निचले पद से उच्चतर पद पर, स्थायी अथवा अस्थायी आधार पर पदोन्नति के समय नियम 1313 आर II मूल नियम - 22 (क) (i) के अधीन वेतन - निर्धारण किया जाएगा।
1. एक पद से दूसरे ऐसे पद पर नियुक्ति के समय वेतन - निर्धारण, जब पद उच्चतर कार्यभार तथा अधिक महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व से जुड़ा हो -
इसके
बाद उच्चतर पद के वेतनक्रम में काल्पनिक (नोटेशनल) वेतन के बाद की अगली स्टेज पर
उसका वेतन निर्धारित किया जाएगा। शर्त यह है कि उच्चतर पद में वेतन - निर्धारण
करते समय निम्नतर पद के वेतन में जोड़े जाने वाली राशि 100 रूपये से कम न हो। (आर.बी.ई.244 /99, दिनांक 27.9.99 )
यदि रेलवे कर्मचारी अपनों पदोन्नति अथवा उच्चतर पद पर नियुक्ति के समय निचले पद के वेतनक्रम का अधिकतम वेतन प्राप्त कर रहा हो तो निचले पद के वेतन में वेतनक्रम की अंतिम वेतन वृध्दि की राशि के बराबर रकम जोडकर जो काल्पनिक (नोटेशनल)वेतन बनेगा, उच्चतर पद के काल - मान में उससे उच्चतर स्टेज पर वेतन निर्धारित किया जाएगा बशर्ते रेलवे कर्मचारी ने –
(अ) इससे पहले स्थायी अथवा अस्थायी तौर पर -
(i) उसी पद पर काम किया हो; या
(ii) उसी वेतनक्रम में स्थायी अथवा अस्थायी तौर पर
काम किया हो; या
(iii) एक समान वेतनक्रम पर आवधिक (टेन्योर) पद को छोडकर किसी स्थायी पद पर अथवा अस्थायी पद पर काम किया हो (किसी निगमित अथवा अनिगमित संस्था के पद समेत जो पूरी तरह अथवा अधिकतर सरकार व्दारा नियंत्रित हो)
(आ) यदि उसे एक समान वेतन क्रम वाले किसी ऐसे
आवधिक (टेन्योर) पद से स्थायी तौर पर किसी अन्य आवधिक पद पर नियुक्त किया गया हो, जिसमे वह स्थायी अथवा
अस्थायी आधार पर कार्यरत रहा हो, तो उसका वेतन निचले पद के वेतनक्रम के वेतन की उच्चतर स्टेज पर
निर्धारित किया जाएगा जिसमे उसने स्थायी अथवा अस्थाई तौर पर काम किया हो।
यदि 1.1.86 के बाद उपर्युक्त ढंग से मूल नियम 22 - सी के अंतर्गत किये गये वेतन -निर्धारण में 100 रु. का न्यूनतम लाभ देने के कारण किसी कनिष्ठ (जूनियर ) कर्मचारी का वेतन अपने वरिष्ठ (सीनियर) से अधिक हो जाये तो वरिष्ठ कर्मचारी के वेतन को कनिष्ठ के वेतन के बराबर बढ़ा दिया जाएगा। ऐसा चौथे वेतन आयोग के वेतन क्रमों में वेतन - निर्धारण के नियम 1986 के नियम 7 के नीचे दी गई टिप्पणी 7 के अनुसार किया जाएगा। (बोर्ड का पत्र स. पी.सी. IV /89/आर.एस. पी./2, दिनांक 14.10. 92, बाहरी का 174/ 92.)
2. किसी एक पद से ऐसे दूसरे पद पर नियुक्ति के समय
जिसमे उच्चतर कार्यभार तथा दायित्वों का निर्वाह न करना हो–
जहाँ
नये पद पर नियुक्ति के साथ उच्चतर कार्यभार तथा दायित्व नही हो तो वह मूल वेतन के
तौर पर नये वेतनक्रम में वही स्टेज प्राप्त करेगा जो वह पुराने वेतनक्रम में ले
रहा था और यदि वे स्टेज नये वेतनक्रम में नही है तो उस स्टेज से एक स्टेज नीचे के
बराबर वेतन लेगा जिसमे वर्तमान पद के वेतन और नये पद की स्टेज के अंतर
के बराबर वैयक्तिक (परसनल) वेतन जोड़ा जाएगा
यह वैयक्तिक वेतन वह तब तक लेता रहेगा जब तक
पुराने वेतनक्रम में वह अगली वेतन वृध्दि नही प्राप्त कर लेता अथवा जब तक वह नये
पद के वेतनक्रम में अगली वेतन वृध्दि प्राप्त नही करता जो भी इनमे से कम हो परन्तु
यदि नये पद के वेतन क्रम का न्यूनतम निचले पद में उसके स्थायी वेतन से अधिक हो तो
उसे नये पद के वेतनक्रम का न्यूनतम मिलेगा।
यदि नये पद पर नियुक्ति के लिए कर्मचारी ने अपनी
लिखित प्रार्थना पर निवेदन किया था और उस पद के वेतनक्रम का अधिकतम उसके अधिष्ठायी
(सब्सटेटिव) वेतन से कम है तो वह कर्मचारी यदि अधिकतम वेतन पाता रहेगा।
पुराने
पद में अगली वेतनवृध्दि का हक बनने के पहले तथा बाद में नियुक्त होने वाले वरिष्ठ
और कनिष्ठ कर्मचारियों के वेतनों में होने वाली असंगतियो को दूर करने के
लिए यह निर्णय किया गया है कि रेल कर्मचारी को ऐसे
नये पद पर नियुक्ति के समय सीधे ही उस पद पर नियुक्ति की तिथि से अथवा पुराने पद
में अगली देय वेतन वृध्दि की तिथि से
निर्धारण करवाने का विकल्प चुनने की छूट दी जायेगी दोनों स्थितियों में नये पद में
उसकी अगली वेतन अहर्ता सेवा अवधि पूरी करने के बाद ही देय होगी।
यह
आदेश 1.1.86 से
लागू माने जाएगे जिन कर्मचारियों को 1.1.86 से ऐसे पदों पर नियुक्त किया गया जिन
पर उच्चतर कार्यभार तथा दायित्वों का बोझ नही है और वह इन आदेशो के जारी होने के
समय तक उसी पद पर कार्यरत है तो वह इस विकल्प का इस्तेमाल आदेश जारी करने से तीन
मास के भीतर ही कर सकेगे और एक बार दिया गया विकल्प अंतिम होगा।
(रेलवे बोर्ड पी. V - IV/89 /एफ. ओ.पी. /2 , दिनांक 7.6.89
बाहरी का 149 /89.)
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