तुलनात्मक मूल्य के पदों को समाप्त (मैचिंग सरेंडर) करने के लिए मंडल तथा प्रधान कार्यालय स्तर पर अलग –अलग रिक्ति बैंक रखे जाने चाहिये –
1. मंडल रिक्ति बैंक – रिक्ति बैंक का हिसाब वरिष्ठ मं. कार्मिक अधिकारी /मंडल रेल प्रबन्धक व्दारा रखा जाएगा तथा संबंधित मंडल लेखा अधिकारी /वरिष्ठ मंडल लेखा अधिकारी प्रति महीने इसका सत्यापन करेगा। इसमें उन अधिशेष (सरप्लस) पदों का 75% लागत – मूल्य जमा किया जाएगा, जिनको मंडल की पहल पर कार्य – विश्लेषण व्दारा पता लगाकर समाप्त किया गया है एवं इन पदों के 25% लागत मूल्य को प्रधान कार्यालय के रिक्ति बैंक में जमा किया जाएगा।
नोट - परन्तु स्टीम लोको शेडो, गुड्ज शैडो, पार्सल ऑफिस, यार्ड यदि के बंद होने अथवा टी.टी. मशीने लाये जाने के फलस्वरूप अधिशेष पदों के मूल्य की पूरी राशि प्रधान कार्यालय रिक्ति बैंक में जमा की जाएगी।
2. DRM को सह – वित्त अधिकारी की सहमति से नई/ अतिरिक्त सम्पत्तियों के परिचालन तथा देख – रेख के लिए मंडल रिक्ति बैंक में से अस्थायी पदों का सृजनकरने का अधिकार है, परन्तु ऐसे हर मामले में वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी की सहमति के साथ महाप्रबंधक की कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। एक मासिक विवरणी वरिष्ठ मं. लेखा अधिकारी, वरिष्ठ मं. कार्मिक अधिकारी तथा मंडल रेल प्रबंधक के हस्ताक्षरों के साथ मुख्य कार्मिक अधिकारी तथा वित्त सलाहकार एवं वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी को भेजी जायेगी।
प्रधान कार्यालय रिक्ति बैंक – प्रधान कार्यालय – रिक्ति बैंक में से नये पदों के स्रजन के सभी प्रस्ताव, विभागाध्यक्षो व्दारा जाँच तथा अपर महाप्रबन्धक व्दारा सहमति होने के पश्चात् ही वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी को सत्यापन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
विभागाध्यक्षों को चाहिये कि वह अतिरिक्त जन – शक्ति की जरुरतो को आंकते समय अभिनव परिवर्तनों और परिष्कारो का तकनीको पर जो असर हुआ है, उसका ध्यान रखे। सभी प्रस्तावों के लिए महाप्रबंधक की पूर्व स्वीकृति आवश्यक होगी।
इस रिक्ति बैंक खाते में मंडल रिक्ति बैंको से प्राप्त राशियाँ तथा प्रधान कार्यालय व्दारा नियंत्रित संस्थाओ में हुई पदों की समाप्ति का मूल्य जमा होगा
जब तक मंडलीय/प्रधान कार्यालय के रिक्ति बैंक में पड़ी तुलनात्मक मूल्य की राशि उपलब्ध नही कराई जाती, किसी भी पद का सृजन नही कराया जा सकता है। बड़े प्रस्ताव जिनके लिए तुलनात्मक मूल्य के पदों की समाप्ति क्षेत्रीय रेलों के लिए संभव न हो, रेलवे बोर्ड को वित्त सलाहकार की सहमति और महाप्रबंधक के निजी अनुमोदन के साथ भेजे जाने चाहिये।
(रेलवे बोर्ड पत्र सं. ई. (एम. जी.) II/84/आर.ई.1/10, दिनांक 26.10.84 और बाहरी का 87/87,दिनांक 31.3.87.)
पदों की समाप्ति और रिक्ति बैंक के बारे में
प्रक्रिया एवं रेलवे बोर्ड के निर्देश
1. जो सरप्लस किये जाने हो उनकी विभागध्यक्ष /मंडल रेल प्रबंधक से स्वीकृति होने के बाद 30 दिन के अंदर रिक्ति बैंक में उनके मूल्य के साथ उन्हें जमा कर देना चाहिये
2. यदि बोर्ड अथवा स्थानीय रेल प्रशासन के आदेश से किन्ही पदों के भरने पर रोक लगाई गई हो तो, यदि एक साल के भीतर समीक्षा करने पर यह पता चले कि उनकी जरूरत नही है, तो ऐसी सूरत में उन्हेसमाप्त करके रिक्ति बैंक में जमा कर देना चाहिये।
3. पद का मूल्य निकालने के लिए, वेतन बैंड का मध्यमान निकालकर उसमे उसका ग्रेड – वेतन और महंगाई भत्ता जोड़ेगे जो पद के सृजन / समाप्ति दिन लागू हो। यह गणना 1.1.2006 से लागू होगी (आर.बी.ई. 61/09 दिनांक 2.4.2009.)
4. पदों के सृजन के लिए उनका वार्षिक वित्तीय मूल्य निकाला जाता है। समाप्त किये गये पदों का भी वार्षिक मूल्य जमा करना उचित होगा। यदि किसी संगठन में मासिक मूल्य निकालते जाते हो तोपदों के सृजन और जमा दोनों ही मासिक मूल्य के ही होने चाहिये।
नोट - जमा किये गये मूल्य का 5% बोर्ड के खाते में जमा करते समय यह स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए कि वह मासिक मूल्य है अथवा वार्षिक।
(बोर्ड का पत्र सं. ई/एम.पी.पी./96/1/15, दिनांक 4.4.97.)
स्पष्टीकरण:- (क) मूल्य वेतन में दैनिक भत्ते के 50% विलयन को ध्यान में रखते हुए बोर्ड का 4.4.1997 का पत्र सं.ई. (एम.पी.पी.) 96/1/15 पत्र के पैरा 3 के उप – पैरा 3 को निम्नानुसार स्पष्ट किया है कि –
(1) अभ्यर्पित पदों का मूल्य वार्षिक आधार पर रिक्त बैक में जमा करना उचित देगा ताकि इनका उपयुक्त लेखा – जोखा रखा जा सके।
(2) ‘अभ्यर्पित पदों को आर्थिक मूल्य की गणना करते समय, केवल पद का औसत वेतन, महंगाई वेतन और उसके अनुरूप महंगाई भत्ता की गणना की जाए’(बोर्ड का पत्र सं. ई. (एम. पी. पी.) 96/1/15, पार्ट, दिनांक 30.9.2004 (आर.बी.ई. 214/2004)
(ख) चूकि रिस्ट्रक्चरिंग की योजना स्व– वित्तपोषित और व्यय रहित प्रकार की योजना है (आर.बी.ई.- 177/03), रेलों /रेलवे बोर्ड के रिक्ति बैंको में मुद्रा जमा करते समय यह सुनिश्चित कियाजाय कि रिस्ट्रक्चरिंग के लिए मैचिंग मुद्रा मूल्य उपलब्ध कराने की सीमा तक सरेंडर की गई राशियाँ रिक्ति बैंक में जमा नही की जाए।(आर.बी.ई.- 26/2006, दिनांक 10.2.2005.)
महाप्रबन्धक व्दारा मंडल रेल प्रबंधक को पदों के सृजन का अधिकार सौपना– बोर्ड के पात्र दि. 12.7.84 (पैरा 7, पृष्ट 53) व्दारा ग्रुप सी और डी में महाप्रबन्धक को जिन पदों के सृजन का अधिकार है, उसे मंडल रेल प्रबन्धक को सौंपा जा सकता है।नई परिसम्पत्तियो के संचालन और रखरखाव के लिए जरुरी पदों का सृजन, तुलनात्मक मूल्य के समाप्त किये गये पदों के बदले में किया जा सकेगा। इसके लिए महाप्रबन्धक मंडल में रिक्ति बैंक चलाने की अनुमति दे सकते है।
मंडल में समाप्त किये गये पदों के मूल्य का अधिकतम 50% मंडल के रिक्ति बैंक में और शेष मुख्यालय के रिक्ति बैंक में जमा किया जाएगा। मुख्यालय के रिक्ति बैंक में कारखानों और दूसरी मंडल इतर इकाइयों के समान पदों के मूल्य भी जमा किये जायेगे और उनके लिए नये पदों के सृजन का अधिकार महाप्रबंधक की ही होगा।
रेलवे बोर्ड ने अपने 26.6.96 और 4.4.97 के पात्रो में संशोधन करके यह निर्णय भी किया है कि क्षेत्रीय रेलों (जैसे मंडल, कारखानों और मंडल इतर इकाइयों) में समाप्त किये गये पदों के मूल्य का 25% बोर्ड के रिक्ति बैंक में जमा किया जाएगा। इस प्रकार अब मंडल में समाप्त होने वाले पदों के मूल्य का 50% मंडल रिक्ति बैंक, 25% मुख्यालय रिक्ति बैंक और 25% बोर्ड रिक्ति बैंक में जमा होगा।
(बोर्ड का पत्र सं. ई. (जी.) 98 ई.सी. 2-3, दिनांक 3.8.98, आर. बी. ई. – 172/98, 108/2000.)
नये क्षेत्र /मंडल में रिक्ति बैंक व्यवस्था – मूल क्षेत्र /मंडल के रिक्ति बैंक में नये क्षेत्र /मंडल के परिचालन के दिन जो राशि उपलब्ध थी, उसे उसी अनुपात में नये क्षेत्र /मंडल में अंतरित किया जाएगा। जो पदों के स्थानांतरण के लिए प्रतिशत निर्धारित किया गया है इस राशि को मूल क्षेत्र /मंडल के बैंक से कम कर दिया जाएगा।
(आर.बी.ई. – 46/2004, दिनांक 30.12.2003.)
रेलवे बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक नये जोनो को भेजी जाने वाली राशि को पूरे तौर पर अंतरित नही कर दिया जाता तब तक किसी रेल / उत्पादन इकाई में रिक्ति बैंक से कोई नया पद सृजित नही किया जाएगा
(आर.बी.ई. – 46/2004, दिनांक 3.3.2004.)
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