भारतीय रेल में लीव रिजर्व रखने का सामान्य नियम
(1) भारतीय रेल में कर्मचारियों के छुट्टी पर जाने, बीमार होने अथवा अन्य कारणों से कर्मचारियों के कमी को पूरा करने के लिए कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए छुट्टी आरक्षितो (लीव रिजर्व) की व्यवस्था की जाती है, ताकि कार्यो में व्यवधान न हो ।
(2) समूह ग तथा घ की स्वीकृति क्षमता के निरधारण में छुट्टी आरक्षित(लीव रिजर्व) का अंश सम्मिलित होता है और लीव रिजर्व की मात्रा/ संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि उन रेलवे कर्मचारियों को राहत देना कहाँ तक आवश्यक है, जो छुट्टी पर जाये अथवा अन्य कारणों से सबंधित कार्य से दूर रहना अनिवार्य हो।
- अधिनिर्णायक के अधिनिर्णय के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के लिए निर्धारित छुट्टी आरक्षितो का प्रतिशत प्रावधान निर्धारित है।
- सामान्यत: प्रत्येक सामान्य पदोन्नति वर्ग की निम्नतम कोटि में ही छुट्टी आरक्षितो का प्रावधान किया जाता है। तदपि कुछेक वर्गो में छुट्टी रिजर्वो की मध्यवर्ती ग्रेड में भी व्यवस्था की जा सकती है ताकि कार्यमुक्ति प्रबंधो की लम्बी श्रंखला से बचा जा सके, जो कुशल काम - काज तथा प्रशासनिक के लचकीले होने में अवरोध पैदा करती है और साथ ही अतिरिक्त दैनिक भत्ते का भुगतान भी करना पड़ता है। जिन वर्गो की मध्यवर्ती श्रेणियों में भी छुट्टी रिजर्व की व्यवस्था करने की अनुमति है उनका ब्यौरा निर्धारित किया गया है।
(रेलवे बोर्ड का पत्र सं. ई. (एडज) 48 एल आर, दिनांक 14.8.51 तथा ई (एस.) 1/58 एडज/ एल ई /I दिनांक 12.6.58 और ई. (जी.) 62 एल. आर. I/1, दिनांक 10.4.63.)
(3) रेलवे स्कूलों के कर्मचारियों के वर्गो में लीव रिजर्व की व्यवस्था नही की जानी चाहिए क्योकि वह अवकाश के दिनों में छुट्टियां मनाते है और उन्हें रोजगार के घंटो के नियमो से बाहर रखा गया है।
(4) निर्धारित छुट्टी रिजर्वो की प्रतिशत स्थायी पर्दों पर ही लागू होती है। अस्थायी पदों के लिए छुट्टी रिजर्व का प्रावधान स्थायी पदों के लिए निर्धारित प्रतिशत का 7/8 की दर से किया जाता है। इसके लिए पहली अप्रैल तथा पहली अक्तूबर को स्वीकृत अस्थायी पदों की संख्या को आधार मानना चाहिये।
(बोर्ड सं. ई.(एडज ) 48 एल. आर. - I, दिनांक 26.11.51)
(5) सिवाय उन पदों के जिनका व्यय प्रशासन की मांग को चार्ज होता है, जहाँ कहीं छुट्टी रिजर्व का प्रावधान निम्नतम प्रतिशत से भी कम है, निम्नतम प्रतिशत तक लाया जाना चाहिये। लोको रनिंग स्टाफ तथा गार्डो के मामले में छुट्टी रिजर्व अधिक से अधिक 30% तथा 25% (क्रमश: ) की दर से रखे जाने चाहिये।
(बोर्ड सं. ई, (जी) 73 एल. आर. III, दिनांक 3.12.73 सं. ई (जी.) 78 एल. आर. II /2, दिनांक 30.6.78 तथा ई. (जी.) 70 एल. आर, /12, दिनांक 27.4.78.)
(6) लीव रिजर्व की व्यवस्था विभिन्न कारणों से कार्य पर अनुपस्थित अर्थात न केवल छुट्टी बल्कि अन्य उद्देश्यों से, जैसे स्थानांतरण पर ज्वाइनिंग टाइम, आँखों की परीक्षा, प्रशिक्षण कोर्स , अदालत में उपस्थिति, पी. एन. एम. बैठके, चयन आदि के कारण हुई अनुपस्थिति को पूरा करने के लिए की जाती है। अत: छुट्टी रिजर्वो का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिये जिसके लिए उनकी व्यवस्था की गई। उन्हें नियमित रिक्तियों पर नियुक्त नही किया जाना चाहिए जिसके कारण छुट्टी रिजर्व पद लम्बे समय तक रिक्त रह जाए।
(रेलवे बोर्ड सं. ई. (जी.) 73 एल. आर. /15 , दिनांक 12.11.70 ई. (जी)73 एल. आर. II दिनांक 3.12.73 तथा ई. (जी) 78 एल. आर./ 15 दिनांक 3.5.85.)
(7) लीव रिजर्वो का बंटवारा इस प्रकार किया जाना चाहिए कि उन्हें कम -से - कम विस्थापित करते हुए तत्परता के साथ उपलब्ध किया जा सके। छुट्टी रिजर्वो का नियंत्रण विकेंद्रीकृत होना चाहिए ।
(रेलवे बोर्ड सं. ई. (जी.) 62 एल. आर. /13 दिनांक 7.5.64 ई. (जी.) 70 एल. आर./ II,दिनांक 24.3.72 तथा ई.(जी) 83 एल.आर./15 दिनांक 3.5.85)
(8) छुट्टी रिजर्वो की संख्या को बढ़ाने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करते समय इस बात पर ध्यान देना चाहिये कि इसका प्रभाव इस समय रेलवे कर्मचारियों को उपलब्ध सेवानिवृति पर, छुट्टी के नगदीकरण की सुविधा पर अथवा छुट्टी के इस्तेमाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
(बोर्ड सं. ई. (जी.) 78 एल. आर. 1/25 दिनांक 21.12.78)
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