SEARCH YOUR QUERY

रेल सेवा में प्रवेश करने पर जन्म तिथि दर्ज करने की कार्य पद्धति संबंधी सामान्य नियम

रेल सेवा में प्रवेश करने पर जन्म तिथि दर्ज करने की कार्यपद्धति संशोधित मास्टर सर्कुलर के अनुसार निम्नानुसार है। -

 

 

नियुक्ति के समय जन्मतिथि की घोषणाः-

 

1. मौजूदा प्रावधानों के अनुसार सरकार के अंतर्गत आने वाली सेवा/पद पर नियुक्त किए गए प्रत्येक व्यक्ति को उनकी नियुक्ति के समय अपनी जन्मतिथि की घोषणा करनी होगी और समुचित प्राधिकारी द्वारा संपुष्टि/ दस्तावेज़ी साक्ष्य जैसे मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र अथवा नगरपालिका प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर इसे स्वीकार किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो उसे कोई अन्य प्राधिकृत दस्तावेज़ी साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा जाना चाहिए, जो विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र, मूल रूप में बपतिस्मा प्रमाणपत्र अथवा अन्य विश्वसनीय दस्तावेज हो सकते हैं। बहरहाल, जन्म तिथि के लिए साक्ष्य के रूप में जन्मकुंडली को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

(दिनांक 03/12/71 का सं. ई (एनजी) 11/70/बीआर/1, नियम 225-आरआई और दिनांक 12/12/85 का सं. ई (जी) 84/एफआर 1/1)

 

2. यदि कोई उम्मीदवार नियुक्ति प्राधिकारी की संतुष्टि के लिए संपुष्टि दस्तावेज़ अथवा कोई अन्य प्राधिकृत साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो उसे अपनी आयु की घोषणा के समर्थन में एक शपथपत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा जाना चाहिए।

 

3. शिक्षित कर्मचारियों के मामले में सेवा रिकॉर्ड में उनकी स्वयं की लिखावट में जन्म तिथि दर्ज की जाएगी। अशिक्षित कर्मचारियों के मामले में घोषित की गई जन्म तिथि को वरिष्ठ रेल सेवक द्वारा जाएगा और अन्य रेल कर्मचारी द्वारा इसकी गवाही दी जाएगी। दर्ज किया जाएगा और अन्य रेल कर्मचारी द्वारा इसकी गवाही दी जाएगी।

 

4. जब जन्म का वर्ष अथवा वर्ष और महीना मालूम हो और दिनांक का सही पता न हो तो क्रमशः 1 जुलाई अथवा उस माह की 16 तारीख को जन्म तिथि के रूप में माना जाएगा।

 

5. समूह '' के कर्मचारियों के मामले में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि नियमित सेवा में प्रवेश करने पर यथा घोषित जन्म तिथि, अनियत मजदूर अथवा एवजी के रूप में नियुक्ति के समय की गई घोषणा अथवा सूचना यदि कोई हो, से भिन्न नहीं होनी चाहिए

 

6. कोई व्यक्ति, जो रेल सेवा में प्रवेश करते समय अपनी आयु की घोषणा नहीं कर पाता है तो उसे नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए।

 

7. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सेवा में प्रवेश करते समय जन्म तिथि को निरपवाद रूप से शब्दों और अंकों दोनों में ईसवी सन में तथा जहां-कहीं संभव हो शक वर्ष में भी दर्ज किया जाए।

 

8. जिस स्रोत/आधार, पर सेवा में प्रवेश करते समय कर्मचारी के सेवा रिकॉर्ड में जन्म तिथि दर्ज की गई है, उसे दर्ज की गई जन्म तिथि के नीचे रिकॉर्ड किया जाए।

 

।। जन्म तिथि में परिवर्तन करने से संबंधित कार्यपद्धतिः -

 

1. नियमों के अनुसार यथा दर्ज जन्म तिथि बाध्य रहेगी और बाद में सामान्य तौर पर ऐसी तारीख में संशोधन नहीं किया जाएगा। बहरहाल, ग्रुप '' और 'बी' रेल कर्मचारियों के मामले में अध्यक्ष और ग्रुप 'सी' एवं 'डी' रेल कर्मचारियों के मामले में महाप्रबंधक के लिए जन्म तिथि में परिवर्तन करने का विकल्प खुला रहेगा।।

 

(i) जहां उनके मत में, रेल कर्मचारी ने लाभ उठाने के लिए गलत ढंग से सूचना दी हो, अन्यथा भर्ती के लिए अस्वीकार्य हो, बशर्ते ऐसे परिवर्तन के परिणामस्वरूप रेल कर्मचारी को सेवा में अधिक समय तक न रखा गया हो, यदि परिवर्तन नहीं किया गया था अथवा

 

(ii) जहां, अशिक्षित कर्मचारियों के मामले में महाप्रबंधक संतुष्ट हों कि कोई लिपिकीय चूक हुई है, अथवा

 

(iii) जहां, परिस्थितियों, का संतोषजनक जबाव (जिस पर तीन वर्ष की प्रशिक्षु अवधि के पूरा होने के पश्चात् इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए, जो भी पहले हो) जिनमें संबंधित रेल कर्मचारी द्वारा रिकॉर्ड में संशोधन, (नियम 225-आरआई) करने के पिछले प्रयासों के विवरण सहित दी गई तारीख गलत आई हो।

 

2. उपर्युक्त पैरा-11.1 में निर्धारित समय-सीमा में एकबारगी छूट के अपवाद के रूप में उन रेल कर्मचारियों, जो 03/12/1971 में सेवा में थे, को 31/7/1973 तक घोषित जन्म तिथि में संशोधन करने के लिए उनके मामले में अनुरोध करने की अनुमति प्रदान की गई थी। 31/7/1973 के पश्चात् दर्ज की गई जन्म तिथि में परिवर्तन के लिए किए गए किसी अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता, यदि इसे प्रशिक्षु अवधि के पूरा होने अथवा तीन वर्ष की सेवा, जो भी पहले हो, तक प्रस्तुत न किया गया हो। (दिनांक 4/8/1972 का ई (एनजी) ।।/70/बीआर 1)

 

3. यह स्पष्ट किया जाता है कि उपर्युक्त समयसीमा अशिक्षित ग्रुप 'डी' कर्मचारियों के मामले में लागू नहीं होगी। (दिनांक 25/10/78 का ई (एनजी) 11/78/बीआर/12 और दिनांक 19/10/86 का ई (एनजी)।/86/बीआर/7)

 

4. ग्रुप 'सी' एवं 'डी' रेल कर्मचारियों की दर्ज जन्म तिथि में परिवर्तन करने के संबंध में महाप्रबंधक नियम 225. आरआई के अंतर्गत अपनी शक्तियों को अपने प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारियों को प्रत्यायोजित कर सकते हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि इन शक्तियों में समय सीमा में छूट देने की शक्ति और उपर्युक्त पैरा 11.1 में निर्धारित अन्य शर्तें शामिल नहीं है। (दिनांक 16/7/71 का ई (एनजी) ।।/71/बीआर/4 और दिनांक 4/11/82 का ई (एनजी) ।/82/बीआर/10)

 

5. जहां पर मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र में जन्म तिथि को उदहारण के तौर पर अथवा न्यायालय के निर्देश से राज्य शिक्षा प्राधिकारी द्वारा सही किया गया हो, वहां पर दर्ज की गई जन्म तिथि में संशोधन के अनुरोध को स्वीकार किया जाए, बशर्ते कर्मचारी ने 31/7/1973 से पूर्व न्यायालय में गुहार लगाई हो और 31/7/1973 से पूर्व रेल प्रशासन को अभ्यावेदन भी दिया हो। बहरहाल, यह स्पष्ट किया जाता है कि तथापि कर्मचारी के अनुरोध पर विचार किया जा सकता है परंतु यह आवश्यक नहीं है कि इसे अनिवार्यतः स्वीकार कर लिया जाए। प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारियों को इस मामले पर निर्णय लेने से पूर्व, संगत कारणों जैसे कर्मचारी 31/7/1973 से पूर्व न्यायालय क्यों नहीं जा सका, क्या कर्मचारी ने वास्तविक जन्म तिथि की घोषणा द्वारा कोई लाभ प्राप्त किया है, जो वह संशोधित प्रमाणपत्र के अनुसार नहीं प्राप्त कर पाता और यह भी कि क्या दर्ज की गई तारीख मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र के अनुसार थी अथवा अन्य कोई आधार हो, को मौजूदा अनुदेशों के आलोक में ध्यान में रखना होगा।

(दिनांक 07.05.1985 का ई (एनजी) 1/85/बीआर/2)

(दिनांक 10.10.2018 का संऋ 2018/ट्रांस/01/पॉलिसी)

 

6. उन रेल कर्मचारियों के मामले में, जिन्होंने कोलकाता एवं पटना विश्ववि‌द्यालयों से मैट्रिकुलेशन किया हो और जिनकी जन्म तिथि केवल वर्ष एवं माह में आयु दर्शाते हुए उनके मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र के आधार पर माह की पहली तारीख के रूप में दर्ज की गई हो, ऐसे मामलों में संतोषजनक दस्तावेज़ी साक्ष्य, जो इसका समर्थन करते हों कि कोलकाता/पटना विश्ववि‌द्यालय संबंधित समय पर दिनों को छोड़कर 1 मार्च को और कर्मचारी द्वारा दावा की गई वास्तविक जन्म तिथि को दर्शाने वाले जन्म रजिस्टर के निष्कर्ष से भी, वर्ष और माह के अनुसार किसी व्यक्ति की आयु दर्शाने की परंपरा का पालन कर रहा था, के आधार पर जन्म तिथि में संशोधन किया जा सकता है। ऐसे मामलों में निर्णय लेने का अधिकार प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारियों के पास है। बहरहाल, इन आदेशों के आधार पर, उन कर्मचारियों के मामले में जिनका मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र मूल जन्म तिथि को भी दर्शाता हो, कोई परिवर्तन अनुमेय नहीं होगा। [दिनांक 3/1/1977 का ई (एनजी) 111/75/बीआर/1] (दिनांक 10.10.2018 का सं. 2018/ट्रांस/01/पॉलिसी)

 

।।। सामान्यः

(क) इस परिपत्र का संदर्भ लेते समय, समुचित मूल्यांकन के लिए इस पत्र में उल्लिखित मूल पत्रों को पढ़ा जाना चाहिए। यह परिपत्र अब तक जारी किए गए अनुदेशों का केवल समेकन है और इसे मूल पत्रों का प्रतिस्थापन नहीं समझा जाना चाहिए। संदेह के मामले में मूल परिपत्र को प्राधिकार के रूप में समझा जाना चाहिए।

 

(ख) संदर्भित मूल परिपत्र में निहित अनुदेशों का केवल उन्हें जारी करने की तारीख से प्रत्याशित प्रभाव है जब तक कि संबंधित परिपत्र में इसका विशेषरूप से अन्यथा उल्लेख नहीं किया जाता। पुराने मामलों का निपटान करने के लिए संबंधित समय पर लागू अनुदेशों का ही पालन किया जाए, और

(ग) यदि इस विषय पर कोई परिपत्र, जिसका अधिक्रमण नहीं किया गया हो, इस समेकित पत्र को तैयार करते समय इस पर विचार नहीं किया गया हो, जो भूलवश छूट गया हो, उसे वैध और लागू माना जाएगा। इस छूटे हुए परिपत्र, यदि कोई हो, को रेलवे बोर्ड के नोटिस में लाया जाए।


Master Circular No. 12 (Update June 2019)

 

Procedure for Recording Date of Birth on Entering Railway Service and its Alteration.


No comments:

.

Disclaimer: The Information/News/Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.

Translate