(1) प्रत्येक अराजपत्रित रेलवे कर्मचारी के लिए, चाहे वह पेंशनी हो या अपेंशनी, एक सेवा – पुस्तिका कार्यालय के प्रमुख के पास सुरक्षित रखी जाएगी। जब वह कर्मचारी राजपत्रित नियुक्ति पर स्थानापन्न हो तो उसकी सेवा –पुस्तिका उस कार्यालय में ही रखी जायेगी जहाँ उसकी स्थायी नियुक्ति है परन्तु जब वह राजपत्रित पद पर स्थायी हो जाए तो उसकी सेवा – पुस्तिका संबंधित लेखा कार्यालय को रिकार्ड के लिए भेज दी जायेगी।
(2) राजपत्रित अधिकारियों की सेवा –पुस्तिकाएँ उस लेखा कार्यालय में रखी जाएगी जिसके व्दारा उनके वेतन तथा भत्तों का भुगतान किया जाता है।
(3) सेवा पुस्तिका वह रिकार्ड है,जिसमें रेलवे कर्मचारी के सेवा – काल की सभी घटनाएं दर्ज की जाती है। इसमें कर्मचारी के बारे में सभी विवरण भी दर्ज किये जाते है जैसे–
– पूरा नाम, पिता का नाम, जाति/राष्ट्रीयता/धर्म, अनु. जा./अनु. जन.जा. से सम्बन्ध है या नही,स्थायी एवं वर्तमान पता, जन्मतिथि, शैक्षिक अर्हता, पहचान चिन्ह, कद, अंगूठे का निशान, स्वास्थ्य परीक्षा कौन – सी पास की, नियुक्ति तिथि,स्थान, ग्रेड तथा वेतन, पोस्टिंग, वेतन वृध्दियां, पदोन्नति तथा दण्ड आदि। नियुक्ति के समय सेवा –पुस्तिका पर कर्मचारी के हस्ताक्षर औरयदि वह अनपढ़ हो तो अंगूठे का निशान लिया जाता है। देय छुट्टी, ली गई छुट्टी तथा शेष छुट्टी आदि का ब्यौरा सेवा – पुस्तिका के साथ संलग्न छुट्टी खाते में दर्ज किया जाता है।
(4) रेलवे कर्मचारी के सरकारी जीवन में प्रत्येक घटना उसकी सेवा – पुस्तिका में दर्ज किया जाना चाहिये और कार्यशाला की अर्ध्द– कुशल तथा अकुशल कोटियों सहित समूह ‘घ’ के कर्मचारियों को छोडकर शेष सब कर्मचारियों की सेवा –पुस्तिकाओं में की गई प्रत्येक प्रविष्ट को राजपत्रित अधिकारी व्दारा अनु प्रमाणित किया जाना चाहिये। समूह ‘घ’ कर्मचारियों की सेवा – पुस्तिका में, जिनमें कार्यशाला की अर्ध्दकुशल तथा अकुशल कोटियाँ भी शामिल है।
प्रत्येक वह घटना जिसका प्रभाव कर्मचारी की ग्रेच्युटी /भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड)का विशेष अंशदान / पेंशन की राशि पर पड़ता हो, ध्यानपूर्वक दर्ज की जानी चाहिए। सेवामें नियुक्ति एवं सेवा की समाप्ति के बारे में तथा ग्रेच्युटी / भविष्य निधि को विशेष अंशदान / पेंशन के बारे में सिफारिश सम्बन्धी प्रविष्टियाँ राजपत्रित अधिकारी व्दारा अनुप्रमाणित की जाएगी। जबकि अन्य प्रविष्टियों पर भाग के उस वरिष्ठ अधीनस्थ (सुपरवाइजर) के हस्ताक्षर हो सकते है जिसे इसका प्राधिकार दिया गया हो।
(5) सेवा – पुस्तिका में की गई सभी प्रविष्टियों से सम्बन्धित दस्तावेज सेवा – पुस्तिका में रखे जाएंगे, जैसे – नियुक्ति के लिए आवेदन – पत्र, नियुक्ति की पेशकश का पत्र, चिकित्सा योग्यता प्रमाण – पत्र, शिक्षा और अर्हताओ के प्रमाण –पत्र, चरित्र सत्यापन का प्रमाण – पत्र, स्थायीकरण, पदोन्नति, स्थानान्तरण सम्बन्धी सभी प्रमाण – पत्रों की प्रतियाँ। सेवा – पुस्तिका के तीन भाग होते है। कर्मचारी के विवरण वाली सेवा – पुस्तिका, छुट्टी खता तथा निजी फ़ाइल में सभी सम्बध्द दस्तावेज रखे जाते है।
(6) सेवा के दौरान प्रत्येक निलम्बन की अवधि तथा अन्य व्यवधान अवधि के पूरे ब्यौरे सहित सेवा –पुस्तिका के निर्धारित पृष्ठ पर दर्ज की जानी चाहिए तथा इसे अनुप्रमाणित किया जाना चाहिये। अनुप्रमाणित करने वाले अधिकारी को देखना चाहिये कि यह प्रविष्टियाँ तत्परता से की जाए।
(7) सेवा – पुस्तिका का नया प्रारूप - रेल मंत्रालय ने 24.2.77 को यह निर्णय किया कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 11.3.76 / 6.10.76 के अंतर्गत सेवा – पुस्तिका का नया प्रारूप निर्धारित किया गया, उसे रेलवे पर भी लागू किया जाए संशोधित सेवा – पुस्तिका नये प्रवेशी के लिए लागू होगी और वर्तमान कर्मचारियों के लिए नई सेवा – पुस्तिका तब खोली जाए जब पुरानी सेवा –पुस्तिकाओं का भण्डार, समाप्त हो जाए तथा उस स्थिति में भी वर्तमान प्रविष्टियों को नयी सेवा –पुस्तिकाओं में लिखने की आवश्यकता नहीं।
(8) नए सेवा – पुस्तिका के विभिन्न मदे–पुस्तिका में आरम्भ में कर्मचारी का पूरा नाम, जाति, राष्ट्रीयता,आयु, शैक्षिणिक योग्यता, पहचान के चिन्ह, पता, अनुसूचित जाति/जनजाति या अन्यथा, नियुक्ति की तिथि, स्थान, नियुक्ति के समय पद, वेतन और वेतनक्रम, नियुक्ति पत्र की संख्या और तारीख, धर्म आदि होते है। पहले पृष्ट पर उसकी फोटो भी चिपकाई जाती है। नियुक्त करने वाले अधिकारी का पद नाम उसके हस्ताक्षर भी होते है।
(9) सेवा – पुस्तिका संबंधी कुछ महत्वपूर्ण निर्देश –
a) जन्म तिथि अंको में और शब्दों में दोनों तरह से लिखी जाये।
b) इंस्टीट्यूट आफ रेल ट्रांसपोर्ट का डिप्लोमा मिलने पर इसकी प्रविष्टि करनी चाहिए।
c) स्काउटिंग की कोई योग्यता प्राप्त करने पर उसके बारे में लिखा जाना चाहिये।
d) अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी कार्य में योगदान के लिए पुरस्कृत होने पर प्रविष्टि की जाये और प्रमाणपत्र की नकल गोपनीय रिपोर्ट के साथ रखी जाये।
e) ग्रुप ‘डी’ कर्मचारी के पूरे नाम के बाद कुलनाम (सरनेम) भी लिखा जायेगा।
f) सेवा – पुस्तिका को हमेशा अद्यतन (पूरा) रखा जाये। कार्मिक शाखा में यह दायित्व कार्मिक निरीक्षक का होगा,कार्मिक निरीक्षक सेवा पुस्तिका का अद्यतन रहना सुनिश्चित करेगा और यह भी कि प्रविष्टियाँ एक महीने से अधिक न पिछड़े (रेल सुधार आयोग की सिफारिशें 92 और 151 जिन्हें बोर्ड ने लागू करने के आदेश दिये)।
g) केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना 1980 के सभी वर्तमान सदस्यों एवं नये सदस्यों का फ़ार्म नं.13 सेवा – पुस्तिका में रखा जाएगा। प्रतिवर्ष जनवरी के महीने में तथा कर्मचारी स्थानांतरण के समय कार्यालय प्रधान फ़ार्म सं. 13 के कालम 7 में यह प्रमाण पत्र देगा और तिथि के साथ हस्ताक्षर करेगा –
‘योजना के समूह ----के अनुरूप जनवरी ---- से दिसम्बर----- तक के लिए ---- रु. की दर से अंशदान की कटौती कर ली गई है’
पदोन्नति स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति / अन्यत्र सेवा पर स्थानान्तरण सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठान / स्वायत्त निकाय में आमेलन, सेवानिवृत्ति आदि घटनाएँ जो योजना के सदस्य के सेवाकाल में घटित हो उसकी प्रविष्टि उपर्युक्त फ़ार्म 13 के कालम 6 के अंतर्गत दर्ज की जानी चाहिए और उसे तिथि के साथ हस्ताक्षर करके उपयुक्त प्राधिकारी व्दारा सत्यापित किया जाना चाहिये।
(रेलवे बोर्ड सं. ई. (एन. जी.) 90 एफ. आर. 1/ मास्टर सर्कुलर, दिनांक 26.9.90 बाहरी 163/90)
h) कर्मचारी के परिवार के विवरण भर्ती के समय लिखवा लिए जायेंगे, बाद में जो भी परिवर्तन हो कर्मचारी उन्हें सूचित करेगा
(आर. बी. ई. 112 /2005, दिनांक 5.7.2005 )
(10) वार्षिक सत्यापन – वर्ष के आरम्भ में किसी निश्चित समय पर कार्यालय प्रमुख को चाहिये कि वह पेंशनी कर्मचारियों की सेवा –पुस्तिकाओं एवं सेवा रोलो की जाँच उनके सत्यापन के लिए करे। यदि सेवा –पुस्तिकाओं में कर्मचारी की सेवा सम्बन्धी प्रविष्टियाँ सही तौर पर दर्ज की जा रही है तो वह 1230 जी में निर्धारित फ़ार्म में इस आशय का प्रमाण पत्र अपने हस्ताक्षरों के साथ दर्ज कर दे।
यदि सेवा की कोई अवधि कार्यालय अभिलेखों से सत्यापित नही की जा सकती तो ऐसी अवधियो को सुस्पष्ट रूप से उल्लिखित करते हुए दर्ज किया जाए कि इन अवधियो की अधिकारिता के लिए कर्मचारी का लिखित ब्यान तथा उसके समकालीन कर्मचारियों की गवाही सेवा – पुस्तिका के साथ संलग्न कर दी गई है.
(11) स्थानान्तरण पर कार्यवाही –
(क) जब रेलवे कर्मचारी को एक कार्यालय, डिस्ट्रिक्ट या मंडल से दूसरे पर स्थानांतरित किया जाता है तो उसकी सेवा –पुस्तिका उस कार्यालय के प्रमुख को भेजी जाये जहाँ उसकी बदली हुई है। सेवा पुस्तिका को न तो स्थानांतरण पर न ही छुट्टी पर जाने पर कर्मचारी को दिया जाना चाहिये।
(ख) यदि रेलवे कर्मचारी को विदेश- सेवा पर स्थानांतरित किया जाता है तो उसकी सेवा – पुस्तिका रखने वाला प्राधिकारी इसे सम्बध्द लेखा अधिकारी को भेजेगा लेखा अधिकारी उसमे अपने हस्ताक्षरों सहित विदेश सेवा सम्बन्धित सभी आवश्यक प्रविष्टियाँ / विवरण दर्ज करेगा जैसे स्थानांतरण के स्वीकृति आदेश, बाह्य सेवा के दौरान देय छुट्टी पर स्थानांतरण का प्रभाव तथा अन्य ऐसे विवरण जो आवश्यक हो।
रेलवे कर्मचारी के वापिस सरकारी सेवा में लौटने पर फिर सेवा – पुस्तिका लेखा अधिकारी के सामने प्रस्तुत की जाएगी। वह उमसे अपने हस्ताक्षरों से सभी आवश्यक प्रविष्टियाँ दर्ज करेगा जैसे बाह्य सेवा सम्बन्धी छुट्टी, पेंशन अथवा भविष्य निधि अंशदान की कटौती। विदेश सेवा में बिताये गये समय के दौरान की कोई प्रविष्टि लेखा अधिकारी के अतिरिक्त कोई अन्य सत्यापित नही कर सकता है।
(12) कर्मचारी व्दारा जाँच – कार्यालय प्रमुख का यह दायित्व है कि वह प्रतिवर्ष एसी कार्रवाई सुनिश्चित करे कि उसके नियन्त्रण में कार्यरत सभी पेंशनी कर्मचारी अपनी सेवा – पुस्तिका की जाँच कर सके और इस जाँच के किये जाने के प्रमाण के तौर पर अपने हस्ताक्षर करे प्रत्येक सितम्बर के अंत तक वह अपने अगले वरिष्ठ अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देगा
कि पिछले वित्तीय वर्ष के लिए कर्मचारियों व्दारा सेवा –पुस्तिकाओं की जाँच करा ली गई है। रेलवे कर्मचारी अपने हस्ताक्षर करते समय यह देखेगा कि उस की सेवा की सत्यापित करके उपर्युक्त प्रमाण पत्र दिया गया है। विदेश सेवा पर गये कर्मचारी के हस्ताक्षर लेखा अधिकारी व्दारा विदेश सेवा सम्बन्धी प्रविष्टियाँ कर दिये जाने के पश्चात कराए जायेंगे।
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