पेंशन नियम
पेंशन एक सेवा निवृति लाभ है जो रेल सेवक को सेवा निवृति के उपरान्त प्रतिमाह प्रदान की जाती है। पेंशन भविष्य में अच्छे आचरण के अधीन होने पर अनुमेय होती है अर्थात यदि पेंशन भोगी को गम्भीर अपराध के लिए दोष सिद्ध पाया जाता है या घोर अवचार के लिए दोषी पाया जाता है तो नियुक्ति प्राधिकारी लिखित आदेश द्वारा राष्ट्रपति की अनुमति से पेंशन के भाग को स्थाई रूप से या निश्चित अवधि के लिए रोकने में सक्षम होता है। लेकिन ऐसे मामलो में न्युनतम पेंशन अनुमेय की जाती है।
रेल सेवा पेंशन नियम 1993 जो दिनांक 3.12.1993 से लागू किए गए, उन सभी रेल कर्मचारियों पर लागू होते हैं जिनकी नियुक्ति रेल सेवा में 31.12.2003 तक हुई हो।
पेंशन के लिए पात्रता
- सभी स्थाई और अस्थाई रेल कर्मचारी जो सेवा निवृति पर 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हों, पेंशन के लिए पात्र हैं।
- ऐसे रेल कर्मचारी जो 1.4.1954 को रेल सेवा मे थे और जिन्होंने पेंशन प्राप्त करने का विकल्प प्रस्तुत किया हो।
- 16.11.1957 के दिन अथवा इसके उपरान्त लेकिन 31.12.2003 तक रेल सेवा में प्रवेश करने वाले सभी रेल कर्मचारी अनिवार्य रूप से पेंशन के पात्र हैं।
- 1.1.1986 को रेल सेवा में अंशदायी भविष्य निधि योजना में शासित कर्मचारी जिन्होंने पेंशन योजना से बाहर रहने का विकल्प प्रस्तुत नहीं किया हो, पेंशन के लिए पात्र हैं।
पेंशन के प्रकार
अधिवार्षिकी पेंशन - सेवा निवृति की आयु पूरी होने पर जो कि वर्तमान में 60 वर्ष है, यह पेंशन प्रदान की जाती है।
सेवा निवृति पेंशन - 20 वर्ष की सेवा के उपरान्त कर्मचारी द्वारा स्वैच्छिक सेवा निवृति लेने के मामले में अथवा स्थापना नियमों के तहत 55 वर्ष की आयु अथवा 30 वर्ष की सेवा पूरी करने के उपरान्त जिन कर्मचारियों को सेवा में विस्तार प्रदान नहीं किया जाता है अर्थात अनिवार्य सेवा निवृति प्रदान की जाती है, सेवा निवृति पेंशन के हकदार होते हैं।
उपरोक्त दोनों मामलों में 3 माह के नोटिस का प्रावधान है। कतिपय मामलों में स्वैच्छिक सेवा निवृति में नोटिस अवधि को माफ करने का प्रावधान भी है तथा 5 वर्ष तक की सेवा का वैटेज भी प्रदान करने का प्रावधान है।
अशक्तता पेंशन - सेवा के दौरान कार्य परिस्थितियोंवश कर्मचारी का शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अशक्त हो जाने पर मेडीकल बोर्ड की सिफारिश के आधार पर सेवा निवृति दी जाती है। इस पर यह पेंशन अनुमेय होती है। विशेष उल्लेख है कि मेडीकल डीकेटेगराइजेशन कर्मचारी की स्वयं की गलत आदत से नहीं होना चाहिए।
क्षतिपूर्ति पेंशन - किसी कार्यालय स्थापना, पद इत्यादि का प्रशासनिक कारणों से समापन कर दिया जाए तथा विद्यमान स्टाफ को अन्यंत्र समायोजित नहीं किया जा सके और कर्मचारी की 10 वर्ष सेवा अवधि पूरी हो चुकी हो अथवा कर्मचारी समायोजित होने के लिए विकल्प प्रस्तुत नहीं करे , ऐसी अवस्था उसे सेवा निवृत कर दिया जाता है और यह पेंशन प्रदान की जाती है।
अनतिम पेंशन - जब कर्मचारी के खिलाफ कोई मेजर विभागीय/न्यायिक कार्यवाही विचाराधीन हो और सेवा निवृति की तारीख हो तो उसे सेवा निवृत कर दिया जाता है और पेंशन का लाभ प्रोवीजनली प्रदान किया जाता है। इसे अनतिम पेंशन कहते हैं। 6 माह के भीतर इस पेंशन को फाइनल करना होता है।
परिकल्पित पेंशन - जब कर्मचारी का सेवा विवरण/रिकाॅर्ड गुम हो जाए या प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो जाए और कर्मचारी की सेवा निवृति की दिनांक हो तो उसे सेवा निवृत कर दिया जाता है और अन्तिम वेतन के आधार पर पेंशन की गणना की जाती है। इसे परिकल्पित पेंशन कहते हैं। उल्लेख है कि 6 माह के भीतर सेवा रिकाॅर्ड को रिकाष्ट करके इस पेंशन को फाइनल करना होता है।
अनुग्रह पेंशन/भुगतान - जो कर्मचारी 1.4.1954 अर्थात रेलवे में पेंशन लागू होने की दिनांक से पहले से वा निवृत हो गए हों तथा जिन्होंने सेवा निवृति पर न्यूनतम 20 वर्ष की सेवा की हो तथा आज भी जीवित हों उन्हें यह अनुग्रह पेंशन अनुमेय की जाती है। यदि कर्मचारी की मृत्यु हो गई हो और उसकी विधवा जीवित हो अथवा कोई पात्र सदस्य जीवित हो तो उसे अनुग्रह भुगतान अनुमेय किया जाता है।
परिवार पेंशन - 1.1.1964 से रेल कर्मचारी की सेवा के दौरान अथवा सेवा निवृति के उपरान्त मृत्यु होने के मामलों में परिवार की सामाजिक सुरक्षा के रूप में यह पेंशन पात्र सदस्यों को मंजू र की जाती है, जिसकी गणना कर्मचारी के अन्तिम वेतन के आधार पर की जाती है। उल्लेख है कि यह पेंशन पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि का कोई प्रावधान नहीं है। कर्मचारी का केवल मेडीकल फिट होना पर्याप्त है। 10 वर्ष की सेवा करने के उपरान्त अथवा 70 वर्ष आयु होने से पहले कर्मचारी की मृत्यु होने पर यह पेंशन बढ़ी हुई दर पर मिलती है, शेष मामलो में सामान्य दरों से मिलती है।
असाधारण पेंशन - इस पर पेंशन के सामान्य नियम लागू नहीं होते हैं अर्थात इसमें पेंशन की दर सामान्य पेंशन से दुगनी तक होती है। सामान्यतः यह पेंशन सामरिक (डिफेंस) कर्मचारियों को अनुमेय होती है जो आॅफिस रिस्क, विशेष आॅफिस रिस्क, लगातार रिस्क में कार्य करते हैं तथा अशक्त हो जाते हैं और सेवा निवृति करनी होती है। इसकी दरे अलग से सूचित है।
असाधारण परिवार पेंशन - असाधारण पेंशन की तरह ही इसमें सम्बन्धित कर्मचार की मृत्यु होने पर परिवार को प्रदान की जाती है। इसमें 2 बच्चों तक चिकित्सा भत्ता भी अलग से प्रदान किया जाता है। सामान्यतया इस पेंशन की दरें साधारण परिवार पेंशन की दुगनी होती है।
अनुकम्पा भत्ता/अनुदान - जिन रेल कर्मचारियों को रेल सेवा से बर्खास्त/रिमुवल कर दिया जाता है उनके परिवार की परिस्थितियां को ध्यान में रखते हुए विशेष मामलों में जीवन निर्वाह हेतु यह भत्ता सक्षम अधिकारियों द्वारा मंजू र किया जा सकता है। इसमें न्यूनतम पेंशन जितना भत्ता अनुमेय होता है।
नई पेंशन योजना - 1.1.2004 के दिन या इसके उपरान्त रेल सेवा में प्रवेश करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से इस योजना में शासित किया गया है। यह योजना मासिक अंशदान पर निर्भर है।
पेंशन की सीमाएं
न्यूनतम पेंशन - पांचवे वेतन आयोगके अनुसार न्यूनतम पेंशन 3500 रुपये प्रतिमाह +मंहगाई भत्ता निर्धारित है।
अधिकतम पेंशन - 33 वर्ष की सेवा पूरी होने के उपरान्त औसत वेतन का आधा अधिकतम पेंशन के रूप में अनु मेय होता है। इससे कम सेवा होने पर अनुपातिक पेंशन प्रदान की जाती है।रेलवे में अधिकतम पेंशन अधिकतम वेतन का आधा है जो कि वर्तमान में 90,000 रुपये है। अर्थात रेलवे में अधिकतम पेंशन 45000 रुपये +मंहगाई राहत निर्धारित है। किसी भी कर्मचारी को अधिकतम पेंशन उसके द्वारा की गई कुल अहर्क सेवा अवधि तथा उसके औसत वेतन पर निर्भर करती है।
पेंशन की गणना
पेंशन की गणना करने के लिए निम्नलिखित दो पहलू महत्वपूर्ण हैं -
अर्हक सेवा - ऐसी सेवा अवधि जो पेंशन के लिए गणना में ली जाती है उसे अहर्क सेवा अवधि कहते हैं। इसमें निम्नलिखित शामिल है -
कुल सेवा अवधि (सेवा निवृति की दिनांक में से नियुक्ति दिनांक को घटाकर निकाली जाती है) - कु ल सेवा अवधि में से अनर्हक सेवा अवधि को घटाया जाता है तथा वैटेज यदि कोई हो तो उसे जोड़ने का प्रावधान है।
वह अवधि जिसकी गणना अर्हक सेवा में की जाती है -
वह अवधि जिसकी गणना अर्हक सेवा में की जाती है -
- परीविक्षा/प्रशिक्षण की अवधि (दिनांक 01.10.94 से)
- ड्यूटी की अवधि
- डेपूटेशन की अवधि
- सभी तरह की छुट्टियो की अवधि
- केवल असाधारण छुट्टी को छोड़कर जो कि चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं
- कार्यग्रहण या पदग्रहण अवधि
- सब्स्टीट्यूट/एवजी के रूप में की गई रेल सेवा जिसे बाद में बिना व्यवधान के समायोजित कर लिया गया हो उसकी आधी सेवा अवधि
- नागरिक संक्षोभ, प्राकृतिक आपदा इत्यादि के कारण कार्यभार ग्रहण करने या पुनः ग्रहण करने में असमर्थता के कारण की अवधि
- रिमुवल/डिसमिसल/अनिवार्य सेवा निवृति के दंड के बाद अपील अथवा रिव्यु पर सेवा में बहाल हो जाने पर पिछली सेवा की गणना अर्हक सेवा में कराई जा सकती है।
- 3 माह या अधिक अवधि को पूरे अर्हक सेवा अवधि में गिना जाता है अर्थात प्रत्येक 6 माह की अवधि को एक अर्हक सेवा अवधि माना जाता है और कुल सेवा अवधि को पेंशन के लिए अर्हक सेवा में परिकलित किया जाता है। ऐसे मामलों में राउण्डिंग आॅफ के नियमानुसार 3 माह या अधिक की अवधि को अगले अर्हक सेवा अवधि में गिना जाता है।
अनर्हक सेवा अवधि निम्नलिखित होती है -
- अंशकालिक हैसियत से कार्य अवधि
- नैमितिक बाजार या दैनिक दरों पर सेवा
- निलंबन अवधि जिसे नियमित नहीं किया गया हो
- गैर पेंशनीय पद पर सेवा
- ऐसे पद जिनका भुगतान कंटींजेंसी से किया जाता हो
- किसी संविदाके अन्तर्गत की गई सेवा जो विनिर्दिष्ट रूप में पेंशन फायदों के लिए अनुबंधित नहीं हो
- फीस या मानदेय के भुगतान पर किया गया कार्य
- विशेष वर्ग प्रशिक्षुओं के चार वर्ष प्रशिक्षुता अवधि में से प्रथम दो वर्ष
- सेवा से हटाया जाना या पदच्युति अवधि
- सेवा से पद त्याग करना
- अनाधिकृत अनुपस्थिति
- स्वयं की प्रार्थना पर स्थानान्तरण पर कार्य ग्रहण अवधि
- अकार्य दिवस के रूप में मानी गई सेवा अवधि
- विदेश सेवा जिसके सम्बन्ध में विदेशी नियोजक ने सेवा अंश का भुगतान नहीं किया हो तथा जिसे राष्ट्रपति द्वारा माफ न किया गया हो।
औसत वेतन
औसत परिलब्धियों का निर्धारण सेवा निवृति से 10 माह पूर्व रे ल कर्मचारियों द्वारा प्राप्त किए गए वेतन के आधार पर किया जाता है। इसमें विशेष/वैयक्तिगत वेतन शामिल नहीं होता है। किन्तु रनिंग कर्मचारियों के मामलो में रनिंग भत्ते का तत्व तथा डाॅक्टर के मामलों में एन.पी.ए. शामिल किया जाता है। हिन्दी लाइब्रेरी चलाने हेतु विशेष वेतन, परिवार नियोजन का आॅपरेशन कराने पर विशेष वेतन, हिन्दी टकण एवं आशुलिपि के लिए दिए जाने वाले वैयक्तिक वेतन इत्यादि को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
सेवा निवृति लाभ
रेल कर्मचारियों को सेवानिवृति/मृत्यु पर कई तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं जिसे तुलनात्मक रूप से निम्नलिखित विवरण से दे खा जा सकता है -
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