- नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी एक पेंशन-योजना है, यह योजना 1 जनवरी 2004 से आरम्भ हुई थी।यह योजना सरकार में भर्ती होने वाले नए व्यक्तियों के लिए आरंभ की गई एक अनिवार्य योजना है, इसमेंसशस्त्र सेना बलों को शामिल नहीं किया गया।
- एनपीएस (NPS) एक प्रकार की पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है।
- इसकी देखरेख पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की ओर से की जाती है। भारत सरकार ने पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्तूबर 2003 को पीएफआरडीए को स्थापित किया।
- एनपीएस (NPS) के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है, जबकि शेष 40 प्रतिशत राशि पेंशन योजना में चली जाती है।
- 10 दिसंबर 2018 को भारत सरकार ने एनपीएस (NPS) से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त बना दी है।
- एनपीएस (NPS) के टायर-2 के तहत योगदान 80 सी के तहत कर मुक्त के लिए कवर किया गया है। जबकि, आयकर लाभ के लिए 1.50 लाख, बशर्ते तीन साल की लॉक-इन अवधि हो।
- दिसंबर 2018 में भारतीय कैबिनेट ने नेशनल पेंशन स्कीम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, ताकि नेशनल पेंशन स्कीम को निवेशकों के लिए ओर ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके। यह इस प्रकार से है–
- · दिसंबर 2018 में केंद्र सरकार का10 प्रतिशत का अपना योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया, जबकि कर्मचारी का योगदान 10 प्रतिशत ही है।
- · पहले एनपीएस (NPS) की परिपक्वता यानी मैच्यूरिटी पर केंद्रीय कर्मचारी पेंशन फण्ड में जमा राशि का 60 प्रतिशत निकाल सकते थे जिसमें 40 प्रतिशत राशि करमुक्त होती थी और 20 प्रतिशत पर कर लगता था। लेकिन नए बदलाव के अनुसार 60 प्रतिशत राशि को करमुक्त कर दिया गया है।
- · तीसरा महत्वपूर्ण बदलाव निवेश को लेकर हुआ। अब कर्मचारियों को यह पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि उनके द्वारा पेंशन में योगदान किया गया पैसा किस फण्ड में निवेशित हो। केंद्रीय कर्मचारी वर्ष में एक बार पेंशन फण्ड या इक्विटी को अपनी मर्जी के अनुसार बदल सकेंगे।
- एनपीएस (NPS) दो तरह के खातों की पेशकश करता है। यह टियर-1 और टियर-2 के नाम से जानते है। टियर-1 खाते में जमा पैसों को आप तब तक नहीं निकाल सकते हैं जब तक कि आपकी उम्र 60 वर्ष की न हो जाए।
- टियर-2एनपीएस (NPS) अकाउंट बचत खाते की तरह काम करता है, जहां सब्सक्राइबर्स को पैसों की निकासी की अनुमति होती है।
- विशेष परिस्थितियों में एनपीएस (NPS)सब्सक्राइबर्स को आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है। इस तरह की विशेष परिस्थितियों में गंभीर बीमारी और बच्चों की शादी शामिल होती है।
- एनपीएस (NPS) के टियर-2 अकाउंट में न्यूनतम योगदान 250 रुपये का होना चाहिए। इसमें मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती है।
- एनपीएस (NPS) सब्सक्राइबर्स आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी (1) के अंतर्गत कुल आय के 10 फीसद तक आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं और 80 सीसीई के अंतर्गत कुल 1.5 लाख रुपये की कर छूट का दावा कर सकते हैं।
NOTE– 1. एनपीएस (NPS) या नेशनल पेंशन सिस्टम एक खास किस्म की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जो पेंशन कम इन्वेस्टमेंट आधारित योजना है और बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है।
2. एनपीएस (NPS) सब्सक्राइबर्स जिस फंड में निवेश करते हैं उसे पेंशन फंड मैनेजर के माध्यम से पैसा बनाने वाली अलग-अलग स्कीम्स में निवेश किया जाता है। जिसकी देखरेख पीएफआरडीए की ओर से की जाती है। उसकी देखरेख में संचालित एनपीएस (NPS) खाते में जमा सब्सक्राइबर्स के पैसों को इक्विटी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, सरकारी प्रतिभूतियों (गवर्मेंट सिक्योरिटीज) और अन्य फिक्स्ड इनकम विकल्पों में निवेश किया जाता है। इससे सम्बन्धित सभी जानकारी nsdl की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
3.nsdl(नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) के रूप में एनएसडीएल ई-गर्वनेंस इंन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के लिए केंद्रीय रिकार्ड रखने वाली एक एजेंसी है। इसी के माध्यम से एनपीएस (NPS) सब्सक्राइबर्स के पैसों को पेंशनफंड की ओर से निवेश किया जाता है और यही पेंशन कार्पस प्रबंधन के लिए भी जवाबदेह होता है।
4.केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारी, जिनकी नियुक्ति के लिए चयन दिनांक 01.01.2004 से पहले हुआ था परंतु जिन्होंने 01.01.2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में कार्यभार ग्रहण किया था, को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के स्थान पर केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 के तहत कवर करना स्वीकार कर लिया है ।
No comments:
Post a Comment