यात्रा भत्ता के समान्य नियम
यात्रा भत्ता के समान्य नियम
यात्रा भत्ता सभी श्रेणियों के रेल कर्मचारियों को दिया जाता है यदि वह अपने मुख्यालय से 8 किलोमीटर की परिधि से अधिक यात्रा करता हो। यह भत्ता मुख्यालय से ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहने के समय के प्रतिशत के आधार पर दिया जाता है।
जसे - 6 घंटे से कम अवधि - 30 प्रतिशत
6 घंटे से अधिक लेकिन 12 घंटे से कम अवधि - 70 प्रतिशत
अनुपस्थिति की अवधि अर्द्ध रात्रि से अर्द्ध रात्रि तक गिनी जाती है। हो सकता है कि अनुपस्थिति की अवधि दो कलैण्डर दिनों में पड़े, ऐसे मामलों में दो दिन का यात्रा भत्ता दिया जाएगा चाले अनुपस्थिति 24 घंटे से कम हो।
समेकित यात्रा भत्ता
जिन रेल कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के लिए बहुत अधिक यात्राएं करनी पड़ती हो तो महाप्रबंधक की स्वीकृति से उसे समेकित यात्रा भत्ता प्रदान किया जा सकता है चाहे रेल कर्मचारी अपने मुख्यालय से अनुपस्थिति रहे अथवा नहीं यह वर्षभर प्रदान किया जाता है
इसके लिए एक माह से औसत रूप से 20 दिन से अधिक कर्मचारी का ड्यूटी पर रहना आवश्यक है।
किसी महीने में आकस्मिक अवकाश लेने के कारण इस भत्ते में कटौती नहीं की जाती है।
यात्रा भत्ता के अन्य नियम
ब्रेक डाउन ड्यूटी पर नामित कर्मचारी को पूरा यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा चाहे उसे लगातार 12 घंटे से अधिक अवधि अथवा 8 किलोमीटर दूरी से कम दूरी के लिए मुख्यालय से बाहर जाना पड़े या नहीं।
निलंम्बित कर्मचारी को मुख्यालय से बाहर जाँच के लिए बुलाने पर यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा लेकिन जाँच उसकी स्वयं की प्रार्थना पर मुख्यालय से दर रखी जाए तो यह प्रदान नहीं किया जाएगा।
यात्रा भत्ते की निर्धारित दरें सामान्यतः जनसंख्या के आधार पर किए गए शहरों क वर्गीकरण पर निर्भर है लेकिन विशेष आदेश द्वारा यात्रा भत्ते के लिए शहरों का वर्गीकरण अलग से किया जा सकता है।
अस्थायी हस्तांतरण होने या किसी कोर्स में प्रशिक्षण क लिए जाने पर (जहां कर्मचारी क भोजन की व्यवस्था नहीं हो) तो दैनिक भत्ता पहले 180 दिन तक पूरा दैनिक भत्ता एवं 180 दिन के बाद कछ नहीं मिलेगा। जहां भोजन की व्यवस्था मौजूद हो वहां 80 प्रतिशत कटौती कर शेष 20 प्रतिशत ही भत्ता प्रदान किया जाएगा लेकिन प्रशिक्षण में जाते प्रशिक्षण के दौरान अध्ययन पर्यटन पर और लौटते समय पूरा दैनिक भत्ता मिलेगा।
कन्टीजेन्सी प्रभार
सरकारी कार्यालय से मुख्यालय क भीतर अथवा मुख्यालय क बाहर ड्यूटी पर जानक लिए स्थानीय वाहन के प्रभार के रूप में जो भुगतान किया जाता है उसके नियम निम्न हैं -
आर.बी.ई. नं. 140/2008 एवं रेलवे बोर्ड के पत्र संख्या एफ.(ई)।/2008/ए.एल.-7/3 दिनांक 03.10.08 प्रभावी: 01.09.08
सडक से यात्रा करन के नियम
सडक से यात्रा करन के नियम
माइलेज भत्ता - सड़क से यात्रा करने पर दिया जाता है। सबसे कम दरी का मार्ग एवं सबसे सस्ते मार्ग के आधार पर प्रदान किया जाता है। यदि विशेष कारणों से रेल कर्मचारी को सडक यातायात साधन से यात्रा करनी पड़े तो विशेष कारण विभागाध्यक्ष अथवा मंडल रेल प्रबंधक के द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
छठे वेतन आयोग के अनसार यात्रा भत्ता / दैनिक भत्ते के सषोधित प्रावधान निम्नांकित है-
- दैनिक भत्ता और यात्रा भत्ता आर.बी.ई. नं. 192/2008 एवं रेलवे बोर्ड के पत्र संख्या एफ (ई)1/2008/ए.एल.-28/14 दिनांक 01.12.08
- जब रेल कर्मचारी अपन मुख्यालय से 8 किमी दर सरकारी कार्य हेत यात्रा पर जाता है तो उसके यात्रा के खर्चें की क्षतिपूर्ति के लिए जो राशि दी जाती है उसे यात्रा भत्ता या दैनिक भत्ता कहते है।
- यात्रा भत्ता मुख्यालय से बाहर रहने की अवधि के प्रतिषत के आधार पर दिया जाता है जो कि निम्न प्रकार है -
- जब कर्मचारी 6 घण्टे से कम समय के लिए अपने मुख्यालय से बाहर रहता है तो दैनिक भत्ते का 30 प्रतिशत।
- जब कर्मचारी 6 घण्टे से अधिक लेकिन 12 घण्टे तक मुख्यालय से बाहर रहता है तो दैनिक भत्ते का 70 प्रतिशत।
- जब कर्मचारी 12 घण्टे से अधिक समय तक मुख्यालय से बाहर रहता है तो दैनिक भत्ते का 100 प्रतिशत।
- यदि किसी स्थान पर ठहरने में एक से अधिक रात्रियाँ आती है तो दोनों को अलग-अलग दिन या तिथि के आधार पर यात्रा भत्ते केलिए दावा किया जायेगा।
- मुख्यालय छोड़ने पर और मुख्यालय वापसी पर अर्थात आने जाने के लिए एक ही दिन का यात्रा भत्ता का दावा किया जाये।
- यात्रा भत्ता की दर - नगरों की श्रेणिया और कर्मचारियों के ग्रेड पे के अनुसार 1 जुलाई, 2017 से दैनिक भत्ता की दर निम्न प्रकार निर्धारित की गई है: (रूपयों में)
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