अन्य विभागों से रेलवे में प्रतिनियुक्ति पर लिये गये गैर रेलवे कर्मचारियों पर अनुशासनिक कार्यवाही
(नियम - 16)
1. यदि किसी सरकारी सेवक या अन्य व्यक्ति की सेवाये केन्द्रीय सरकार के किसी अन्य मंत्रालय से संबंधित अन्य विभाग से अथवा राज्य सरकार से या उसके अधीनस्थ किसी अन्य विभाग से अथवा स्थानीय या अन्य पदाधिकारी (जिसे उधारदाता प्राधिकारी कहा जाता है) की रेलवे के अधीन प्रतिनियुक्ति की जाती है तो उधारलेवा प्राधिकारी को उस सरकारी कर्मचारी या अन्य व्यक्ति को निलंबित करने या अनुशासनिक जाँच करने का अधिकार होगा।
नोट - यदि ऐसे किसी सरकारी कर्मचारी अथवा व्यक्ति को निलंबित किया जाता है या उसके विरुद्ध जाँच - प्रक्रिया आरम्भ की जाती है तो उधार लेवा प्राधिकारी इसकी सूचना तुरंत उधारदाता प्राधिकारी को देगा तथा उन कारणों को भी सूचित करेगा जिसके कारण निलम्बन अथवा अनुशासनिक जाँच आवश्यक हुआ ।
2. इस प्रकार के सरकारी सेवक अथवा व्यक्ति के विरुध्द की गयी जाँच के आलोक में
i. यदि उधार लेवा प्राधिकारी का यह विचार होता है कि आरोपित कर्मचारी पर लागू होने वाले नियमो के अनुसार कोई लघु दंड दिया जाना चाहिये तो संबंधित उधारदाता प्राधिकारी की परामर्श लेकर वह कोई लघु दण्ड दे सकता है।
नोट - इस संबंध में उधारलेवा और उधारदाता प्राधिकारियों में मतभेद हो तो उस कर्मचारी या उस व्यक्ति की सेवाये उधारदाता प्रधीकारी के अधीन लौटा दी जानी चाहिये ।
ii. यदि उधारलेवा प्राधिकारी के विचार से संबंधित सरकारी सेवक या व्यक्ति पर लागू होने वाले नियमो के अंतर्गत कोई दीर्घ दण्ड देना उचित है तो वह उस सेवक या व्यक्ति की सेवाये उधारदाता प्राधिकारी के अधीन लौटा दी जायेगी और उसके पास जाँच कार्यवाही के निष्कर्षो को भी प्रेषित करेगे जिसके आधार पर उधारदाता प्राधिकारी चाहे तो कार्यवाही कर सकता है।
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