जब तक इन नियमो के अंतर्गत अन्य कोई प्रावधान न किया गया हो जब तक सुसंगत एवं पर्याप्त कारणों से संतुष्ट होने होने पर अथवा कर्मचारी के व्दारा आवेदन दिए जाने पर , विभिन्न नियमो में विभिन्न उद्देश्यों के लिए दी गयी समय सीमा को बढाने तथा उससे हुए विलम्ब को माफ़ करने के लिए वही प्राधिकारी सक्षम होगा जिसे इन नियमो में विभिन्न उद्देश्यों के लिये आदेश पारित करने हेतु सक्षम बनाया गया हो
संघ लोक सेवा आयोग की परामर्श की प्रति कर्मचारी को प्रदान करना :-
यदि इन नियमो के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किसी मामले में संघ लोक सेवा आयोग की परामर्श ली जाती है तो उस मामले में पारित किसी आदेश के साथ आयोग के पारित करने वाले प्राधिकारी व्दारा संबंधित कर्मचारी को दी जायेगी,
निरसर एवं व्याव्रत्तियां (रिपील्स एवं सेविंग्स ) :-
इन नियमो के व्दारा पहली अगस्त 1961 से लागू रेलवे सुरक्षा बल के रेल सेवको को छोडकर अन्य रेल सेवको पर लागू होने वाले रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील ) नियम तथा उसके तहत जारी किये गये ऐसे आदेश जो इन नियमो से मेल नही खाते है, को निरसित (रिपील ) कर दिया गया है
शंका समाधान :- यदि इन नियमो के किसी प्रावधान की व्याख्या के संबंध में कोई उत्पन्न होती है तो उस मामले को रेलवे बोर्ड के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेज कर उनका निर्णय प्राप्त किया जायेगा
राष्ट्रपति के नाम प्रतिवेदन प्रस्तुत करने संबंधी अधिकारी :
इन नियम के किसी प्रावधान पर ध्यान न देते हुए कोई भी रेल सेवक भारतीय रेल स्थापना संहिता भाग - I (पंचम संस्करण , 1985) के संलग्न - II में निहित निर्देशों के तहत राष्ट्रपति की सेवा में आवेदन प्रस्तुत करने के अधिकारी से इन नियमो व्दारा वांछित नही किया जा सकेगा
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