न्यूनतम मजदूरी अधिनियम (Minimum Wages Act) – रेलवे कर्मचारियों के लिए संक्षिप्त विवरण
यह अधिनियम उन श्रेणियों के रोजगारों में न्यूनतम मजदूरी की दरों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है जहाँ मजदूरी दरें बहुत कम होती हैं, जिससे असंगठित श्रमिकों का शोषण रोका जा सके। यह अधिनियम कार्य के घंटे, मजदूरी का भुगतान (अतिरिक्त समय सहित) और कटौतियों के नियमों को भी स्पष्ट करता है ताकि श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
रेलवे प्रशासन के संदर्भ में यह अधिनियम निम्नलिखित प्रकार के आकस्मिक (casual) श्रमिकों पर लागू होता है:
सड़क निर्माण या अनुरक्षण कार्य अथवा भवन निर्माण से जुड़े कार्यों में लगे श्रमिक।
पत्थर तोड़ने या क्रशिंग (stone crushing) कार्यों में लगे श्रमिक।
इस अधिनियम के अंतर्गत प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:
(a) मजदूरी भुगतान की समयावधि निर्धारित की जानी चाहिए, जो एक माह से अधिक न हो या अधिसूचित अधिकतम अवधि से अधिक न हो।
(b) मजदूरी का भुगतान कार्य दिवस पर किया जाना चाहिए —
यदि कर्मचारियों की संख्या 1000 से कम है, तो मजदूरी अवधि समाप्त होने के 7 दिनों के भीतर।
यदि कर्मचारियों की संख्या 1000 या अधिक है, तो 10 दिनों के भीतर।
(c) यदि किसी कर्मचारी को सेवामुक्त किया जाता है (discharged), तो उसे उसकी मजदूरी और यदि लागू हो तो औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अनुसार पुनःस्थापन (retrenchment) मुआवजा, उसी समय दिया जाना चाहिए।
(d) किसी कर्मचारी की मजदूरी से कोई भी कटौती केवल अधिनियम द्वारा स्वीकृत मदों के अंतर्गत ही की जा सकती है।
(e) अधिनियम में प्रत्येक सप्ताह एक विश्राम दिवस (rest day) और ओवरटाइम कार्य के लिए अतिरिक्त मजदूरी का भी प्रावधान है।
नोट: इस अधिनियम के अंतर्गत, नियोक्ता (employer) और ठेकेदार (contractor) — दोनों को उनके अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों को निर्धारित मजदूरी देने के लिए उत्तरदायी माना गया है।
No comments:
Post a Comment