आयकर - वेतन शीर्ष
कर्मचारी द्वारा 1 अप्रैल से 31 मार्च अर्थात वित्तीय वर्ष में प्राप्त की गई वेतन शीर्ष की समस्त आय सरकार द्वारा बनाये गये आयकर नियमों के अंतर्गत कर योग्य होती है। आयकर नियमानुसार भारत में प्राप्त किये गये वेतन तथा अन्य राशि का वार्षिक विवरण वित्तीय वर्ष के अनुसार नियोजकों द्वारा तैयार कर कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से आयकर की गणना कर निर्धारित फार्म संख्या 16 सूचित करना होता है तथा कर के दायरे में आने वाले कर्मचारियों से आयकर की वसूली कर सरकार को जमा कराना होता है।
आयकर नियमों के निम्नलिखित शब्दावलियां प्रचलित है -
वित्तीय वर्ष - 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का माना जाता है।
कर निर्धारण वर्ष - वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर आयकर रिटर्न भरने के उपरांत आगामी वित्तीय वर्ष को कर निर्धारण वर्ष गिना जाता है। उदाहरणार्थ वित्तीयय वर्ष 2005-06 के कर निर्धारण वर्ष हेतु 2006-07 माना जायेगा।
कर योग्य आय - आयकर नियमानुसार सकल आय की गणना कर उसमे से अनुमय कटौतियां कर शुद्ध सकल आय को कर योग्य आय माना जाता है, जिस पर नियमानुसार आयकर लिया जाता है।
वेतन - नियोजक से प्राप्त ऐसी राशि जो सेवा के बदले मे प्रतिमाह कर्मचारियों को भुगतान की जाती है इसमें निम्नलिखित शामिल है -
- मूल वेतन
- छुट्टी वेतन
- अग्रीम वेतन
- मंहगाई वेतन
- वेतन निर्धारण का एरियर
- बोनस
- मंहगाई भत्ता
- अंतरिम राहत
- समयोपरि भत्ता
- मानदेय (ओनोरेरियम) 117
- मकान किराया भत्ता (नियमानुसार छुट के साथ)
- शहर प्रतिपूरक भत्ता
- पेंशन
- निर्वाह भत्ता
- ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति
- अन्य भत्ता, जो किसी भी नाम से हो जब तक कि उन्हें सरकार द्वारा आयकर की धारा 10 के तहत कर मुक्त नहीं कर दिया गया हो।
- फीस (संचयी और असंचयी प्रकृति की)
- आकस्मिक आय
- गृह संपति से आय
- ब्याज/लाभांश इत्यादि की आय
- अन्य व्यक्ति की आय - जैसे परिवार पेंशन की आय।
- अन्य कर योग्य आय
आयकर नियमो के अनुसार निम्नलिखित आयकर के नियमों के अंतर्गत कर मुक्त/कटौती योग्य अधिसूचित किये गये है, जो कुल आय में से अनुमेय होते है -
- यात्रा भत्ता
- दैनिक भत्ता
- परिवहनभत्ता
- रनिंग भत्ता (प्राप्त भत्ता का दो-तिहाई कर मुक्त)
- वर्दी भत्ता
- बच्चों की शिक्षा का भत्ता
- परिवर्तीय/बोर्डर/जनजाति क्षेत्र भत्ता
- अधिक ऊँचाई क्षेत्रभत्ता
- हाॅस्टल भत्ता
- सत्कार भत्ता 118
- चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति
- मनोरंजन भत्ता
- प्रोफेशनल टेक्स
- जीवन सुरक्षा - पेशन प्लान में निवेश
- मेडीक्लेम पाॅलिसी में अंशदान
- विकलांग आश्रितों के इलाज पर खर्च की राशि
- चिकित्सा व्यय - स्वयं व आश्रितों पर विशेष बीमारियों के लिए
- उच्च शिक्षा के लिए ऋण की वापसी
- धमार्थ उद्देश्य की संस्थाओ को दान
- शारिरीक विकलांगता के लिए कटौती
- नई पेंशन योजना में अंशदान
कर योग्य आय निम्नलिखित मामलो में भी नहीं गिनी जाती है -
- भविष्य निधि से लिया गया अग्रीम
- सेवा निवृति/मृत्यु पर भुगतान की ग्रेच्यूटी की राशि
- पेंशन का सारांशिकृत मूल्य
- अन्य सेवा निवृति की लाभ की राशियां
- मुआवजे की राशि जो कानून प्राप्त हुई हो
कुल आय में से की जाने वाली कटौतियां - अधिकतम एक लाख रूपये तक की राशि आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत एवं अन्य राशियां आयकर अधिनियम के अध्याय टप् के तहत निर्धारित सीमा जो धारा 80 सी.सी./80 डी./80डी.डी./ 80डी.डी.ए./80डी.डी.बी./80ई./80जी. इत्यादि मे उल्लेखित है।
- कुल आय में से एक लाख तक की सीमा में की जाने वाली कर बचत योजना
- भविष्य निधि में किया गया अंशदान
- भविष्य निधि में स्वेच्छिक अंशदान अधिकतम वेतन का 12 गुणा
- राष्ट्रीय बचत पत्र में विनियोग की गई राशि 119
- जीवन बीमा प्रिमीयम की चुकाई गई किस्तें
- पेंशन निधि योजना में किया गया विनियोग
- समुह बीमा योजना - वेतन के माध्यम से
- म्यूचूएल फंड में विनियोग
- मकान ऋण की अदायगी एवं उस पर ब्याज
- बच्चों की शिक्षा पर शिक्षण शुल्क की अदायगी - अधिकतम दो बच्चों हेतु
कर निर्धारण वर्ष 2008-09 हेतु कर की दरें
कुल आय में से नियमानुसार अनुमय कटौतियों को घटाने के उपरांत तथा आयकर अधिनियम की धारा 80 मे अनुमय अधिकतम एक लाख तक की बचत राशि को घटाने के उपरांत शेष राशि पर निम्नानुसार कर देय होता है -
- डेढ लाख रूपये तक आय - आयकर से मुक्त आय
- डेढ लाख से तीन लाख रूपये तक आय - 10 प्रतिशत
- तीन लाख से पाच लाख रूपये तक आय - 20 प्रतिशत
- पाच लाख से अधिक आय - 30 प्रतिशत
- उपरोक्त प्रकार से निकाले कर पर वर्तमान में 2 प्रतिशत अधिप्रभार अतिरिक्त रूप से देय होता है।
कर की देयता - आयकर के भुगतान हेतु कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होता है।नियोक्ता कर्मचारी से सही राशि में कर को एकत्र कर आयकर अधिकारी को जमा कराने हेतु उत्तरदायी रहता है। अतः प्रत्येक कर्मचारी को वित्तीय वर्ष के आरम्भ में ही अपने नियोजक को घोषणा पत्र भरकर प्रस्तुत कर देना चाहिए कि वह वित्तीय वर्ष के दौरान कर बचत योजना में विनिवेश किस तरह करेगा अथवा उसके आय के अन्य स्त्रोत व राशि क्या रहेगी। यथानुसार नियोजक कर्मचारी की अनुमानित आय की गणना कर कुल कर की राशि ज्ञात कर सकता है और कर्मचारी की सहमति से स्त्रोत पर टी.डी.एस. की व्यवस्था कर सकेगा।
वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर कर्मचारी को निर्धारित फार्म संख्या 16 जारी किया जाता है। जिसके आधार पर आयकर की विवरणी (सरल 2 डी) कर्मचारी को आयकर कार्यालय में स्वयं जमा करने की व्यवस्था करनी होती है यदि कर्मचारी को रिफंड लेना है तो बचत योजनाओं में निवेश की गई राशि के प्रमाण पत्रों की जिरोक्स प्रतियां भी विवरण के साथ संलग्न करना अनिवार्य होता है, अन्य मामलों में नहीं। 120
वेतन से आयकर के विस्तृत नियम एव प्रक्रिया हेतु आयकर अधिनियम 1961 को संदर्भित किया जाना चाहिए जिसमें हाॅल ही में वित्त विधेयक 2008 के द्वारा बजट के माध्यम से निम्नलिखित संशोधन किये गये है -
- कर मुक्त आय की सीमा 1,10,000/- रूपये से बढाकर 1.5 लाख रूपये की गई है।
- महिलाओ के लिए कर मुक्त आय की सीमा 1,80,000/- रूपये है।
- वरिष्ठ नागरिकों जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो उनके लिए कर मुक्त आय की सीमा 2,25,000/- रूपये है।
- वित्त वर्ष 2008-09 कर निर्धारण वर्ष 2009-10 के लिए आय कर के स्लेब कर मुक्त आय घटाने के उपरान्त शेष कर योग्य आय पर निम्न प्रकार है -
- 3,00,000/- रूपये तक आय = 10 प्रतिशत
- 3,00,000/- से 5,00,000/- रूपये तक = 20 प्रतिशत
- 5,00,000/- से अधिक आय पर = 30 प्रतिशत
- भुगतान योग्य आयकर पर 2 प्रतिशत शिक्षा अधिभार (एजूकेशन सेस) अतिरिक्त देय होता है। इसके अलावा 10 लाख रूपये से अधिक आय होने पर 10 प्रतिशत अधिभार (सरचार्ज ) उपरोक्त सभी मामलों में देय होता है।
- वेतन पर मानक कटौती जो धारा 16 (प) मिलती थी उसे वित्तीय वर्ष 2005-06 से समाप्त कर दिया गया है।
- वित्तीय वर्ष 2005-06 से धारा 88 की छूट के स्थान पर नई धारा 80सी की छूट अनुमेय की गई है जिसके तहत 1 लाख रूपये तक के निवेश जैसे - राष्ट्रीय विकास बचत पत्र, लोक भविष्य निधि, भविष्य निधि, जीवन बीमा प्रीमियम की राशि, पेंशन योजना में निवेश, गृह निर्माण अग्रिम का पुर्नभुगतान, दो बच्चों तक का शिक्षण शुल्क इत्यादि को सम्मिलित किया गया है।
- धारा 80 सी, 80 सी.सी.सी., 80 सी.सी.डी. इत्यादि के निवेश को मिलाकर कुल औसत कटौति 1 लाख रूपये से अधिक नहीं हो सकती है।
- वित्तीय वर्ष 2005-06 से वरिष्ठ नागरिक, महिला, छोटे करदाता इत्यादि को अनुमेय कर राहत को भी समाप्त कर दिया गया है जो पहले धारा 88 बी, 88 सी, 88 डी के तहत प्रदान की जाती थी।
- बैंक ब्याज, लाभांश, राष्ट्रीय बचत पत्रों पर ब्याज इत्यादि को, जो पहले धारा 88 एल में कटौती योग्य होते थे, उन्हें समाप्त कर दिया गया है। 121
- वित्तीय वर्ष 2005-06 से बैंकों में एक निर्धारित सीमा से ज्यादा नगद आहरण या जमा कराने पर / 0.1 प्रतिशत की दर से बैंकिंग सेवा केश ट्रांजेक्शन टेक्स शुरू किया गया है।
- सेवा निवृति/मृत्यु पर छुट्टियों के नगदीकरण कराने पर प्राप्त राशि धारा 10 (10 ए.ए.) के तहत आयकर से मु क्त है।
- पेंशन के कमुटेशन की राशि भी धारा 10 (10ए) के तहत आयकर से मुक्त रहती है। इसी तरह सेवा निवृति ग्रेच्यूटी भी आयकर से मुक्त है।
- वेतन निर्धारण या अन्य कारणों से किसी कर्मचारी को पिछला एरियर एकमुश्त मिलता है तो वह यदि चाहे तो धारा 89 (1) के अंतर्गत छूट प्राप्त कर सकता है।
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