Children Education Allowance & Hostel Subsidy के सामान्य नियम (Hi/Eng) -
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स्कूल की सुविधाएँ
शिक्षा की व्यवस्था करना राज्य सरकारों का दायित्व है इसलिए रेल मंत्रालय की नीति यह है कि इस क्ष्रेत्र में दखल न दिया जाए सिवाय सीमित मामलो के जिनका उल्लेख नीचे किया गया है –
रेल बस्तियों में उन सुविधाओ की व्यवस्था, जिनकी व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकारे या अन्य शिक्षा संगठन तैयार न हो। यदि विकल्प केवल यह हो कि रेल कर्मचारियों के बच्चे शिक्षा सुविधाओ से वंचित रहेगे, तो प्रारम्भिक शिक्षा और जहाँ पडोस में कोई उच्च विद्यालय न हो, वहाँ रेल बस्तियों में उच्च विद्यालय तक की शिक्षा को अपरिहार्य उत्तरदायित्व माना जाना चाहिए।
जहाँ रेल कर्मचारी किसी अलग – अलग जगह पर तैनात हो, वहाँ उनके बच्चों के लिए उच्च विद्यालय और कालेज की शिक्षा के लिए कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए। रेलों पर 686 शिक्षा संस्थान है इनमे एक डिग्री कालेज, एक आवासीय विद्यालय (झारी पानी – मंसूर), 7 इंटर कालेज, 81 उच्चतर माध्यमिक / हाई स्कूल है, 60 केन्द्रीय विद्यालय रेल परिसर में खुले है।
गैर – रेल विद्यालयों को सहायक अनुदान :
वित्त सलाहकार और लेखा अधिकारी के परामर्श से गैर रेल विद्यालयो के लिए सहायक अनुदान की मंजूरी दी जा सकती है जिसकी शर्ते है –
a) स्कूल में कुल विद्यार्थियों की संख्या
b) स्कूल में रेल कर्मचारियों के बच्चो या आश्रितों की संख्या, कुल बच्चो की संख्या का एक तिहाई या 100 (जो भी कम हो ) होनी चाहिए।
c) स्कूल राज्य सरकार व्दारा पूरी तरह मान्यता प्राप्त हो और उसे राज्य से अनुदान मिलता हो।
d) जो स्कूल अपना बजट ठीक से नही चला पाते हो, उन्हें कमीका ध्यान रखकर,अनुदान स्वीकृत करना चाहिए।
e) स्कूल की ओर से राज्य सरकार से अतिरिक्त सहायता प्राप्त करने के क्या उपाय किये गये है उसका ध्यान रखकर अनुदान की रकम तदर्थ रूप से निश्चित करनी चाहिए।यह रकम प्रति बच्चे पर औसत हानि के आधार पर निश्चित रकम के अंदर होनी चाहिए।
f) तदर्थ अनुदान की रकम रेल कर्मचारियों के बच्चो और वार्डो पर प्रति बच्चे औसत हानि से अधिक नही होगी और प्राइमरी, मिडिल तथा हाई स्कूल व हायर सेकंडरी कक्षाओ के विद्यार्थियों के लिए क्रमश: 8 रु. 12 रु. तथा 16 रु. प्रति विद्यार्थी प्रतिमास से अधिक नही होगी।(आर.बी.ई.- 274/98. एवं 276/98.)
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