रेल कर्मचारियों को अनुमेय विभिन्न भत्ते
सरकारी कर्मचारियों को सेवा में रहते हुए कई प्रकार के भत्ते प्रदान किए जाने का प्रावधान होता है। रेल कर्मचारियों को भी उनमें से निम्नलिखित भत्ते नियम, शर्ते एवं पात्रता के अनुसार प्रदान किए जाते हैं -
महगाई भत्ता - महंगाई भत्ते की गणना, व्यक्ति के मूल वेतन (Basic Salary) के कुछ प्रतिशत के रूप में की जाती है। महंगाई के कारण लोगों के जीवन पर पडे असर को कम करने के लिए उसकी सेलरी में महंगाई भत्ता जोडा जाता है। 7th वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर 2016 को आधार वर्ष मानते हुए ऊपर होने पर मंहगाई भत्ता देय हो जाता है। यह 12 महीने में हुई वृद्धि के आधार पर वर्ष में दो बार जनवरी और जुलाई में देय होता है। वर्तमान में मंहगाई भत्ते की दर वेतन = मंहगाई वेतन पर 24 प्रतिशत की दर से प्रदान किया जा रहा है। रनिंग कर्मचारियों को इसकी गणना में रनिंग एलाउन्स का तत्व गिनकर प्रदान किया जाता है।
परिवहन भत्ता - जिन रेल कर्मचारियों को प्रतिदिन कार्यालय/ड्यूटी पाॅइन्ट पर आने के लिए वाहन की सुविधा का उपयोग करना पड़ता हो तथा जो काम की जगह से 1 किलोमीटर से अधिक दूरी पर निवास करते हों, उन्हे परिवहन भत्ता वेतन के अनुसार तथा शहरों की श्रेणी के अनुसार 900/- + DA से लेकर 3600/- + DA तक प्रदान किया जाता है (7th Pay Commission के अनुसार) । जो रेल कर्मचारी रोड़ साइड स्टेशनों पर काम करते हों उन्हें यह भत्ता प्रदान नहीं किया जाता है क्योंकि उनके लिए क्वार्टर की व्यवस्था वहीं विहित की जाती है। यह भत्ता आयकर से मुक्त होता है। विकलांग कर्मचारियों को यह भत्ता सामान्य से दुगनी दर पर मंजूर किया जाता है।
यात्रा भत्ता - यात्रा भत्ते का अर्थ है कि वह भत्ता जो किसी रेल कर्मचारी को उन खर्चों की पूर्ति के लिए दिया जाए जो वह लोक हित में ड्यूटी पर यात्रा के दौरान करता हो।
कन्टीजेन्सी प्रभार
यात्रा भत्ता सभी श्रेणियों के रेल कर्मचारियों को दिया जाता है यदि वह अपने मुख्यालय से 8 किलोमीटर की परिधि से अधिक यात्रा करता हो। यह भत्ता मुख्यालय से ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहने के समय के प्रतिशत के आधार पर दिया जाता है।
जसे - 6 घंटे से कम अवधि - 30 प्रतिशत
6 घंटे से अधिक लेकिन 12 घंटे से कम अवधि - 70 प्रतिशत
12 घंटे से अधिक अवधि - 100 प्रतिशत
अनुपस्थिति की अवधि अर्द्ध रात्रि से अर्द्ध रात्रि तक गिनी जाती है। हो सकता है कि अनुपस्थिति की अवधि दो कलैण्डर दिनों में पड़े, ऐसे मामलों में दो दिन का यात्रा भत्ता दिया जाएगा चाले अनुपस्थिति 24 घंटे से कम हो।
समेकित यात्रा भत्ता
जिन रेल कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के लिए बहुत अधिक यात्राएं करनी पड़ती हो तो महाप्रबंधक की स्वीकृति से उसे समेकित यात्रा भत्ता प्रदान किया जा सकता है चाहे रेल कर्मचारी अपने मुख्यालय से अनुपस्थिति रहे अथवा नहीं यह वर्षभर प्रदान किया जाता है
इसके लिए एक माह से औसत रूप से 20 दिन से अधिक कर्मचारी का ड्यूटी पर रहना आवश्यक है।
किसी महीने में आकस्मिक अवकाश लेने के कारण इस भत्ते में कटौती नहीं की जाती है।
यात्रा भत्ता के अन्य नियम
ब्रेक डाउन ड्यूटी पर नामित कर्मचारी को पूरा यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा चाहे उसे लगातार 12 घंटे से अधिक अवधि अथवा 8 किलोमीटर दूरी से कम दूरी के लिए मुख्यालय से बाहर जाना पड़े या नहीं।
निलंम्बित कर्मचारी को मुख्यालय से बाहर जाँच के लिए बुलाने पर यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा लेकिन जाँच उसकी स्वयं की प्रार्थना पर मुख्यालय से दर रखी जाए तो यह प्रदान नहीं किया जाएगा।
यात्रा भत्ते की निर्धारित दरें सामान्यतः जनसंख्या के आधार पर किए गए शहरों क वर्गीकरण पर निर्भर है लेकिन विशेष आदेश द्वारा यात्रा भत्ते के लिए शहरों का वर्गीकरण अलग से किया जा सकता है।
अस्थायी हस्तांतरण होने या किसी कोर्स में प्रशिक्षण क लिए जाने पर (जहां कर्मचारी क भोजन की व्यवस्था नहीं हो) तो दैनिक भत्ता पहले 180 दिन तक पूरा दैनिक भत्ता एवं 180 दिन के बाद कछ नहीं मिलेगा। जहां भोजन की व्यवस्था मौजूद हो वहां 80 प्रतिशत कटौती कर शेष 20 प्रतिशत ही भत्ता प्रदान किया जाएगा लेकिन प्रशिक्षण में जाते प्रशिक्षण के दौरान अध्ययन पर्यटन पर और लौटते समय पूरा दैनिक भत्ता मिलेगा।
कन्टीजेन्सी प्रभार
सरकारी कार्यालय से मुख्यालय क भीतर अथवा मुख्यालय क बाहर ड्यूटी पर जानक लिए स्थानीय वाहन के प्रभार के रूप में जो भुगतान किया जाता है उसके नियम निम्न हैं -
आर.बी.ई. नं. 140/2008 एवं रेलवे बोर्ड के पत्र संख्या एफ.(ई)।/2008/ए.एल.-7/3 दिनांक 03.10.08 प्रभावी: 01.09.08
सडक से यात्रा करन के नियम
सडक से यात्रा करन के नियम
माइलेज भत्ता - सड़क से यात्रा करने पर दिया जाता है। सबसे कम दरी का मार्ग एवं सबसे सस्ते मार्ग के आधार पर प्रदान किया जाता है। यदि विशेष कारणों से रेल कर्मचारी को सडक यातायात साधन से यात्रा करनी पड़े तो विशेष कारण विभागाध्यक्ष अथवा मंडल रेल प्रबंधक के द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
छठे वेतन आयोग के अनसार यात्रा भत्ता / दैनिक भत्ते के सषोधित प्रावधान निम्नांकित है-
- दैनिक भत्ता और यात्रा भत्ता आर.बी.ई. नं. 192/2008 एवं रेलवे बोर्ड के पत्र संख्या एफ (ई)1/2008/ए.एल.-28/14 दिनांक 01.12.08
- जब रेल कर्मचारी अपन मुख्यालय से 8 किमी दर सरकारी कार्य हेत यात्रा पर जाता है तो उसके यात्रा के खर्चें की क्षतिपूर्ति के लिए जो राशि दी जाती है उसे यात्रा भत्ता या दैनिक भत्ता कहते है।
- यात्रा भत्ता मुख्यालय से बाहर रहने की अवधि के प्रतिषत के आधार पर दिया जाता है जो कि निम्न प्रकार है -
- जब कर्मचारी 6 घण्टे से कम समय के लिए अपने मुख्यालय से बाहर रहता है तो दैनिक भत्ते का 30 प्रतिशत।
- जब कर्मचारी 6 घण्टे से अधिक लेकिन 12 घण्टे तक मुख्यालय से बाहर रहता है तो दैनिक भत्ते का 70 प्रतिशत।
- जब कर्मचारी 12 घण्टे से अधिक समय तक मुख्यालय से बाहर रहता है तो दैनिक भत्ते का 100 प्रतिशत।
- यदि किसी स्थान पर ठहरने में एक से अधिक रात्रियाँ आती है तो दोनों को अलग-अलग दिन या तिथि के आधार पर यात्रा भत्ते केलिए दावा किया जायेगा।
- मुख्यालय छोड़ने पर और मुख्यालय वापसी पर अर्थात आने जाने के लिए एक ही दिन का यात्रा भत्ता का दावा किया जाये।
- यात्रा भत्ता की दर - नगरों की श्रेणिया और कर्मचारियों के ग्रेड पे के अनुसार 1 जुलाई, 2017 से दैनिक भत्ता की दर निम्न प्रकार निर्धारित की गई है: (रूपयों में)
NOTE - These Daily Allowance rates Will go up by 25% every time the DA goes up by 50%.।
समयोपरि भत्ता -
यदि किसी कर्मचारी को कानूनी सीमा से अधिक कार्य लिए जाते है तो उन्हें समयोपरि भत्ता देय होता है।
रात्रि पहरा भत्ता - यह भत्ता केवल स्थाई गैंगमेन या अस्थाई दर्जा प्राप्त आकस्मिक श्रमिक को प्रदान किया जाता है।
यदि किसी कर्मचारी को कानूनी सीमा से अधिक कार्य लिए जाते है तो उन्हें समयोपरि भत्ता देय होता है।
रात्रि पहरा भत्ता - यह भत्ता केवल स्थाई गैंगमेन या अस्थाई दर्जा प्राप्त आकस्मिक श्रमिक को प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रीय अवकाश भत्ता - यह भत्ता कर्मचारियों को तभी मिलता है जब वह राष्ट्रीय अवकाश के दिन कार्य करे या उस दिन उसका साप्ताहिक विश्राम का दिन पड़ जाए।
डाॅक्टरों को प्रेक्टिस बन्दी भत्ता
प्रतिनियुक्ति भत्ता
प्रशिक्षण भत्ता - संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण संस्थानों में मूल वेतन का 15 प्रतिशत प्रदान किया जाता है।
रेल सुरक्षा बल कर्मचारियों को राशन भत्ता
सवारी भत्ता (कन्टीजेन्सी एलाउन्स)
अनुसंधान भत्ता/चिकित्सकों को वार्षिक भत्ता
चिकित्सकों को स्नातकोत्तर भत्ता
वर्दी भत्ता एव धुलाई भत्ता - नर्सिंग कर्मचारियों जैसे - प्रभारी सिस्टर, मेट्रन, नर्सिंग सिस्टर तथा मिड वाइफ और स्वास्थ्य परिचारकों को दिया जाता है।
मैसिंग भत्ता - यह नर्सिंग कर्मचारियों को दिया जाता है।
नर्सिंग भत्ता - यह नर्सिंग कर्मचारियों को दिया जाता है।
धुलाई भत्ता - सभी ग्रुप ‘डी’ कर्मचारियों को जिनको वर्दी दी गई है, प्रदान किया जाता है। केन्टिन कर्मचारियों को भी प्रदान किया जाता है।
साइकिल भत्ता - चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जिसे कार्यालय प्रयोग हेतु साइकिल पर इधर-उधर ड्य ूटी के लिए जाना होता है, उसे रखरखाव हेतु प्रदान किया जाता है।
टेन्योर भत्ता - रेलवे बोर्ड में ग्रुप ‘ए’ अधिकारियों को दिया जाता है।
विकलाग भत्ता - चिकित्सा अधिकारी की सिफारिश पर मूल वेतन का 5 प्रतिशत और अधिकतम 100/- नियम व शर्तें पूरी करने पर प्रदान किया जा सकता है।
जेबखर्च भत्ता - यह रेलवे की टीमों के खिलाड़ियों को दिया जाता है जब वे कोचिंग केम्प/खेलों में भाग लेने हेतु ड्यूटी पर भेजे जाएं तो 10/- रुपये प्रतिदिन प्रति व्यक्ति और अधिकतम 30 दिनों क े लिए प्रदान किया जा सकता है।
- झौंपडी भत्ता
- आउट-टर्न भत्ता
- कठिन ड्यूटी भत्ता
- जनजाति क्षेत्र भत्ता
- रिमोट लोकेशन भत्ता
- खराब जलवायु भत्ता
- बोर्डर भत्ता
- प्रतिपूरक सर्वेक्षण व निर्माण भत्ता
- परियोजना भत्ता
- विशेष ड्यूटी भत्ता (यह पूर्वोतर सीमान्त रेलवे मे स्थानान्तरण पर मिलता है।)
- राष्ट्रीय अवकाश भत्ता
- विशेष पर्वतीय क्षेत्र भत्ता
- ब्रेकडाउन भत्ता
- सुन्दर वन भत्ता
- रनिंग कर्मचारियों को रनिंग भत्ते
इस प्रकार उपरोक्त सभी तरह के भत्ते नियम एवं शर्तें पूरी करने पर पात्रता के अनुसार रेल कर्मचारियों को सक्षम अधिकारी की मंजूरी से प्रदान किए जाते हैं।
समेकित स्थानान्तरण एवं पैकिंग भत्ता - 01.10.97 से यह भत्ता एकमुश्त प्रदान किया जाता है। इसमें प्रशासनिक हित में स्थानान्तरण, पदौन्नति, प्रतिनियुक्ति, सेवा निवृति, समायोजन इत्यादि के अवसर पर जब कर्मचारी का एक मुख्यालय से दूसरे मुख्यालय पर किया जाता है। जिसमें आवास परिवर्त न भी सम्मिलित हो तो यह भत्ता अनुमेय किया जाता है। वर्त मान में यह भत्ता कर्मचारी के एक माह के मूल वेतन एवं मंहगाई वेतन के बराबर प्रदान किया जाता है। मूल वेतन से आशय पदभार से कार्यमुक्त होते समय सेवा के पद का मूल वेतन गिना जाता है। स्थानान्तरण, शहर के बाहर किसी अन्य स्टेशन पर जो 20 किमी. या अधिक दूरी पर स्थित हो, होना चाहिए तथा आवास परिवर्त न भी किया जाना हेा। यह भत्ता ऐसे मामलों में पूरी दरों पर मिलता है। यदि सामान व मोटर कार वी.पी.यू. से ले जाया जाता है तो यह भत्ता 80 प्रतिशत प्रदान किया जाता है अन्यथा इसकी 75 प्रतिशत राशि प्रदान की जाती है। यदि स्थानान्तरण 20 किलोमीटर के अन्दर हो या उसी नगर की सीमा में हो तो यह भत्ता एक तिहाई प्रदान किया जाता है। मृत्यु के मामलों में कर्मचारी के परिवार को भी यह भत्ता नियमानुसार प्रदान किया जाता है। इस भत्ता को प्रदान करने की समय सीमा सामान्यतः छः माह की अवधि नियत है। मृत्यु के मामलों में यदि कर्मचारी के परिवार ने आवास को रोकने की अनुमति ली हो तो इसे 30 माह की अवधि तक प्रदान किया जा सकता है।
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