मौजूदा अनुदेशों का अधिक्रमण करते हुए बोर्ड ने नीचे लिखे निर्णय किये है –
(i) अनुकंपा नियुक्ति का लाभ प्रदान करने के अनुरोध पर रेल कर्मचारी के गुम होने की तारीख से कम – से कम दो वर्ष बीत जाने के बाद विचार किया जा सकता है, बशर्ते कि गुमशुदा होने के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी हो तथा उस गुमशुदा व्यक्ति की तलाश नही की जा सकती हो तथा सक्षम प्राधिकारी को यह लगे कि यह मामला वास्तविक है।
(ii) यह लाभ निम्न रेल कर्मचारी पर लागू नही होगा
(क) जिसे लापता होने की तारीख से दो वर्ष के भीतर सेवानिवृत्ति होना हो अथवा –
(ख) जिसके संबंध में यह संदेह हो कि उसने कपट किया है, अथवा उसके किसी आतंकवादी संगठन में शामिल हो जाने अथवा विदेश चले जाने का संदेह हो।
(iii) गुमशुदा रेल कर्मचारी के मामले में भी अनुकंपा नियुक्ति लेना कोई अधिकार नही है तथा यह मौजूदा योजना के अंतर्गत ऐसी नियुक्ति के लिए निर्धारित रिक्ति की उपलब्धता के साथ सभी शर्तों के पूरा होने पर निर्भर करेगा।
(iv)इस प्रकार के किसी अनुरोध पर विचार करते समय, पुलिस जाँच पड़ताल के परिणामों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
(v) उन सामान्य अनुदेशों के अंतर्गत की जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति के किसी अनुरोध पर निर्णय रेलों के महाप्रबंधक स्तर पर ही लिए जाए।
(vi) गुमशुदा रेल कर्मचारी के बाद में मिल जाने पर आश्रित विधवा की सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।
(vii) अनुकंपा नियुक्ति को पावने की राशि के भुगतान से अलग रखा जाए अर्थात इस तरह के मामलों में अनुकंपा नियुक्ति करने से केवल इस आधार पर मना अथवा विलंब नही किया जा सकता है कि गुमशुदा कर्मचारियों के पावने की राशि का भुगतान पात्र व्यक्तियों को अभी किया जाना बाकी है।
उपर्युक्त अनुदेश उन नैमित्तिक श्रमिकों (अस्थायी प्रकृति वाले) आश्रित विधवाओं पर भी लागू होंगे जो लापता पाये गये हो बोर्ड के 17.10.97 के पत्र सं. ई. (एन. जी.) II/96 /आर. सी. I/85 में अंतर्विष्ट अन्य शर्ते इस प्रकार के मामलों में भी लागू होते रहेंगे।
परीक्षा / इंटरव्यू के लिए अनुकंपा के आधार पर भर्ती को बुलाये जाने पर अभ्यर्थी को स्लीपर / दूसरी श्रेणी का विशेष पास दिया जाएगा/ यह पास केवल पहली बार उसे अपने निवास के स्टेशन से परीक्षा स्थल तक जाने और लौटने के लिए मिलेगा, दुबारा बुलाये जाने पर नहीं।
(आर. बी. ई.) 275/ 99, दिनांक 18.10.99)
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के बाद सेवा समाप्त करना
अनुकंपा पर नियुक्ति इसलिए की जाती है कि मृत अथवा अशक्त कर्मचारी के परिवार की आर्थिक परेशानी से रक्षा हो। अत: नियुक्त हुआ व्यक्ति यह लिखकर वचन देगा कि वह सभी सदस्यों की उचित रूप से देखभाल करेगा। यदि बाद में यह सिध्द हो कि वह उनकी देखभाल ठीक से नही कर रहा था
या उनकी उपेक्षा कर रहा था तो उसकी नियुक्ति तुरंत समाप्त कर दी जाएगी। इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों के विवरण लेकर रिकार्ड पर रखे जाएगे। नियुक्ति समाप्त करने के अधिकार का प्रयोग महाप्रबंधक / मुख्य प्रशासनिक अधिकारी स्वयं करेगे
(आर.बी.ई. – 153/2000 दिनांक 22.8.2000 एवं 44/2002 , दिनांक 8.4.2002)
अनुकंपा नियुक्ति के बकाया मामलो पर अदालत – रेलवे बोर्ड ने आदेश दिया है कि अनुकंपा नियुक्ति के बकाया मामलो का निपटारा करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए। पेंशन अदालत की भांति बकाया मामलो पर भी एक अदालत आयोजित करनी चाहिए, जिसके लिए सरकारी सूचनाओ और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार किया जाए। इन परिचरो की कठिनाई दूर करने के प्रयत्न जरूरी है
(आर. बी. ई. 127 /2005 , दिनांक 4.8.2005)
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