स्थायीकरण (कन्फरमेशन) के नियम
रेलवे बोर्ड ने 1 जनवरी 1989 से कर्मचारियों की सेवा में स्थायी करने के लिए नियमों को सरल और उदार बना दिया है।
नए उदार नियमों के अनुसार -
- सेवा में स्थायी केवल एक बार नौकरी में प्रवेश वाले वेतनमान पर होगी।
- अब पुष्टि से स्थायी पदों की उपलब्धता का कोई संबंध नहीं रहा। कर्मचारी जैसे ही अपना प्रोबेशन सफलतापूर्वक पूरा कर ले, उसकी सेवा की पुष्टि कर दी जाएगी।
- सभी भर्ती ग्रेडों में दो साल की प्रोबेशन अवधि लागू की गई है। जिन ग्रेडों में आरंभिक प्रशिक्षण अनिवार्य है उनमें सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही प्रोबेशन शुरू होगा।
स्थायीकरण (कन्फरमेशन) के लिए पात्रता
- प्रोबेशन की अवधि सफलतापूर्वक पूरी हो जाए,
- मौजूदा कार्यविधि के नियमों का पालन हो जैसे नियमित नियुक्ति, मेडिकल परीक्षा उत्तीर्ण होना, पुलिस वेरिफिकेषन, जहां आवश्यक हो आदि की कार्यविधि जारी रहेगी।
- जब सभी दृष्टिकोणों से बिना आपत्ति स्वीकृति मिल जाए तो पुष्टिकरण का आदेश जारी कर दिया जाएगा अर्थात प्रोबेशन अवधि दो वर्ष पूरी करने के बाद सामान्यतः तीन माह के भीतर स्थायीकरण कर देना चाहिए। अधिकतम छः माह का समय निर्धारित है।
- पदोन्नति के सभी ग्रेडों में प्रोबेशन की अवधि 24 माह के स्थान पर 12 माह की गई है।
- तदर्थ (एडहाॅक) आधार पर की गई नियुक्तियों पर स्थायीकरण की निति लागू नहीं होती, इसी तरह बाह्य संवर्ग (एक्स केडर), सावधिक पद, प्रतिनियुक्ति, एवजी इत्यादि के लिए स्थायीकरण की निति लागू नहीं है।
अनियमित कन्फरमेशन रद्द करना
परिस्थितियां -
- पुष्टि का आदेश संवैधानिक नियमों के विपरीत हो,
- आदेश में गलती हो जैसे , गलत व्यक्ति का नाम लिखना, पहचान में गलती आदि,
- कार्यपालक या प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन करके आदेश जारी हुआ हो।
- अराजपत्रित कर्मचारियों के मसले विभागाध्यक्ष या महाप्रबंधक के आदेश से निपटाए जाते है।
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