(क) ऐसे भत्ते जो की आधार लेने वाले संगठन में तदनुरूप स्तर पर कार्य करने वाले नियमित कर्मचारियों के लिए ग्राह्य नही है वे भत्ते प्रतिनियुक्ति / बाह्य सेवा पर आने वाले अधिकारियों के लिए भी ग्राह्य नही होंगे चाहे ऐसे लाभ मूल संगठन में ग्राह्य होते हो।
(ख) निम्नलिखित भत्ते उधार देने तथा उधार लेने वाले संगठन
की पारस्परिक सहमति व्दारा दिए जाएंगे–
(i) मकान किराया
भत्ता / नगर प्रतिपूर्ति भत्ता
(ii) कार्यभार ग्रहण
करने का समय तथा कार्यभार ग्रहण करने के समय का वेतन
(iii) यात्रा भत्ता
तथा स्थानांतरण यात्रा भत्ता
(iv) शिक्षा भत्ता
(v) छुट्टी यात्रा
रियासत
(ग)
निम्नलिखित भत्ते / सुविधाएँइनमें से प्रत्येक के आगे स्पष्ट किए गए नियमों के
अनुसार दि जाएगी –
(i)
महंगाई भत्ता –कर्मचारी उधार लेने वाले या उधार देने वाले
संगठन में विद्यमान दर से महंगाई भत्ता पाने का हकदार होगा, किन्तु यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उसने
संवर्ग बाह्य पद के समय वेतनमान में वेतन
पाने का विकल्प दिया है अथवा प्रतिनियुक्ति (ड्यूटी ) भत्ते के साथ अपने
ग्रेड में वेतन का।
(ii) चिकित्सा सुविधाएँ–इसे उधार लेने वाले संगठन के नियमों के अनुसार दिया जाएगा।
(iii) छुट्टी –प्रतिनियुक्ति / बाह्य सेवा पर गए अधिकारी को
मूल संगठन के छुट्टी नियमों व्दारा दिया जाएगा। ऐसी कोई कर्मचारी अवकाश (वेकेशन)
विभाग से अवकाश (नॉन–वेकेशन) विभाग में या इसके विपरीत जाता है तो उधार लेने वाले
संगठन के छुट्टी नियम लागू होंगे। प्रतिनियुक्ति पद से वापस मूल संवर्ग में
प्रत्यावर्तन के समय, उधार लेने वाले संगठन, ऐसे कर्मचारी को दो
महीने से अधिक छुट्टी स्वीकृत नही करेगा। इससे आगे छुट्टी लेने के लिए कर्मचारी को
अपने संवर्ग नियंत्रक प्राधिकरण को आवेदन करना चाहिए।
अवकाश वेतन तथा पेंशन अंशदान –
(i)
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के तथा केंद्र और राज्य सरकार
के बीच अवकाश वेतन तथा पेंशन अंशदान की वर्तमान व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। ऐसे
मामलो में, केंद्र से राज्य सरकार में प्रतिनियुक्ति पर या इसके विपरीत राज्य से
केंद्र में कर्मचारी को अवकाश वेतन देने की जिम्मेदारी उस विभाग की है जो उसकी
छुट्टी देता है या जिस विभाग से कर्मचारी छुट्टी पर जाता है तथा उधार देने वाले
संगठन को कोई अंशदान नही दिया जाएगा।
कर्मचारी की सेवा – निवृति के समय पेंशन/
अंशदायी भविष्य निधि में नियोक्ता का अंशदान प्रदान करने की जिम्मेदारी उसके मूल
विभाग की होगी, उस विभाग की जिससे कर्मचारी सेवा – निवृति के समय स्थायी तौर पर
संबंधित हो तथा प्रतिनियुक्ति दावा संगठन से कोई आनुपातिक अंशदान नही लिया जाएगा।
(ii) केंद्र सरकार के कर्मचारी की केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या स्वायत्त निकायों में बाह्य सेवा पर प्रतिनियुक्ति के मामले में, बाह्य सेवा के दौरान ली गई छुट्टियों की अवधि को छोडकर, अवकाश वेतन अंशदान तथा पेंशन अंशदान / अंशदायी भविष्य निधि (नियोक्ता का हिस्सा) अंशदान केंद्र सरकार को या तो स्वयं कर्मचारी देगा या उसके प्रतिनियुक्ति दाता संगठन व्दारा देय होगा।
(iii) इसके विपरीत
केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों,
स्वायत्त निकायों से केंद्र सरकार में
प्रतिनियुक्ति के मामलो में अवकाश वेतन तथा पेंशन योगदान का प्रश्न दोनों की सहमति
से हल किया जाएगा।
(रेलवे बोर्ड पत्र सं. एफ (ई.) II/94/डी/ ई.1/1, दिनांक
5.12.94 और भारत सरकार, कार्मिक विभाग का कार्यालय ज्ञापन सं. 2/29/91 स्था. वेतन –
III दिनांक 5.1.94)
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