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Leave Reserve Rules - Instruction, Percentages & References of Railway Board

भारतीय रेलवे कर्मचारियों के लिए Leave Reserve (LR) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जब कोई कर्मचारी छुट्टी पर हो, तो रेल सेवाओं में कोई बाधा न आए।

रेलवे बोर्ड ने समय-समय पर Leave Reserve के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह पोस्ट आपको Leave Reserve के बारे में पूरी जानकारी देगी – percentages, instructions, updated circulars, और official references सहित।

📌 क्या है Leave Reserve?

Leave Reserve यानी छुट्टी आरक्षित कोटा – वह अतिरिक्त स्टाफ जिसे विशेष रूप से इस उद्देश्य से रखा जाता है कि जब कोई कर्मचारी छुट्टी ले, ट्रेनिंग पर जाए, मेडिकल परीक्षा दे, अदालत में हाजिर हो, या अन्य आवश्यक कारणों से अनुपस्थित हो, तो उसकी जगह काम कर सके।

Purpose:

  • Services में कोई रुकावट न आए

  • Staff को छुट्टी लेने में सुविधा मिले

  • काम का बोझ अन्य कर्मचारियों पर न बढ़े

Reference:
👉 Railway Board Master Circular No. E(G)91 LR1-2 (dated 25.12.1991)


📌 Leave Reserve Percentages: Categories के अनुसार

रेलवे बोर्ड ने विभिन्न श्रेणियों के लिए Leave Reserve की प्रतिशत सीमा तय की है।

Key Points:

  • Group ‘C’ और ‘D’ की स्वीकृत strength में Leave Reserve शामिल होता है।

  • ये प्रतिशत “Adjudicator award” पर आधारित होते हैं।

  • Temporary posts के लिए 7/8th of prescribed percentage रखा जाता है।

  • Loco Running Staff – अधिकतम 30% तक Leave Reserve।

  • Guards – अधिकतम 25% तक Leave Reserve।

Example Percentages (Annexure-I):

  • Running Staff – 30%

  • Guards – 25%

  • Workshop Staff – ~12.5–16% (as per duty pattern)

Reference:
👉 Board’s letters: E(G)73 LR1/11 dated 3.12.1973, E(G)76 121/2 dated 30.6.1978, etc.


📌 Temporary Posts में Leave Reserve

✅ Permanent posts के लिए निर्धारित percentage लागू होगा।
✅ Temporary posts में Leave Reserve 7/8th of permanent posts percentage होगा।
✅ Temporary posts की संख्या 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर की स्थिति के अनुसार तय होगी।

Reference:
👉 Board’s letter No. (Adj)48 IR-1 dated 26.11.1951


📌 Categories Excluded from Leave Reserve

कुछ श्रेणियां Leave Reserve के दायरे में नहीं आतीं:
✅ Railway schools के teaching staff – जिन्हें छुट्टियां स्कूल वेकेशन में मिलती हैं।
✅ उनके लिए Leave Reserve नहीं दिया जाएगा।

Reference:
👉 Board’s letters No. E(Adj)48 IR-1 dated 14.8.1951
👉 E(G)83 LR1/4 dated 3.5.1985


📌 Intermediate Grades में Leave Reserve

✅ General rule: LR lowest grade में रखा जाए।
✅ Exception: कुछ categories में intermediate grade में भी रखा जा सकता है, ताकि लंबी relieving chain न बने।
✅ इससे efficiency और flexibility बढ़ती है, और extra daily allowance का खर्च बचता है।

Reference:
👉 Board’s letters No. R(Adj.)48 TR-i dated 14.8.1951, No. B(S)1-58 Ad1/LL/1 dated 12.6.1958


📌 Correct Utilization of Leave Reserve

✅ LR का उद्देश्य केवल छुट्टी ही नहीं – बल्कि अन्य absenteeism needs को भी cover करना है:

  • Joining time

  • Medical / Vision test

  • Training

  • Court attendance

  • Enquiry attendance

  • PNM meetings

  • Departmental selections आदि।

✅ LR posts को खाली नहीं छोड़ना चाहिए और न ही regular vacancies को fill करने के लिए mis-use करना चाहिए।

Reference:
👉 Board’s letters No. E(G)70 LR1/15 dated 12.11.1970, E(G)78 LR1/83 dated 26.12.1978


📌 Decentralized Control of Leave Reserve

✅ Leave Reserve staff को decentralized तरीके से control करना चाहिए।
✅ Quick availability सुनिश्चित करना होगा – जहां जरूरत हो वहां पोस्टिंग हो।
✅ Minimum dislocation होना चाहिए।

Reference:
👉 Board’s letters No. E(G)62 LR1/3 dated 7.5.1964, No. B(G)70 LR1/1 dated 24.3.1972


📌 Leave Encashment का प्रभाव

✅ Superannuation पर Leave Encashment सुविधा को ध्यान में रखते हुए Leave Reserve strength बढ़ाने का निर्णय लेना चाहिए।
✅ क्योंकि Encashment से actual leave utilization घट सकता है।

Reference:
👉 Board’s letter No. R(G)79 LR1/25 dated 21.12.1978


📌 Master Circular का उद्देश्य

✅ सभी पुराने निर्देशों को एक जगह समेटना।
✅ Original circulars को ही authority मानना होगा।
✅ किसी निर्देश का omission हो जाए तो भी वह वैध रहेगा।

Reference:
👉 Master Circular E(G)91 LR1-2 (dated 25.12.1991)


📌 Updated and Relevant Board References

👉 Master Circular No. E(G)91 LR1-2 (25.12.1991)
👉 RBE No. 139/2000
👉 RBE No. 121/2005
👉 RBE No. 102/2015
👉 RBE No. 153/2010
👉 RBE No. 164/2018

✅ Always verify the latest Railway Board Orders (RBE) for updates.


Indian Railways Leave Reserve एक well-planned mechanism है जो operational continuity सुनिश्चित करता है। Updated instructions, percentages, और clear guidelines का पालन करके railways अपनी services को बिना किसी रुकावट के जारी रख सकती है।


✅ FAQ Section (In Detail)

❓ 1. Leave Reserve क्या होता है?

उत्तर: Leave Reserve वह अतिरिक्त strength है जो कर्मचारियों की अनुपस्थिति (छुट्टी, ट्रेनिंग, ट्रांसफर आदि) के दौरान services सुचारू रूप से चलाने के लिए रखी जाती है।


❓ 2. Leave Reserve Percentage कैसे तय होता है?

उत्तर:

  • विभिन्न categories के लिए Railway Board ने अलग percentages तय किए हैं।

  • ये Adjudicator awards और duty pattern पर आधारित होते हैं।

  • Temporary posts के लिए 7/8th of permanent post percentage होगा।


❓ 3. कौन-कौन सी categories Leave Reserve से बाहर हैं?

उत्तर:

  • Railway schools के teachers, क्योंकि उन्हें school vacations में छुट्टी मिलती है।

  • Excluded staff को Leave Reserve strength में नहीं जोड़ा जाएगा।


❓ 4. Leave Reserve को कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए?

उत्तर:

  • LR केवल छुट्टी का replacement नहीं है।

  • यह absenteeism के सभी कारणों को कवर करता है जैसे training, medical test, court attendance आदि।

  • LR posts को खाली छोड़ना या regular vacancies के लिए use करना गलत है।


❓ 5. क्या Leave Reserve सभी grades में lowest level पर ही रखा जाएगा?

उत्तर:

  • General rule – हां।

  • Exception – कुछ cases में intermediate grade में रखा जा सकता है ताकि लंबे relieving chain से operational complexity न बढ़े।


❓ 6. Leave Encashment से Leave Reserve पर क्या असर पड़ता है?

उत्तर:

  • Encashment से employees कम छुट्टी लेते हैं।

  • इसलिए LR strength बढ़ाते समय Encashment के प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।


❓ 7. Railway Board के कौन-कौन से Circulars Latest हैं?

उत्तर:

Paternity Leave– FAQs (प्रश्न और उत्तर)

 


प्रश्न १: Paternity Leave कितने दिनों की होती है?

उत्तर: यह  (पन्द्रह) दिन की होती है।

प्रश्न २: कौन-कौन कर्मचारी इसके पात्र हैं?

उत्तर: हर पुरुष Railway servant, जिसमें apprentice भी शामिल है, और casual Railway employee जिसे temporary status मिला हो, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हों।

प्रश्न ३: यह Leave कब ली जा सकती है?

उत्तर: बच्चे के जन्म की तारीख से १५ दिन पहले या ६ माह के भीतर।

प्रश्न ४: Leave कितनी बार ली जा सकती है?

General Rule of Paternity Leave (Indian Railway)



 General Rule of Paternity Leave (Indian Railway)

 Paternity Leave(Rule IREC - 551A)

(1)A male Railway servant (including an apprentice) with less than two surviving children, may be granted Paternity Leave by an authority competent to grant leave for a period of 15 days, during the confinement of his wife for childbirth, i.e., up to 15 days before, or up to six months from the date of delivery of the child.

Leave Rules of Paternity Leave (HIndi)

General Rule of Paternity Leave (Indian Railway)

Paternity Leave (Rule IREC - 551A)

(1) एक पुरुष Railway servant (जिसमें apprentice भी शामिल है) जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, को उसकी पत्नी के childbirth (प्रसव) के समय Paternity Leave अधिकृत प्राधिकारी द्वारा 15 दिनों की अवधि के लिए दी जा सकती है। यह leave बच्चे के जन्म की तिथि से 15 दिन पहले या 6 माह के भीतर ली जा सकती है।

(2) इस 15 दिन की अवधि में उसे Leave Salary उतनी ही मिलेगी जितना वेतन उसने leave पर जाने से ठीक पहले प्राप्त किया था।

Duty Pass क्या है? | ड्यूटी पास के Rules & Benefits


ड्यूटी पास, ड्यूटी पर यात्रा करने के लिए दिये जाते है. ये धातु पास, कार्ड पास और चेक पास के रूप में होते है।

1. धातु पास – राजपत्रित अधिकारियों को स्थायी तौर पर दिये जाते है. अधिकारी, उसका परिवार और एक परिचर (दूसरे दर्जे में) यात्रा कर सकते है अधिक – से – अधिक 4 बर्थ या चेयर आरक्षित हो सकती है।

धातु पास चार प्रकार के है :प्लेटिनम, स्वर्ण , रजत और कांस्य 

(1) प्लेटिनम पास :बोर्ड सदस्यों को सेवा अवधि में और रिटायर्ड होने पर मिलने वाली सुविधाये अन्य अधिकारियों से भिन्न होती है. उनके लिए बोर्ड ने प्लेटिनम पास जारी करने का निर्णय किया. 30.4.97 को बोर्ड के सभी वर्तमान सदस्य जिसमें अध्यक्ष और वित्त आयुक्त शामिल होंगे, इस पास पर वह ड्यूटी पर और सुविधा खाते पर यात्रा कर सकेगे, रिटायर्ड होने पर कार्ड पास पर नियमानुसार पास सुविधा मिलेगी।  पहले रिटायर्ड होने पर भी प्लेटिनम पास देने की व्यवस्था थी जिसे वापिस ले लिया गया।

Indian Railways Leave Rules 2025 – A Detailed Guide (हिंदी और अंग्रेज़ी में)

 1. Leave on Average Pay (LAP)

English:

  • Entitlement: 30 days per year (credited 15+15 in January and July)

  • Maximum accumulation: 300 days

  • Half-day LAP is now permitted for all staff (from 2024)

  • Maximum usage at a time: 180 days

हिंदी:

  • पात्रता: प्रति वर्ष 30 दिन (जनवरी और जुलाई में 15+15 दिन)

  • अधिकतम संचय सीमा: 300 दिन

  • अब सभी कर्मचारियों के लिए आधे दिन की LAP की अनुमति है (2024 से)

  • एक बार में अधिकतम उपयोग: 180 दिन


2. Leave on Half Average Pay (LHAP)

English:

  • Entitlement: 20 days/year (10+10 in Jan & July)

  • Unlimited accumulation

  • Max spell for medical: up to 24 months

हिंदी:

  • पात्रता: प्रति वर्ष 20 दिन (जनवरी और जुलाई में 10+10)

  • संचय सीमा: असीमित

  • चिकित्सा कारणों के लिए एक बार में अधिकतम अवधि: 24 महीने

3. Commuted Leave

English:

  • Taken at twice the rate against LHAP with a medical certificate

हिंदी:

  • मेडिकल प्रमाण पत्र के साथ LHAP के विरुद्ध दुगुना उपयोग किया जा सकता है

4. Leave Not Due (LND)

English:

  • Up to 360 days in entire service

  • Requires medical certificate and adjusts against future LHAP

हिंदी:

  • संपूर्ण सेवा काल में अधिकतम 360 दिन

  • मेडिकल प्रमाणपत्र आवश्यक, भविष्य की LHAP से समायोजन

5. Extraordinary Leave (EOL)

English:

  • Granted when no other leave is available

  • Leave without pay

हिंदी:

  • जब कोई अन्य छुट्टी उपलब्ध नहीं हो तब दी जाती है

  • वेतनरहित छुट्टी

6. Work-Related Illness & Injury Leave (WRIIL)

English:

  • Replaced Hospital & Disability leave since Dec 2018

  • Full pay leave during duty-related illness or injury

हिंदी:

  • दिसम्बर 2018 से अस्पताल एवं विकलांगता अवकाश को हटाकर लागू

  • ड्यूटी के दौरान बीमारी/चोट में पूर्ण वेतन के साथ छुट्टी

7. Maternity Leave

English:

  • 180 days for childbirth (less than 2 surviving children)

  • 45 days for miscarriage/abortion

  • Not debited from LAP/LHAP

हिंदी:

  • प्रसव के लिए 180 दिन (2 जीवित बच्चों से कम पर लागू)

  • गर्भपात/गर्भ समापन के लिए 45 दिन

  • LAP/LHAP से नहीं काटी जाती

8. Paternity Leave

English:

  • 15 days within 6 months of childbirth/adoption (up to 2 surviving children)

हिंदी:

  • 15 दिन की छुट्टी, बच्चे के जन्म/गोद लेने के 6 महीने के भीतर (2 बच्चों तक)

9. Child Care Leave (CCL)

English:

  • Up to 730 days for 2 eldest children (under 18)

  • First 365 days at 100% pay, next 365 at 80%

  • Max 3 spells in a calendar year

हिंदी:

  • दो सबसे बड़े बच्चों (18 वर्ष से कम) के लिए अधिकतम 730 दिन

  • पहले 365 दिन पूरा वेतन, अगले 365 दिन 80%

  • एक वर्ष में अधिकतम 3 बार

10. Child Adoption Leave

English:

  • 15 days for adopting a child under 1 year of age

हिंदी:

  • एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने पर 15 दिन की छुट्टी

11. Study Leave

English:

  • Eligibility after 5 years of service

  • Max: 12 months per spell, total 24 months (36 for medical officers/PhD)

  • Bond of 3 years required post-return

हिंदी:

  • पात्रता: 5 वर्ष की सेवा के बाद

  • अधिकतम: एक बार में 12 माह, कुल 24 माह (चिकित्सा अधिकारियों/PhD हेतु 36 माह)

  • वापसी के बाद 3 वर्ष सेवा का अनुबंध अनिवार्य

12. Leave Encashment

1. सेवा के दौरान:
यदि आप LTC का लाभ ले रहे हैं,
तो आप एक ब्लॉक (2 वर्ष) में 10 दिन की LAP का नकद भुगतान ले सकते हैं।
पूरे सेवा जीवन में अधिकतम 60 दिन तक LAP Encash कर सकते हैं।

2. सेवानिवृत्ति पर:
रिटायरमेंट के समय आप LAP + LHAP मिलाकर अधिकतम 300 दिन तक नकद भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।

3. मृत्यु होने पर:
यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है,
तो उसके बचे हुए LAP और LHAP का भुगतान परिवार को नकद रूप में दिया जाता है,
जिसकी अधिकतम सीमा भी 300 दिन है।


13. Online Leave Application via HRMS

English:

हिंदी:

  • HRMS ऐप/वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करें: https://hrms.indianrail.gov.in

  • लॉगिन करें → Leave मेनू → प्रकार चुनें → तिथि व कारण भरें → सबमिट करें


न्यूनतम मजदूरी अधिनियम (Minimum Wages Act)

 न्यूनतम मजदूरी अधिनियम (Minimum Wages Act) – रेलवे कर्मचारियों के लिए संक्षिप्त विवरण

यह अधिनियम उन श्रेणियों के रोजगारों में न्यूनतम मजदूरी की दरों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है जहाँ मजदूरी दरें बहुत कम होती हैं, जिससे असंगठित श्रमिकों का शोषण रोका जा सके। यह अधिनियम कार्य के घंटे, मजदूरी का भुगतान (अतिरिक्त समय सहित) और कटौतियों के नियमों को भी स्पष्ट करता है ताकि श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।

रेलवे प्रशासन के संदर्भ में यह अधिनियम निम्नलिखित प्रकार के आकस्मिक (casual) श्रमिकों पर लागू होता है:

  1. सड़क निर्माण या अनुरक्षण कार्य अथवा भवन निर्माण से जुड़े कार्यों में लगे श्रमिक।

  2. पत्थर तोड़ने या क्रशिंग (stone crushing) कार्यों में लगे श्रमिक।

इस अधिनियम के अंतर्गत प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:

(a) मजदूरी भुगतान की समयावधि निर्धारित की जानी चाहिए, जो एक माह से अधिक न हो या अधिसूचित अधिकतम अवधि से अधिक न हो।

(b) मजदूरी का भुगतान कार्य दिवस पर किया जाना चाहिए —

  • यदि कर्मचारियों की संख्या 1000 से कम है, तो मजदूरी अवधि समाप्त होने के 7 दिनों के भीतर।

  • यदि कर्मचारियों की संख्या 1000 या अधिक है, तो 10 दिनों के भीतर।

(c) यदि किसी कर्मचारी को सेवामुक्त किया जाता है (discharged), तो उसे उसकी मजदूरी और यदि लागू हो तो औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अनुसार पुनःस्थापन (retrenchment) मुआवजा, उसी समय दिया जाना चाहिए।

(d) किसी कर्मचारी की मजदूरी से कोई भी कटौती केवल अधिनियम द्वारा स्वीकृत मदों के अंतर्गत ही की जा सकती है।

(e) अधिनियम में प्रत्येक सप्ताह एक विश्राम दिवस (rest day) और ओवरटाइम कार्य के लिए अतिरिक्त मजदूरी का भी प्रावधान है।

नोट: इस अधिनियम के अंतर्गत, नियोक्ता (employer) और ठेकेदार (contractor) — दोनों को उनके अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों को निर्धारित मजदूरी देने के लिए उत्तरदायी माना गया है।

50 Most Important Questions & Answers on Leave Encashment Rules for Indian Railway Employees

Leave for a railway employee is not just a break or rest period—it can also be a financial benefit through Leave Encashment. This is a topic that often creates confusion among employees. So here we present 50 frequently asked questions along with clear answers regarding Leave Encashment in Indian Railways.


Question: What is Leave Encashment?

Answer: Leave Encashment is the process by which an employee is paid cash in exchange for their accumulated Earned Leave (EL).

Question: When can a railway employee avail Leave Encashment?

Answer: During service (up to two times), with LTC, at the time of retirement, or after death (paid to dependents).

रेलवे कर्मचारियों के लिए लीव एनकैशमेंट नियम: 50 जरूरी सवाल-जवाब

प्रश्न: लीव एनकैशमेंट क्या होता है?
उत्तर: यह एक सुविधा है जिसमें कर्मचारी अपनी अर्जित छुट्टियों का नकद रूप में भुगतान प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न: लीव एनकैशमेंट कब ली जा सकती है?
उत्तर: सेवा के दौरान (अधिकतम दो बार), एलटीसी के साथ, सेवानिवृत्ति पर या मृत्यु की स्थिति में।

प्रश्न: एक बार में कितनी छुट्टियों का एनकैशमेंट किया जा सकता है?
उत्तर: सेवा में या एलटीसी के साथ – अधिकतम दस दिन। सेवानिवृत्ति पर – अधिकतम तीन सौ दिन।

प्रश्न: अगर छुट्टियाँ तीन सौ दिन से ज़्यादा हों तो?
उत्तर: अतिरिक्त छुट्टियाँ समाप्त मानी जाती हैं, उनका भुगतान नहीं होता।

प्रश्न: हाफ पेड लीव का भी भुगतान होता है?
उत्तर: नहीं, केवल अर्जित अवकाश (Earned Leave) का भुगतान होता है।

प्रश्न: लीव एनकैशमेंट की गणना कैसे होती है?
उत्तर: (मासिक वेतन ÷ तीस) × छुट्टियों की संख्या। वेतन में बेसिक + डीए शामिल होता है।

प्रश्न: क्या यह राशि कर योग्य होती है?
उत्तर: सेवा के दौरान कर (टैक्स) लगेगा, सेवानिवृत्ति पर आंशिक कर छूट मिल सकती है।

प्रश्न: एनपीएस कर्मचारी भी पात्र हैं?
उत्तर: हां, एनपीएस और ओपीएस दोनों को यह सुविधा मिलती है।

प्रश्न: सेवा के दौरान कितनी बार लीव एनकैशमेंट ली जा सकती है?
उत्तर: अधिकतम
6 बार।

प्रश्न: क्या एलटीसी के साथ छुट्टी लेना ज़रूरी है?
उत्तर: नहीं, एलटीसी के साथ छुट्टी लेना अनिवार्य नहीं है।

प्रश्न: क्या पीएफ लीव एनकैशमेंट से कटता है?
उत्तर: नहीं, पीएफ कटौती नहीं होती।

प्रश्न: क्या छुट्टियाँ बैलेंस से कम हो जाती हैं?
उत्तर: हां, उतने दिन छुट्टियाँ काट ली जाती हैं।

प्रश्न: मृत्यु के बाद भुगतान किसे मिलता है?
उत्तर: कानूनी उत्तराधिकारी को या नॉमिनी को।

प्रश्न: लीव एनकैशमेंट की राशि कहाँ जमा होती है?
उत्तर: कर्मचारी के बैंक खाते में।

प्रश्न: क्या यह पेंशन या ग्रेच्युटी में जुड़ती है?
उत्तर: नहीं, यह अलग से भुगतान होती है।

प्रश्न: यह किस नियम के तहत दी जाती है?
उत्तर: रेलवे सेवा नियम, आईआरईसी नियम पाँच सौ पचास और लीव रूल्स उन्नीस सौ इक्यासी के अनुसार।

प्रश्न: क्या प्रोबेशन पर लीव एनकैशमेंट मिलता है?
उत्तर: नहीं, प्रोबेशन के दौरान नहीं मिलता।

प्रश्न: क्या अनुशासनात्मक जांच के दौरान रोकी जा सकती है?
उत्तर: हां, लीव एनकैशमेंट रोकी जा सकती है।

प्रश्न: रिटायरमेंट के बाद कितने समय में भुगतान होता है?
उत्तर: सामान्यतः तीस से साठ दिन में।

प्रश्न: क्या इसका असर आगे की छुट्टियों पर पड़ता है?
उत्तर: नहीं, सिर्फ बैलेंस कम होता है।

प्रश्न: इसे स्वीकृति कौन देता है?
उत्तर: संबंधित ब्रांच/कंट्रोलिंग अधिकारी।

प्रश्न: क्या मेडिकल लीव का एनकैशमेंट होता है?
उत्तर: नहीं, केवल अर्जित छुट्टियों का होता है।

प्रश्न: क्या दो बार से ज़्यादा लिया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, अधिकतम दो बार ही सेवा में।

प्रश्न: कौन सा फॉर्म भरना होता है?
उत्तर: फॉर्म-ग्यारह या एचआरएमएस ऐप से ऑनलाइन आवेदन।

प्रश्न: क्या लीव एनकैशमेंट कर्मचारी का अधिकार है?
उत्तर: हां, यदि सभी शर्तें पूरी हों।

प्रश्न: क्या इससे मूल वेतन पर असर पड़ता है?
उत्तर: नहीं, कोई असर नहीं पड़ता।

प्रश्न: क्या सी-ऑफ या आरएच का एनकैशमेंट होता है?
उत्तर: नहीं।

प्रश्न: एचआरएमएस से कैसे करें आवेदन?
उत्तर: एचआरएमएस लॉगिन करें लीव एप्लाई एनकैशमेंट

प्रश्न: क्या रिटायर्ड व्यक्ति को बाद में एनकैशमेंट मिल सकता है?
उत्तर: नहीं, केवल रिटायरमेंट के समय ही।

प्रश्न: डीए की दर कैसे लागू होती है?
उत्तर: मौजूदा दर से।

प्रश्न: आवेदन कितने दिन पहले करना चाहिए?
उत्तर: कम से कम पंद्रह दिन पहले।

प्रश्न: क्या दो एलटीसी के बीच में दो बार लिया जा सकता है?
उत्तर: हां, अगर सीमा में हो।

प्रश्न: क्या छुट्टी लिए बिना लिया जा सकता है?
उत्तर: हां, खासकर एलटीसी के साथ।

प्रश्न: क्या लीव एनकैशमेंट अनिवार्य है?
उत्तर: नहीं, यह पूरी तरह स्वैच्छिक है।

प्रश्न: क्या आरटीआई में जानकारी माँगी जा सकती है?
उत्तर: हां।

प्रश्न: लीव एनकैशमेंट की स्थिति कैसे ट्रैक करें?
उत्तर: एचआरएमएस ऐप या पर्सनल विभाग से संपर्क करें।

 प्रश्न: क्या अलाउंस इसमें शामिल होता है?

उत्तर: नहीं, सिर्फ बेसिक + डीए।

प्रश्न: एचआरए शामिल होता है?
उत्तर: नहीं।

प्रश्न: कौन-सा मास्टर सर्कुलर लागू होता है?
उत्तर: मास्टर सर्कुलर क्रमांक तिरेपन (Leave Rules)

 प्रश्न: क्या सेवानिवृत्ति से पहले लेना अनिवार्य है?

उत्तर: नहीं, लेकिन रिटायरमेंट पर स्वतः प्रोसेस होता है।

प्रश्न: क्या वीआरएस पर यह लाभ मिलता है?
उत्तर: हां।

प्रश्न: क्या स्टडी या परीक्षा अवकाश में मिल सकता है?
उत्तर: नहीं।

प्रश्न: क्या कैजुअल या पार्ट-टाइम कर्मचारियों को मिलता है?
उत्तर: नहीं।

प्रश्न: लंबे मेडिकल अवकाश के बाद मिल सकता है?
उत्तर: हां, अगर शर्तें पूरी हों।

प्रश्न: क्या यूपीआई या वॉलेट में भुगतान होता है?
उत्तर: नहीं, केवल बैंक खाते में।


रेलवे म्युचुअल ट्रांसफर से जुड़ी सबसे ज्यादा पूछी जाने वाली प्रश्न और उत्तर (FAQ)

  Frequently asked questions and answers (FAQ) related to Railway Mutual Transfer

प्रश्न: म्युचुअल ट्रांसफर क्या है और इसकी प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर: म्युचुअल ट्रांसफर रेलवे कर्मचारियों के बीच स्थानांतरण का एक तरीका है जिसमें दो कर्मचारी एक-दूसरे की नियुक्ति के स्थान को आपसी सहमति से बदल सकते हैं। दोनों एक ही ग्रेड-पे और समान पद पर होने चाहिए। इसकी प्रक्रिया में दोनों कर्मचारी एक संयुक्त आवेदन पत्र भरते हैं और इसे संबंधित अधिकारियों को भेजते हैं।

प्रश्न: म्युचुअल ट्रांसफर के लिए कौन पात्र हैं?
उत्तर: स्थायी (Permanent) रेलवे कर्मचारी, जिन्होंने निर्धारित ट्रेनिंग और प्रोबेशन पीरियड पूरा कर लिया है साथ ही वह किसी  विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई में शामिल नहीं हो

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