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अनुकम्पा भर्ती पर विचार करने के लिए सामान्य नियम

अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियां उन रेलवे कर्मचारियों के आश्रित को दी जाती है जिनकी मृत्यु, ड्यूटी के दौरान अथवा सेवा – काल में हो जाती है या सेवाकाल में अपंग, विकलांग, अक्षम अथवा अपने पद से अवर्गित हो जाए अथवा ह्रदय रोग, कैंसर या ऐसी बीमारियों के कारण अपने पद पर बने रहने के योग्य न रहे और उन्हें उचित परिलब्धियो पर कोई वैकल्पिक नौकरी न दी जा सके। 

अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति निम्नलिखित स्थितियों में कमर्चारी के आश्रित को दी जाती है –

i ड्यूटी करते हुए जिन कर्मचारियों की म्रत्यु हो जाए या जो स्थाई तौर पर अपंग हो जाए,

ii रेल दुर्घटना के कारण ड्यूटी पर न होते हुए रेलवे कर्मचारी की असामयिक मृत्यु हो जाए,

iii अपने सेवा – काल में ही कर्मचारी की असामयिक म्रत्यु हो जाए या जो डॉक्टरी आधार पर अक्षम घोषित हो जाए,

iv जिस कर्मचारी का सात वर्ष तक कोई अता – पता न चले और जिसके परिवार को उसकी सेवानिवृत्ति देयताओ का भुगतान कर दिया जाए, 

v जो कर्मचारी हृदय र्रोग, कैसर अथवा अन्य गम्भीर रोगों से ग्रसित होने के कारण डॉक्टरी आधार पर निवर्गित कर दिया जाए और उसे उन परिलब्धियो पर कोई वैकल्पिक नौकरी न दी जा सके, 

vi जो अविवाहित कर्मचारी मर जाये या चिकित्सकीय दृष्टि से विकोटिकृत हो जाये, उसके आश्रित को नियुक्त किया जा सकता है – यदि उसे पास में आश्रित के रूप में शामिल किया गया हो (आर. बी. ई – 79 /96, दिनांक 4.9.96) आश्रित प्रमाणित करने के लिए कर्मचारी का पास खाता और राशन कार्ड यथार्थता के लिए देखे जा सकते है। 

(आर. बी. ई. – 66/97, दिनांक 2.5.97.)

vii जहाँ डॉक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत किये जाने पर कर्मचारी को उन्ही परिलब्धियो पर या तो वैकल्पिक पद नही दिया जा सकता या उसकी पेशकश की जाती है किन्तु वह सेवानिवृत्ति होना चाहता है शर्त यह है कि उसकी सेवा की अवधि उस समय तीन वर्ष से कम हो (महाप्रबंधक का व्यक्तिगत अनुमोदन जरूरी होगा)

viii  जब डॉक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत किये गये कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक पद की प्रतीक्षा ही नही करता और रिटायर होना चाहता है तथा अनुकम्पा पर नियुक्ति की प्रार्थना करता है। 

(आर.बी.ई. – 107/95, दिनांक 22.9.95.)

नोट - बोर्ड ने डॉक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत किये गये कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक पद और उपयुक्त पद न मिल पाने पर अधिसंख्य (सुपर न्यूमरेरी) पद की व्यवस्था रिटायर होने तक करने की व्यवस्था के आदेश दिये है(पत्र सं. ई./(एन.जी.) 1/96 आर.ई.- 3 /9 (2), दिनांक 29.4.99 ), इस कारण इन मामलो में अब अनुकम्पा के आधार पर भर्ती के निवेदन का प्रश्न ही नही उठता है।

संयुक्त परामर्शदात्री (विभागीय) बैठक में कर्मचारी पक्ष की मांग पर यह निर्णय किया गया हैकि यदि कर्मचारी पूरी तरह  से अशक्त हो जाए और अपनी चिकित्सीय दशा के कारण किसी भी पद पर काम करने लायक न रहे तो उसे रिटायर होने के विकल्प की अनुमति दी जा सकती है।  29.4.99 के बाद के ऐसे मामलो में अनुकम्पा के आधार पर भर्ती की प्रार्थना पर विचार किया जा सकता है।  यदि कर्मचारी विकोटिकृत होने के बाद किसी पद पर काम करने लायक रहे तो अनुकंपा के आधार पर भर्ती का मामला नही बनता, भले ही वह स्वेच्छा से रिटायर्ड हो जाए। (आर.बी.ई. – 193/2000, दिनांक 10.11.2000)

x 29.4.99 के पहले विकोटिकृत घोषित कर्मचारी ने यदि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी हो किन्तु उसे कोई वैकल्पिक नियुक्ति न दी गई हो और न ही उसे अधिसंख्य पद पर रखा गया हो तो इस सूरत में अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति की सुविधा दी जा सकती है 

(आर.बी.ई. – 193 /2000, दिनांक 10.11.2000)

xi अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति के लिए बोर्ड के सभी सदस्यों की बैठक में कर्मचारी  पक्ष की मांग पर यह निर्णय किया गया कि जो कर्मचारी आंशिक रूप से चिकित्सकीय कारणों से विकोटिकृत हो जाए और उसकी पांच वर्ष या अधिक की सेवा अवधि बाकि हो तो अगर वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ग्रहण कर ले, उस सूरत में उसकी पत्नी, बच्चे या आश्रित को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्त करने के बारे में विचार किया जा सकता है। बशर्त बोर्ड के नियमो का पालन करता है। महाप्रबंधक को आवेदन पर विचार करते समय कर्मचारी की वित्तीय और अन्य परिस्थितियों के बारे में संतुष्ट होना चाहिए। यह आदेश उन्ही मामले में लागू होंगे जिनका विकोटिकरण 18.1.2000 और 14.6.2006 के बीच हुआ है।


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