Establishment Rule
निलम्बन आदेश और निलंबित समझा जाना के आदेश में अंतर
(Difference between Suspension & Deemed Suspension)
1. निलम्बन आदेश सक्षम अधिकारी तब करता है जब कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की संभावना हो या बड़ी शास्ति की कार्यवाही चल रही हो या जब कर्मचारी ऐसे कार्य कलापों मे लिप्त हो, जिससे देश की सुरक्षा को खतर हों या फिर जब किसी फौजदारी मामले मे कर्मचारी के खिलाफ कोई केस, छान-बीन, जांच या मुकदमें चल रहे हो।
- किन्तु निलंबित समझा जाना कर्मचारी पर तब लागू होता है जब
- या कर्मचारी 48 घण्टे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहा हो, तो हिरासत मे रखने की तारीख से।
- या जब कोई न्यायालय, कर्मचारी को पदच्युत करने, पद से हटाने या अनिवार्य रूप से सेवामुक्ति के दण्ड को अमान्य कर दे और जब अनुशासनिक अधिकारी आगे और जांच करने का निर्णय करे तो कर्मचारी को दिये गये दण्ड के आदेश की तारीख से निलम्बित समझा जायेगा
- या कर्मचारी की दण्ड के विरूद्ध अपील पर दबारा से जाँच के आदेश दिये गये हो तब भी दण्ड के आदेश की तारीख से निलम्बित समझा जायेगा।
- या कर्मचारी की दण्ड के विरूद्ध अपील पर दण्ड अमान्य हो जायेगा तब भी दण्ड के आदेश की तारीख से निलम्बित समझा जायेगा।
2. निलम्बन सोच - समझ कर किया गया आदेश होता है जबकि निलंबित समझा जाना उपरोक्त स्थितियों में पड जाने पर अपने आप हो जाता है।
3. निलम्बन सक्षम अधिकारी के निर्णय पर हो सकती है वह चाहे तो कर्मचारी को निलंबित न भी करे - हालाकि कुछ परिस्थितियों में उसे आदेश देने पड़ सकते है, किन्तु दूसरी स्थिति यानी निलंबित समझा जाना में सक्षम अधिकारी कोआदेश देने ही होंगे
4. निलम्बन आदेश जारी होने पर ही प्रभावी हो जाते है जबकि निलंबित समझा जाना सूचना बाद में भी मिलेने पर पिछ्ले आदेश की तारीख से लागू होगा।
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