(1) किसी परियोजना क्षेत्र में देय परियोजना भत्ता प्रतिनियुक्त (ड्यूटी) भत्ते के अतिरिक्त दिया जासकता है।
(2) मूल विभाग में कर्मचारी को मिलने वाला कोई विशेष वेतन, प्रतिनियुक्ति (ड्यूटी) भत्ते के अतिरिक्त दिया जाना चाहिये जब तक कि सरकार किसी विशेष अथवा सामान्य आदेशो के अंतर्गत उसे सीमित न कर दे। जहाँ विशेष परिस्थितियों में कर्मचारी व्दारा अपने मूल काडर में अनावधिक पद पर प्राप्त किये जाने वाला विशेष वेतन उसके मूल वेतन के अतिरिक्त प्राप्त करते रहने की अनुमति प्रतिनियुक्ति पद पर दे दी जाए। इसके लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की विशेष पूर्व अनुमति लेनी होगी।
(3) यदि कर्मचारी अपने मूल विभाग में कोई वैयक्तिक वेतन प्राप्त कर रहा था तो प्रतिनियुक्ति के पश्चात वह तब तक यह वेतन लेता रहेगा जब तक इस वेतन में आगामी वृध्दियो, जैसे वेतन वृध्दि अथवा पदोन्नति आदि के कारण, इसका समावेश नही हो जाता।
(4) यदि विशेष वेतन संवर्ग बाह्य पद के साथ जुड़ा हुआ है और कर्मचारी ने उस वेतनमान में वेतन लेने का विकल्प चुना है तो वह विशेष वेतन लेते रहने का अधिकारी होगा।
(5) कर्मचारी व्दारा अपने मूल विभाग में प्राप्त किया जाने वाला वैयक्तिक वेतन, यदि कोई हो, तो वह प्रतिनियुक्ति / बाह्य सेवा में भी ग्राह्य होगा यदि वह प्रतिनियुक्ति भत्ते के साथ ग्रेड वेतन पाने का विकल्प देता है। इस वैयक्तिक वेतन पर प्रतिनियुक्ति भत्ता नही दिया जाएगा।
प्रतिनियुक्ति के दौरान वेतनवृध्दि–कर्मचारी अपने मूल ग्रेड में या प्रतिनियुक्ति पद से जुड़े ग्रेड में, वेतन – वृध्दि प्राप्त करेगा जैसा भी मामला हो किन्तु वह इस बात पर निर्भर करेगा कि उसने प्रतिनियुक्ति (ड्यूटी) भत्ते के साथ अपने ग्रेड वेतन का विकल्प दिया अथवा प्रतिनियुक्ति पद के वेतनमान का। यदि उसके व्दारा प्रतिनियुक्ति पद का वेतनमान के लिए विकल्प दिया गया है तो पदावधि की समाप्ति पर मूल पद में प्रत्यावर्तन पर वेतन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, उसके व्दारा मूल संवर्ग / संगठन में नियमित रूप से धारित पद पर उसे काल्पनिक वेतन – वृध्दि लगती रहेगी।
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