अनुकम्पा के आधार पर भर्ती के लिए उपयुक्तता टेस्ट लिया जाएगा, जिससे अभ्यर्थी की उपयुक्तता जाँची जाएगी। परन्तु उसके लिए कठोर मानक नही रखे जाएंगे केवल यह सुनिश्चित करना होगा कि वह व्यक्ति उस पद के कर्तव्यों को वहन करने की स्थिति में है। यदि अभ्यर्थी के पास निर्धारित न्यूनतम शैक्षिक अर्हता है तो उसे समूह ‘ग’ के पद पर नियुक्त करने पर विचार किया जाएगा जिसके लिए वह पात्र तथा उपयुक्त है और यदि वह उसके लिए उपयुक्त नही पाया जाता तो उसे समूह ‘ग’ के किसी वैकल्पिक पद नियुक्त करने पर विचार किया जाएगा।
यह आवश्यक नही है कि समूह ‘घ’ के कर्मचारी के आश्रित को समूह ‘घ’ में ही नियुक्त किया जाए। यदि वह ‘समूह ग’ के लिए योग्य तथा पात्र है तो उसे ‘समूह ग’ में ही नियुक्त किया जाना चाहिए।
(रेलवे बोर्ड पत्र सं. ई. (जी) 83/ई.सी. 2 (एल.टी. IV) दिनांक 27.6.85 बाहरी 183/85)
अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति करने के लिए उपयुक्तता –टेस्ट तीन वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी व्दारा लिया जाएगा,जिसमें एक अधिकारी कार्मिक शाखा से तथा अन्य दो अन्य विभागों से होगे। बेहतर होगा कि एक अधिकारी उस विभाग से हो जिसमें कर्मचारी को नियुक्त किया जाना है। किसी पद के लिए उपयुक्त होने पर भी नियुक्ति का प्रस्ताव तभी दिया जाएगा जब कोई रिक्ति हो। किसी पद ग्रेड में नियुक्ति के बाद उमसे परिवर्तन नही किया जाएगा। (रेलवे बोर्ड सं. ई. (एन.जी.) II – 87 आर.सी. 1/57, दिनांक 21.8.87, 24.11.92 बाहरी का 218 /87)
ग्रुप ‘सी’ के लिए दुबारा योग्यता परीक्षा – ग्रुप ‘सी’ पद के लिए कोई उम्मीदवार पहली बार उपयुक्तता परीक्षा में असफल हो जाए तो परिस्थिति के अनुसार, जहाँ दूसरा मौका देना जरूरी लगता हो, प्रत्येक मामले की पात्रता के अनुसार, दूसरा मौका देने के निवेदन पर सक्षम अधिकारी विचार कर सकता है।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (एन. जी.) – II/99 /आर.सी. – 1/3 पी.एन.एम. – ए. आई. आर. एफ. दिनांक 28.4.99, आर.बी.ई. – 84 /99)
यदि कर्मचारी की विधवा दूसरे मौके पर भी अनुपयुक्त पाया जाए तो पात्र मामलो में परिस्थिति के अनुसार केवल महाप्रबंधक की अनुमति से तीसरा मौका दिया जा सकता है।
(आर. बी. ई. 192/ 2001, दिनांक 21.9.2001)
गोद लिए बच्चियों की पात्रता –
यदि निम्नलिखित सभी शर्ते पूरी होती हो तो गोद लिए बेटा /बेटी को भी अनुकम्पा के आधार पर नियुक्त किये जाने पर विचार किया जा सकता है
i. गोद लिए जाने का कानूनी तौर पर वैध और संतोषजनक प्रमाण मौजूद हो
ii. रेलवे कर्मचारियों पर लागू वैयक्तिक क़ानून के अंतर्गत दत्तक करण कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त हो
iii. भूतपूर्व कर्मचारी की मृत्यु /डॉक्टरी आधार पर निवर्गीकरण / शारीरिक अक्षमता से पूर्व ही कानून दत्तक करण कार्यवाही पूरी हो चुकी हो तथा वैध हो। (रेलवे बोर्ड सं. ई. (एन.जी.) II/86 आर.सी. 1/1/पालिसी , दिनांक 20.5.68 बाहरी का 106/88)
लेखा विभाग में नियुक्ति
अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति यदि कनिष्ठ लेखा सहायक के रूप में होती है तो उसके नियुक्ति पत्र में सामान्य नियमों के अनुसार तीन वर्ष के अंदर परिशिष्ट 2- ए पास करने की शर्त शामिल होगी और ऐसा न कर पाने पर कर्मचारी को लेखा लिपिक के रूप में पदावनति कर दिया जाएगा।
(रेलवे बोर्ड सं. ई. (एन.जी.) आर. सी. 1/141, दिनांक 8.3.90 बाहरी 46/90)
सुरक्षा विभाग में नियुक्ति
सुरक्षा विभाग तथा सुरक्षा बल/ विशेष बल में रिक्तियो पर विभाग तथा बलों के आश्रितो की अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति उनकी योग्यता के आधार पर की जाएगी। जब ऐसा संभव न हो तो किसी अन्य विभाग में नियुक्ति पर विचार किया जाए। दूसरे विभागों के आश्रित की नियुक्ति पर जब कोई रिक्ति हो तो विचार किया जाएगा।
(पत्र सं. 2002/एस.ई.सी (ई) /आर.सी./पी.आर.ई.एम. दिनांक 3.1.2003)
यांत्रिक विभाग के कारखानों में भर्ती को उसी कारखाने मंक मामलों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। मंडल या मुख्यालय के मामलों में कारखाने में नियुक्ति नही की जाएगी, किन्तु जहाँ भी संभव हो कारखाने से नियुक्ति के मामले मंडल या मुख्यालय में शामिल किये जा सकते है।
(आर.बी.ई. 26 /2003, दिनांक 5.2.2003)
समूह ‘घ’ में विधवाओ के लिए आरक्षित पद
समूह ‘घ’ में यह पद विधवाओ के लिए आरक्षित रहेगे इन पदों के लिए न्यूनतम शिक्षा की योग्यता पर भी जोर नही दिया जायेगा – पानी वाली, रिटायरिंग रूम परिचारिका, राख बीनने वाली, सफाई वाली, कैरिज और वैगन खलासी (केवल रद्दीपैक करने के लिए) अस्पतालों और स्कूलों में आया और सफाई वाली, सहायक इंजीनियर, पी. डब्ल्यू आई. और आई. ओ. डब्ल्यू के दफ्तरों में खलासी आदि। (रेलवे बोर्ड सं. ई. (एन. जी.) III /86 आर .सी. 1/1 पालिसी 25.3.86 बाहरी का 66/86)
जहाँ पति /पत्नी दोनों ही रेल कर्मचारी हो
दोनों में से जिसकी भी मृत्यु पहले हो तो नियमानुसार अनुकंपा पर नियुक्ति की जा सकेगी, किन्तु केवल एक ही व्यक्ति की नियुक्ति होगी।
(आर.बी. ई 75/97 , दिनांक 2.6.97)
नैमित्तिक श्रमिक की मृत्यु
यदि अस्थायी स्तर प्राप्त करने के बाद नैमित्तिक श्रमिक की मृत्यु काम करते हुए हो जाये तो उसकी विधवा या बच्चे को अनुकम्पा के आधार पर केवल नैमित्तिक श्रमिक (नया चेहरा) के रूप में ही महाप्रबंधक स्वयं अपने विवेक से नियुक्ति दे सकते है। नैमित्तिक श्रमिक की भर्ती पर रोक के कारण उसे एवजी के पद पर रखा जा सकता है। ऐसा कोई नैमित्तिक श्रमिक लम्बे अरसे से गायब हो तो उसके मामले में भी नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है
(आर. बी. ई. 137/97, दिनांक 17.10.97)
ग्रुप ‘सी’ पदों की उपयुक्तता परीक्षा एक ही दिन में पूरी कर दी जाएगी
अर्थात लिखित और मौखिक परीक्षा एक ही दिन आयोजित की जाएगी जिससे आश्रित /विधवा को असुविधा न हो।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (एन. जी.) 11/98 आर. सी. – 1/56/पालिसी, दिनांक 29. 7. 98 आर. बी. ई. – 158 /98)
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