मिक मजदूर जो रेलवे की परियोजना में कार्यरत हो
- रेलवे प्रशासनों द्वारा नियुक्त ठेकेदार, उनके परिवार के सदस्य, लाइसेंस प्राप्त पोर्टर
- कमीशन पर वेन्डर
- रेलवे ब्रिज अधिकारी
- अन्य प्राइवेट व्यक्ति/यात्री
- अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारी इत्यादि
चिकित्सा सुविधा सम्बन्धी अन्य प्रावधान एवं नियम
- रेल कर्मचारी बीमार पड़ जाए व निवास स्थान पर रहने के लिए विवश हो तो डाॅक्टरी देंखभाल की सुविधा निवास स्थान पर निःशुल्क प्रदान की जाती है।
- अन्य मामलों में निर्धारित फीस का भुगतान करने पर यह सुविधा दी जा सकती है लेकिन वाहन सुविधा के लिए कोई अतिरिक्त फीस नहीं ली जा सकती।
- महिला रेलवे कर्मचारी और रेलवे कर्मचारी के परिवार की महिला सदस्य के लिए अपने निवास स्थान पर मुफ्त प्रसुति सेवा प्रदान की जा सकती है और निर्धारित फीस का भुगतान करने पर प्रसव के बाद घर पर 10 दिन तक देखरेख की सुविधा भी प्रदान की जा सकती है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में पदस्थ रेल कर्मचारियों को आपातकालीन चिकित्सा/उपचार के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा हवाई यात्रा की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
- रेलवे कर्मचारी अपने या परिवार के या आश्रित का इलाज करवा रहा हो तो उसे प्राधिकारी चिकित्सा परिचारक से परामर्श कर इलाज लेना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करे तो डाॅक्टरी खर्च की प्रतिपूर्ति का दावा अनुमेय नहीं होगा। आकस्मिकता अथवा आवश्यकता पर मामले को रेफर करवाकर अन्य अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है जिसके लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रतिपूर्ति का दावा स्वीकार करने के नियम बने हैं।
- रोग की जाँच एवं विशेष परीक्षण जिनकी सुविधा नजदीकी सरकारी अस्पताल में भी उपलब्ध नहीं हो तो अन्य किसी निजी जाँच लैब सक्षम अधिकारी की स्वीकृति से कराकर खर्च की प्रतिपूर्ति की जा सकती है।
- सेवा निवृत रेल कर्मचारियों के प्रतिपूर्ति दाावे का भुगतान उस रेलवे से होगा जहाँ उसने कार्ड का पंजीकरण कराया हो चाहे वह सेवा निवृत किसी भी रेलवे से हुआ हो।
- सामान्य मामलों मे दाँतों के इलाज की प्रतिपूर्ति नहीं की जाती है लेकिन कतिपय शर्तों के अधीन खर्च की प्रतिपूर्ति भी सक्षम अधिकारी द्वारा मंजूर की जा सकती है।
- चिकित्सा प्रतिपूर्ति का सारा कार्य वर्तमान में चिकित्सा विभागमे ही होता है, पहले यह कार्य कार्मिक विभाग में किया जाता था। हाल ही मे मंडल और मुख्यालय दोनों स्तर पर इस कार्य को करने वाले कार्मिक विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारी को चिकित्सा विभाग में स्थानान्तरित कर पदस्थ कर दिया गया है।
- विदेशोंमे चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु रेलवे बोर्ड के द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि जिन बीमारियों का इलाज भारत में विशेषीकृत रूप से उपलब्ध है उसके लिए प्रतिपूर्ति स्वीकार नहीं की जाएगी, कतिपय मामलों में ही इसकी मंजूरी प्रदान की जा सकती है। इसके लिए भी मेडीकल बोर्ड की सिफारिश के आधार पर ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी और महाप्रबंधक की स्वीकृति से मामला रेलवे बोर्ड को भेजना होता है, इसके उपरान्त ही चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति की जा सकेगी।
- सेवा निवृत कर्मचारी उदारीकृत स्वास्थ्य योजना 1997 में सम्मिलित होने के लिए कर्मचारी को अपना विकल्प देना होता है और अन्तिम मूल वेतन के बराबर एक मुश्त अंशदान जमा करना होता है। इस पर उन्हें पहचान पत्र जारी किया जाता है तथा उन्हें अपनी सुविधा अनुसार रेलवे अस्पताल म ें पंजीकरण कराना होता है। चिकित्सा सुविधा का लाभ रेलवे कर्मचारियों के समान ही अंतरंग व बहीरग चिकित्सा सुविधाएं स्वयं व परिवार तथा आश्रितों को प्रदान की जाती है और प्रतिपूर्ति के दावे भी स्वीकार किए जाते हैं।
भारतीय रेल में निम्नलिखित अस्पतालों में विशेषज्ञ इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है -
बाइ-पास कोरोनरी सर्ज री
- दक्षिणी रेलवे मुख्यालय चिकित्सालय, पैराम्बूर चैन्नई
- क्रिश्चियन मेडीकल काॅलेज और अस्पताल, वेल्लौर
- के.ई.एम. अस्पताल, मुम्बई
- जसलोक अस्पताल, मुम्बई
- बम्बई हाॅस्पीटल, मुम्बई
- कस्तूर बा अस्पताल, भोपाल
- श्री चित्रा तिरूनाल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडीकल साइंस एण्ड
- टेक्नोलाॅजी, त्रिवेन्द्रम
- क्रिश्चियन मेडीकल काॅलेज और अस्पताल, वेल्लौर
- जसलोक अस्पताल, मुम्बई
- अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
- पी.जी.आई., चण्डीगढ
- केन्सर एवं ब्लड केंसर
- टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुम्बई
- केसर इंस्टीट्यूट, अडियार, चैन्न्ई
- समारिटन अस्पताल, अलवाये, केरल
- एन.एम. वार्डिया इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोलाॅजी, पूणे
- जी.बी.पंत अस्पताल, मुम्बई
- दक्षिणी रेलवे मुख्यालय चिकित्सालय, पैराम्बूर चैन्नई
- क्रिश्चियन मेडीकल काॅलेज और अस्पताल, वेल्लौर
- के.ई.एम. अस्पताल, मुम्बई
- बम्बई हाॅस्पीटल, मुम्बई
- कस्तूर बा अस्पताल, भोपाल
- श्री चित्रा तिरूनाल इंस्टीट्यूट आफ मेडीकल साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी, त्रिवेन्द्रम
- अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
- पी.जी.आई., चण्डीगढ
- एस.एस.के.एम. अस्पताल, कोलकत्ता
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