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जाने चिकित्सा प्रमाण पत्र यानी ड्यूटी फिट प्रमाण पत्र कब कब आवश्यक है




भारतीय रेलवे मेडीकल मैनुअल के निर्देश केअनुसार

1. निम्न प्रकरणों से ड्यूटी फिट प्रमाण पत्र आवश्यक है। (IRMM पैरा 541)

A. जब कर्मचारी चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर छुट्टी पर रहा हो।

B. जब कर्मचारी प्राधिकृत रेल चिकित्सक के अधीन ईलाज में रहा हो व इस हेतु प्रमाण पत्र (M8B) जारी हुआ हो।

C. जब कर्मचारी बीमारी के कारण 3 दिन तक की अवधि तक छुट्टी पर हो व किसी प्राइवेट मेडीकल फिट प्रमाण पत्र के साथ आयें हो तो उसे एक घोषणा पत्र की प्रति कि वह इस अनुपस्थिति के दौरान कोई आँख की बीमारी से पीडित नही था, लेकर ज्वाइन कराया जा सकता है।

D. बीमारी के कारण तीन दिन से अधिक की अनुपस्थित पश्चात प्राइवेट चिकित्सा प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित हुआ हो तो रेलवे डाक्टर से फिट प्रमाण पत्र (M15B) लाना जरूरी है।

Note - रेलवे कर्मचारी को निजी चिकित्सक से उसके फिट होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर वापस भेज दिया जाना चाहिए, बशर्ते कि रेलवे चिकित्सा अधिकारी द्वारा उसे फिट पाया जाए। यदि सक्षम रेलवे चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में 24 घंटे से अधिक की देरी होती है, तो संबंधित कर्मचारी को निजी चिकित्सा अधिकारी से चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर वापस भेज दिया गया माना जाएगा।

E. अपने प्राधिकृत रेलवे चिकित्सा से बाहर मुख्यालय से दूर बीमार होने पर व सिक प्रमाण पत्र मिलने पर उसके बाद यात्रा के योग्य होने पर दूसरे डॉक्टर द्वारा ट्रांसफर मेमो जारी करेगा। इसके पाश्चात प्राधिकृत रेलवे चिकित्सक द्वारा फिट प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।

F. जब कोई रेल कर्मचारी जो रेलवे चिकित्सक के अधिकार क्षेत्र के अंदर या बाहर रहता हो और किसी निजी / अन्य चिकित्सक से इलाज करा हो व उससे फिट प्रमाण पत्र लेकर उपस्थित हो ऐसे प्रकरणों में रेलव चिकित्सक द्वारा ध्यानपूर्वक परीक्षा करने के बाद निर्धारित प्रपत्र में ड्यूटी फिट प्रमाण पत्र जारी किया किया जायेगा । इसके पश्चात ही ड्यूटी पर लिया जाना चाहिये। (IRMM पैरा 542)

2. IRMM पैरा 514 एफ के अनुसार वे कर्मचारी जो A - one, A- two, A - three वर्ग के है अनुपस्थित होंने पर उसे संरक्षा के हित में निम्न परिस्थितियों में विशेष चिकित्सा जाच के लिये भेजा जाना चाहिये यदि वे रेलवे चिकित्सा अधिकारी के इलाज में न हो।

(1) यदि आँख का इलाज या शल्य किया कराई हो ।

(2) यदि 90 दिन से अधिक की अवधि से अनुपस्थित के बाद ड्यूटी पर आया हो ।

(3) A - one, A - two, A- three वर्ग के कर्मचारियों को अनुपस्थिति या छुट्टी की अवधि कितनी भी हो अपने पर्यवेक्षक को घोषणा पत्र देना होगा की उसे आँख का रोग नहीं था या उसने शल्य किया नहीं कराई है।

इस उपरोक्त परिस्थितयों में ही कर्मचारी को प्राधिकृत रेलवे चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस प्रमाण पत्र लाने को कहा जाना चाहिये व आवश्यकतानुसार विशेष चिकित्सा जॉच के लिये भेजा जाना चाहिए। जो

NOTE - अनुपस्थिति कर्मचारी के व्यक्तिगत कारणों से थी व बीमारी के कारण नही होती है उस प्रकरणों में ड्यूटी फिट प्रमाण पत्र लाने के लिये कर्मचारी को बाध्य नही किया जाना चाहिये तथा ड्यूटी पर लिया जाना चाहिये क्योकि इससे अनावश्यक जनशक्ति का नुकसान होता है।

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